हाल ही में मल्टीनेशनल कंपनी लार्सन एंड टूब्रो (LT) के चेयरमैन एस. एन. सुब्रह्मण्यन ने एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने अपने एम्प्लॉइज को हफ्ते में 90 घंटे काम करने की सलाह दी। इसके बाद देशभर में काम के घंटों को लेकर एक बहस छिड़ गई है। बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण से लेकर आरपीजी एंटरप्राइजेज के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने एस. एन. सुब्रह्मण्यन के इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। हर्ष गोयनका ने कहा कि काम को स्मार्ट तरीके से किया जाए, न कि गुलामी की तरह। इससे पहले इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति ने भी युवाओं को हफ्ते में 70 घंटे काम करने की सलाह दी थी। ऐसे में सवाल उठता है कि भारत में काम के घंटे को लेकर को लेकर क्या नियम है। इसे लेकर लेबर लॉ क्या कहता है। तो चलिए, आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि भारत में वर्किंग आवर्स को लेकर क्या नियम है? साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: रवि रंजन मिश्रा, अधिवक्ता, सुप्रीम कोर्ट सवाल- भारत में कितने घंटे काम करने का नियम है? जवाब- फैक्ट्रीज एक्ट, 1948 में काम के घंटों को तय किया गया है। इसके मुताबिक, भारत की फैक्ट्रियों और प्रोडक्शन यूनिट्स में एक दिन में अधिकतम 9 घंटे और हफ्ते में 48 घंटे काम का समय तय है। 9 घंटे की शिफ्ट में व्यक्ति को खाना खाने के लिए एक घंटे का समय मिलना चाहिए। साथ ही हफ्ते में एक अवकाश देना जरूरी है। अगर कोई कर्मचारी अपने तय समय से ज्यादा काम करता है तो उसे ओवरटाइम का पैसा मिलेगा। सवाल- ओवरटाइम को लेकर क्या कानून है? जवाब- फैक्ट्रीज एक्ट, 1948 के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति सप्ताह में 48 घंटे से ज्यादा काम करता है तो वह अतिरिक्त घंटों के लिए दोगुना भुगतान पाने का हकदार है। हालांकि ओवरटाइम के भुगतान के बाद भी हफ्ते में 60 घंटे से अधिक काम नहीं कराया जा सकता है। इस कानून के मुताबिक, फैक्ट्रियों को अधिकतम पांच घंटे काम कराने के बाद अपने एम्प्लॉई को कम-से-कम आधे घंटे का ब्रेक देना जरूरी है। इस अधिनियम में यह स्पष्ट है कि यह नियम सिर्फ फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारियों या श्रमिकों के लिए है। सवाल- अगर कोई कंपनी काम के घंटों को लेकर मनमानी करे तो उस पर क्या कार्रवाई हो सकती है? जवाब- सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट रवि रंजन मिश्रा बताते हैं कि फैक्ट्री एक्ट, 1948 में कंपनी या फैक्ट्री के खिलाफ भी कार्रवाई के कुछ नियम तय किए गए हैं। इस एक्ट की धारा 92 के मुताबिक, अगर कोई कंपनी इस कानून के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन करती है तो उस पर एक लाख रुपए तक का जुर्माना, कंपनी के मालिक को एक साल की सजा या दोनों हो सकती है। सवाल- अगर कंपनी ओवरटाइम का भुगतान नहीं करे तो कर्मचारी किससे शिकायत कर सकता है? जवाब- अगर कर्मचारी ने काम किया है तो उसे अपनी सैलरी पाने का अधिकार है। कोई कंपनी या ठेकेदार अपने एम्प्लॉई की सैलरी रोकता है या सैलरी देने से मना करता है तो इसकी शिकायत की जा सकती है। इसके लिए कर्मचारी को सबसे पहले स्थानीय पुलिस से लिखित शिकायत करनी चाहिए। अगर पुलिस शिकायत को गंभीरता से न ले तो कर्मचारी राज्य सरकार के लेबर कोर्ट या जिला कोर्ट में मामले की शिकायत कर सकता है। इस लिखित शिकायत में ठेकेदार या कंपनी का पूरा नाम, पता और काम के स्थान के साथ अपना पूरा नाम, पता, फोन नंबर, एम्प्लॉई आईडी, बकाया राशि की जानकारी दर्ज करनी होगी। साथ ही कर्मचारी को ये भी बताना होगा कि उसने कब-से-कब तक किस जगह या प्रोजेक्ट के लिए काम किया है। इसके अलावा लेबर कमिश्नर ऑफिस में भी लिखित शिकायत कर सकते हैं। लेबर कमिश्नर भी कानूनी कार्रवाई कर आपका बकाया भुगतान करवा सकते हैं। शिकायत करते समय ग्राफिक में दी गई कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। अगर किसी एम्प्लॉई को निर्धारित घंटे से ज्यादा काम करने पर उचित भुगतान नहीं मिलता है तो वह श्रम न्यायालय या श्रम आयुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज करा सकता है। अगर कोई कंपनी श्रम कानून का बार-बार उल्लंघन करती है तो उसका लाइसेंस भी रद्द हो सकता है सवाल- विकसित देशों में एक सप्ताह में कितने घंटे लोग काम करते हैं? जवाब- आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया के विकसित देशों में लोग एक सप्ताह में 40 घंटे से भी कम काम करते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का हफ्ते में काम करने का तय मानक भी इस पर फिट बैठता है। इनमें अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, जर्मनी, फ्रांस, रूस, ऑस्ट्रेलिया, इटली, स्वीडन और स्विटजरलैंड समेत कई विकसित देश शामिल हैं। सवाल- भारत में लोग एक हफ्ते में औसतन कितने घंटे काम करते हैं? जवाब- भारत दुनिया के उन देशों में से एक है, जहां कर्मचारी लंबे समय तक काम करते हैं। इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन (ILO) के मुताबिक, यहां प्रति कर्मचारी सप्ताह में 46.7 घंटे वर्क करते हैं। साथ ही 51% कर्मचारी प्रति सप्ताह 49 या उससे ज्यादा घंटे काम करते हैं। भारत दुनिया के सबसे ज्यादा काम के घंटों वाले देशों में दूसरे स्थान पर है। वहीं लिस्ट में भूटान पहले स्थान पर है, जहां 61% कर्मचारी हफ्ते में 54.4 घंटे काम करते हैं। …….……………
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