जल्द ही आप सड़क किनारे खड़े रेहड़ी वाले के चटपटे खाने का आनंद घर बैठकर भी ले सकते हैं। स्ट्रीट वेंडर्स को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर लाने के लिए शहरी विकास मंत्रालय ने फूड डिलिवरी प्लेटफॉर्म स्विगी के साथ एक समझौता किया है। यह समझौता प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) स्कीम के तहत किया गया है।
पांच शहरों में शुरू होगा पायलट प्रोजेक्ट
मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक, स्विगी अहमदाबाद, चेन्नई, दिल्ली, इंदौर और वाराणसी में पायलट प्रोजेक्ट शुरू करेगा। इसके लिए इन शहरों के 250 वेंडर्स को प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर किया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के सफल होने के बाद अलग-अलग चरणों में इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा। समझौते के मुताबिक, स्विगी स्ट्रीट वेंडर्स को रजिस्ट्रेशन, ट्रेनिंग की तकनीक, ऐप का इस्तेमाल, मैन्यू डिजिटाइजेशन और प्राइसिंग, हाइजीन और पैकिंग में मदद करेगा।
जून में लॉन्च हुई थी पीएम स्वनिधि स्कीम
केंद्र सरकार ने जून में पीएम स्वनिधि स्कीम लॉन्च की थी। इस स्कीम का मकसद कोरोना से प्रभावित स्ट्रीट वेंडर्स को फिर से आजीविका शुरू करने के लिए किफायती वर्किंग कैपिटल लोन देना था। इस स्कीम के तहत देश के 50 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को लाभ पहुंचाना है। स्कीम के तहत स्ट्रीट वेंडर 10 हजार रुपए तक का वर्किंग कैपिटल लोन ले सकते हैं।
4 अक्टूबर तक लोन के लिए 20 लाख आवेदन मिले
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 4 अक्टूबर तक पीएम स्वनिधि स्कीम के तहत लोन के लिए 20 लाख आवेदन मिल चुके हैं। इसमें से 7.5 लाख लोन को मंजूरी दी जा चुकी है। वहीं, 2.4 लाख लोन की राशि का आवंटन किया जा चुका है। इस स्कीम के तहत लोन की वापसी 1 साल में करनी है। इस राशि पर 7 फीसदी सालाना की दर से ब्याज वसूला जाएगा। समय पर भुगतान करने वाले वेंडर्स को 1 फीसदी की छूट दी जाएगी।
सोशल डिस्टेंसिंग के दौरान कारोबार बढ़ाने में मदद मिलेगी
कोविड-19 के कारण सोशल डिस्टेंसिंग न्यू नॉर्मल बन गया है। इस समझौते के चलते स्ट्रीट वेंडर्स को अपना कारोबार ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए सीधे घर बैठे ग्राहकों तक पहुंचा सकेंगे। इससे स्ट्रीट वेंडर को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कारोबार बढ़ाने में मदद मिलेगी।