जरूरत की खबर- सड़क पर ट्रैफिक पुलिस वाला रोके तो:क्या हैं आपके अधिकार, पुलिसकर्मी अभद्रता करे तो कहां शिकायत करें

अगर आप बाइक या कार चलाते हैं तो कभी-न-कभी ट्रैफिक पुलिस ने आपको जरूर रोका होगा। रोके जाने का मतलब हमेशा यह नहीं होता कि आपने किसी ट्रैफिक नियम का उल्लंघन किया है या कुछ गलत किया है। ट्रैफिक पुलिस का काम सड़क पर यातायात के नियमों का पालन कराना और यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाना है। ट्रैफिक पुलिस आपकी गाड़ी के और आपके डॉक्यूमेंट चेक करने के लिए भी आपको कभी भी रोक सकती है, लेकिन इसके भी नियम हैं कि पुलिस क्या कर सकती और क्या नहीं कर सकती है। लोगों के ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने की घटनाओं के साथ कई बार ट्रैफिक पुलिसकर्मी द्वारा बदसलूकी की खबरें भी सामने आती हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ट्रैफिक पुलिस को ऐसा करने का कानूनी अधिकार है। इसलिए आज जरूरत की खबर में बात करेंगे, ट्रैफिक पुलिस और वाहन चालकों के अधिकारों की। साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: रवि रंजन मिश्रा, अधिवक्ता (सुप्रीम कोर्ट) सवाल- अगर सड़क पर कोई ट्रैफिक पुलिसकर्मी रोके तो किन बातों का ख्याल रखना चाहिए? जवाब- अधिवक्ता रवि रंजन मिश्रा बताते हैं कि ट्रैफिक पुलिस को वाहन चालकों को रोककर गाड़ी के कागजात देखने या सवाल पूछने का अधिकार है। अगर आपसे रुकने के लिए कहा गया है तो इसका मतलब यह नहीं है कि आपने कुछ गलत किया है। यातायात पुलिस केवल नियमित पूछताछ के लिए भी वाहन चालकों को रोक सकती है। इसलिए अगर आपने कोई ट्रैफिक रूल नहीं तोड़ा है और ट्रैफिक पुलिस आपको रोकती है तो इन बातों का ख्याल रखें– सवाल- ट्रैफिक पुलिस के पास क्या अधिकार होते हैं? जवाब- वाहन चालकों की तरह ट्रैफिक पुलिस के पास भी कानून के मुताबिक कुछ विशेष अधिकार होते हैं, जिनका इस्तेमाल वे यातायात नियमों का पालन कराने या सड़क सुरक्षा बनाए रखने के लिए करते हैं। ट्रैफिक पुलिस यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर और वाहन के डॉक्यूमेंट्स पूरे न होने पर जुर्माना वसूल सकती है या वाहन जब्त कर सकती है। इसके अलावा ट्रैफिक पुलिस से अभद्रता के मामले में गिरफ्तारी भी हो सकती है। सवाल- ट्रैफिक पुलिस वाहन चालकों के साथ किस तरह का व्यवहार नहीं कर सकती है? जवाब- अगर आप यातायात नियमों का पालन कर रहे हैं तो पुलिस से घबराने की जरूरत नहीं है। ट्रैफिक पुलिस आपको रोककर पूछताछ या उचित डॉक्यूमेंट्स मांग सकती है, लेकिन इसका अर्थ ये नहीं है कि पुलिसकर्मी वाहन चेकिंग के नाम पर वाहन चालक से अभद्र व्यवहार करे। ऐसा करने पर वाहन चालक ट्रैफिक पुलिसकर्मी के खिलाफ उच्च अधिकारियों से शिकायत कर सकता है। सवाल- क्या कोई पुलिसकर्मी आपकी कार या बाइक की चाबी निकाल सकता है? जवाब- अगर आप चेकिंग दौरान सहयोग कर रहे हैं तो पुलिस अधिकारी को चाबी निकालने से मना कर सकते हैं। कोई भी पुलिस अधिकारी दोपहिया या चारपहिया वाहन की चाबी नहीं छीन सकता है। इसे लेकर अधिवक्ता पवन पारिख द्वारा एक राइट टू इन्फॉर्मेशन (RTI) दायर की गई थी, जिसके जवाब में यह स्पष्ट किया गया कि ट्रैफिक पुलिस अधिकारी चाहे किसी भी रैंक का हो, उसे जबरदस्ती वाहन से चाबी निकालने का अधिकार नहीं है। सवाल- अगर यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर चालान कटा है तो किन बातों का ध्यान रखें? जवाब- ट्रैफिक पुलिस द्वारा यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर या आधिकारिक डॉक्यूमेंट्स न होने पर चालान किया जाता है। यह अपराध के कानूनी सबूत के रूप में कार्य करता है, जिसमें जुर्माने की राशि का प्रावधान होता है। चालान होने की स्थिति में इसकी रसीद प्राप्त करना जरूरी है क्योंकि चालान के भुगतान में देरी करने पर अधिक जुर्माना, लाइसेंस निलंबन या वाहन जब्ती की कार्रवाई हो सकती है। अगर ट्रैफिक पुलिस द्वारा आपकी गाड़ी का चालान काटा गया है तो चालान में इन चीजों को जरूर चेक करें। जैसेकि- सवाल- ट्रैफिक पुलिककर्मी की शिकायत कहां कर सकते हैं? जवाब- अधिवक्ता रवि रंजन मिश्रा बताते हैं कि अगर ट्रैफिक पुलिसकर्मी आपसे किसी भी तरह की अभद्रता या बदसलूकी करता है तो आप मौके पर उससे सावधानी और विनम्रता से पेश आएं। इस दौरान ट्रैफिक पुलिसकर्मी के बैच पर लिखा नाम और नंबर याद रखें। इसके बाद आप डीसीपी ट्रैफिक या किसी अन्य सीनियर अधिकारी को ईमेल भेजकर या उनके ऑफिस में जाकर मामले की लिखित शिकायत कर सकते हैं। सवाल- किन लोगों को हेलमेट न पहनने की छूट मिलती है? जवाब- हेलमेट रेगुलेशन एंड लॉ इन इंडिया के मुताबिक देश में सभी दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य है। इस नियम के सेक्शन 129 के मुताबिक, बिना हेलमेट दोपहिया वाहन चलाने पर 5000 रुपए का चालान हो सकता है और ड्राइविंग लाइसेंस को तीन साल के लिए स्थगित किया जा सकता है। हालांकि अगर कोई सिख व्यक्ति बाइक या स्कूटर चलाते समय पगड़ी पहनता है तो उसे बिना हेलमेट के बाइक चलाने की अनुमति है। इनके अलावा अगर किसी व्यक्ति की गर्दन के ऊपर कोई सर्जरी हुई है, जिसकी वजह से उसे हेलमेट पहनने में परेशानी है तो उसे भी हेलमेट न पहनने की छूट मिलती है। हालांकि, इसके लिए व्यक्ति को सर्जरी से जुड़े डॉक्यूमेंट्स सबूत के तौर पर दिखाने होंगे।