गर्मियों के सीजन में तरबूज सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले फलों में से एक है। इसके अंदर 90% पानी होता है, जो शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है। इसके अलावा इसमें विटामिन C, विटामिन A और एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो स्किन को हेल्दी और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। हालांकि गर्मियों के सीजन में मांग बढ़ने के साथ तरबूज में मिलावट का खतरा भी बढ़ जाता है। हाल ही में तमिलनाडु के तिरुपुर में फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने मिलावटी रंगों और खराब क्वालिटी वाले तरबूजों को पकड़ा। इस छापेमारी के दौरान 2,000 किलो से ज्यादा खराब तरबूजों को जब्त कर उन्हें नष्ट किया गया। डिपार्टमेंट ने उपभोक्ताओं को सलाह दी है कि वे बाजार से तरबूज खरीदते समय उसकी क्वालिटी की खुद जांच जरूर करें। तो चलिए, आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि मिलावटी तरबूज की पहचान कैसे कर सकते हैं? साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: डॉ. पूनम तिवारी, सीनियर डाइटीशियन, डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ सवाल- तरबूज में किस तरह की मिलावट की जाती है? जवाब- तरबूज में ऐसे केमिकल्स मिलाए जाते हैं, जो इसकी शेल्फ लाइफ और मिठास को बढ़ाने के साथ गूदा को ज्यादा लाल दिखाते हैं। जैसकि- एरिथ्रोसिन (Erythrosine) यह एक सिंथेटिक पिंक रंग होता है, जो आमतौर पर फूड कलरिंग में इस्तेमाल किया जाता है। यह तरबूज में मिलाए जाने वाला सबसे खतरनाक रंग माना जाता है। इसे तरबूज के गूदे में जबरदस्ती इंजेक्ट किया जाता है या फिर इसे पानी में घोलकर तरबूज के अंदर डाला जाता है। इससे तरबूज का गूदा अधिक लाल और आकर्षक दिखाई देता है। कार्बाइड से पकाया गया फल कुछ कारोबारी कच्चे तरबूजों को किसानों से खरीदकर उन्हें कार्बाइड से जबरन पकाते हैं। कार्बाइड एक केमिकल है, जो नेचुरल रूप से फल के पकने की प्रक्रिया को तेज करता है। कार्बाइड से पकाया गया तरबूज सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। सवाल- मिलावटी तरबूज खाने से किस तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं? जवाब- सीनियर डाइटीशियन डॉ. पूनम तिवारी बताती हैं तरबूज में मिलाए जाते वाले खतरनाक केमिकल्स के कारण कुछ लोगों को स्किन पर रैशेज, खुजली या सांस लेने में तकलीफ जैसे एलर्जिक रिएक्शन हो सकते हैं। वहीं लंबे समय तक मिलावटी तरबूज खाने से लिवर और किडनी पर बुरा असर पड़ता है। इससे शरीर में टॉक्सिन्स सब्सटेंस जमा होने लगते हैं और पाचन तंत्र भी कमजोर हो सकता है। सवाल- मिलावटी तरबूज की पहचान कैसे कर सकते हैं? जवाब- मिलावटी तरबूज की पहचान करने के लिए फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने एक वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में FSSAI ने कुछ तरीके बताए हैं, जिनकी मदद से आप घर पर आसानी से तरबूज में मिलावट की पहचान कर सकते हैं। सवाल- तरबूज खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? जवाब- गर्मी में तरबूज सेहत और ताजगी दोनों देता है, लेकिन अगर यह मिलावटी या बासी हो तो फायदे की जगह नुकसान कर सकता है। इसलिए तरबूज खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसेकि- सवाल- क्या केवल मार्केट में बिकने वाले तरबूज ही मिलावटी हो सकते हैं? जवाब- मिलावट केवल बड़े बाजारों तक सीमित नहीं है। छोटे फल विक्रेता और मंडियों में भी मिलावटी फल बिक सकते हैं। इसलिए हमें जहां भी तरबूज खरीदें, उसकी जांच करना जरूरी है। सवाल- क्या मिलावटी तरबूज का सेवन तुरंत असर दिखाता है? जवाब- सीनियर डाइटीशियन डॉ. पूनम तिवारी कहती हैं कि मिलावटी तरबूज खाने का असर जरूरी नहीं कि तुरंत दिखे। कुछ लोगों को खाते ही पेट में दर्द, उल्टी या खुजली जैसी दिक्कत हो सकती है, लेकिन ज्यादातर लोगों पर इसका लंबे समय में असर होता है। सवाल- मिलावटी तरबूज का शरीर में प्रभाव कितने समय तक रहता है? जवाब- मिलावटी तरबूज का असर शरीर में लंबे समय तक रह सकता है, खासकर जब इसे बार-बार खाया जाए। इसमें मिले हुए केमिकल धीरे-धीरे शरीर में टॉक्सिन्स के रूप में जमा होते हैं। ये टॉक्सिन्स किडनी, लिवर और पाचन तंत्र पर असर डाल सकते हैं। कुछ मामलों में इसका असर हफ्तों या महीनों बाद दिखता है, जब शरीर में ज्यादा मात्रा में ये हानिकारक पदार्थ इकट्ठा हो जाते हैं। सवाल-मिलावट करने वाले फल विक्रेताओं पर क्या कार्रवाई हो सकती है? जवाब- मिलावटी खाने-पीने की चीजें बेचना कानूनन अपराध है। खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाती है। अगर कोई फल विक्रेता तरबूज में रंग या केमिकल मिलाकर बेचता है तो उस पर जुर्माना, व्यापार लाइसेंस रद्द करने और कानूनी सजा जैसी कार्रवाई हो सकती है। BNS की धारा 149 के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति खाने-पीने की चीजों में मिलावट करता है तो उसे 6 महीने तक की जेल, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। यह कानून उपभोक्ताओं की सेहत की सुरक्षा के लिए बनाया गया है। वहीं, अगर मिलावटी तरबूज खाने से किसी व्यक्ति की सेहत बिगड़ती है तो विक्रेता को मुआवजा देना पड़ सकता है और उसके खिलाफ अलग से कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि फल विक्रेता साफ-सुथरे और सुरक्षित तरीके से फल बेचें और उपभोक्ता सावधानी से खरीदारी करें। ………..………… सेहत से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… जरूरत की खबर- कैल्शियम कार्बाइड से पका आम नुकसानदायक: FSSAI ने दी चेतावनी, आम खरीदने से पहले रहें सतर्क, ऐसे करें पहचान भारतीय बाजारों में आम का सीजन शुरू हो चुका है। हालांकि आम की बढ़ती मांग के बीच कुछ लोग इसे जल्दी पकाने के लिए केमिकल्स का सहारा लेते हैं। यह सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक है। पूरी खबर पढ़िए…