जानें अपने अधिकार- ITR फाइल न करने पर क्या होगा:किन नियमों का पालन करना जरूरी, क्या है जुर्माने के नियम और आपके कानूनी अधिकार

इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 139 के मुताबिक, भारत में अगर आपकी आय टैक्स के दायरे में आती है तो इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना जरूरी है। हालांकि ITR फाइल करना मुश्किल नहीं है, लेकिन कई बार लोग इसे समय पर फाइल नहीं कर पाते या फाइल करते समय कुछ छोटी-मोटी गलतियां कर बैठते हैं। इससे रिफंड रूक जाता है और कभी-कभी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से नोटिस भी आ जाता है। ऐसे में लोगों को समझ नहीं आता कि क्या करना चाहिए और क्या कदम उठाए जाएं। तो चलिए, आज ‘जानें अपने अधिकार’ कॉलम में बात करेंगे कि इनकम टैक्स रिटर्न फाइल न करने पर अगर कानूनी नोटिस आए तो क्या करें? साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: जितेंद्र सोलंकी, फाइनेंशियल एक्सपर्ट सवाल- इनकम टैक्स रिटर्न फाइल न करने पर कौन-कौन सी पेनल्टी का सामना करना पड़ सकता है? जवाब- भारत में इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 139 के मुताबिक, जिनकी इनकम टैक्सेबल लिमिट से अधिक है, उन्हें ITR फाइल करना अनिवार्य है। लेकिन कई लोग जानबूझकर या गलती से ITR फाइल नहीं करते हैं, जिससे उन्हें भारी जुर्माना, ब्याज, नोटिस और कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- सवाल- समय पर ITR न फाइल करने पर कौन-कौन से नोटिस मिल सकते हैं और उनका क्या अर्थ है? जवाब- अगर आप समय पर ITR फाइल नहीं करते हैं तो आयकर विभाग विभिन्न सेक्शन के तहत नोटिस भेज सकता है। इन नोटिस का उद्देश्य ITR दाखिल करने की याद दिलाना, जांच करना या संभावित पेनल्टी लगाना हो सकता है। इसे इस ग्राफिक से समझिए- आइए, अब इन नोटिस का मतलब समझते हैं। धारा 142(1)- रिटर्न या जानकारी मांगे जाने का नोटिस इस नोटिस का मतलब होता है कि विभाग आपसे रिटर्न दाखिल करने या अपनी आय से जुड़ी जानकारी देने के लिए कह रहा है। जैसे ही यह नोटिस मिले आपको बिना देर किए ITR फाइल कर देना चाहिए, जिससे कोई कानूनी कार्रवाई न हो और पेनल्टी से बचा जा सके। धारा 139(9)- डिफेक्टिव रिटर्न (गलत या अधूरी ITR) का नोटिस इसका मतलब है कि आपका रिटर्न अधूरा या गलत भरा है और उसे ठीक करना जरूरी है। ऐसी स्थिति में आपको 15 दिनों के अंदर सही जानकारी के साथ ITR को दोबारा (रीफाइल) करना चाहिए, जिससे रिटर्न वैलिड माना जाए और आगे कोई दिक्कत न हो। धारा 148- पुरानी आय की जांच के लिए मिलने वाला नोटिस इसका मतलब होता है कि विभाग आपके पुराने रिटर्न की दोबारा जांच करना चाहता है। ऐसी स्थिति में आपको सही इनकम के साथ दोबारा ITR फाइल करना चाहिए। अगर कोई गलती हुई है तो ईमानदारी से स्वीकार करें और अपने दावे को सही साबित करने के लिए प्रामाणिक डॉक्यूमेंट पेश करें। इससे आप पेनल्टी और कानूनी कार्रवाई से बच सकते हैं। धारा 143(2)- स्क्रूटनी (जांच) का नोटिस इसका मतलब होता है कि विभाग आपकी रिटर्न की गहराई से जांच करना चाहता है। ऐसे में आपको सभी जरूरी डॉक्यूमेंट तैयार रखने चाहिए। जैसेकि- बैंक स्टेटमेंट, फॉर्म 16, निवेश (इन्वेस्टमेंट) की डिटेल्स, और बड़े खर्चों से जुड़ी जानकारी। इस प्रक्रिया में अगर मामला थोड़ा पेचीदा लगे तो किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) या टैक्स एक्सपर्ट से सलाह लेना फायदेमंद रहेगा, जिससे आप सही तरीके से जवाब दे सकें और किसी परेशानी से बच सकें। धारा 271F- समय पर ITR न भरने पर जुर्माने का नोटिस
इस नोटिस का मतलब होता है कि विभाग आप पर लेट फाइलिंग की वजह से जुर्माना लगाना चाहता है। ऐसे में बिना देर किए बकाया टैक्स और लेट फीस भरकर ITR फाइल कर दें। अगर रिटर्न देर से फाइल करने की कोई वेलिड वजह है जैसे बीमारी, टेक्नीकल दिक्कत या कोई अन्य मजबूरी तो विभाग को उचित डॉक्यूमेंट्स के साथ जवाब दें। सही और समय पर प्रतिक्रिया देने से आप बड़ी पेनल्टी से बच सकते हैं। सवाल- ITR देर से फाइल करने पर कितना जुर्माना और ब्याज देना पड़ सकता है? जवाब- अगर आप 31 जुलाई तक ITR दाखिल करने की निर्धारित समय सीमा से चूक जाते हैं तो आपको विलंबित रिटर्न दाखिल करने का मौका मिलता है, लेकिन इसके साथ जुर्माना भी लगता है। धारा 234F के तहत, अगर आपकी आय 5 लाख रुपए तक है तो 1000 रुपए का जुर्माना लगाया जाता है। अगर आपकी आय 5 लाख रुपए से अधिक है तो आपको 5,000 रुपए का जुर्माना भरना पड़ता है। सवाल- भविष्य में इनकम टैक्स नोटिस से बचने के लिए क्या करें? जवाब- अगर आप इनकम टैक्स नोटिस से बचना चाहते हैं तो आपको कुछ सावधानियां बरतनी और सही फाइनेंशियल हैबिट्स अपनानी होंगी। यहां कुछ आसान और महत्वपूर्ण टिप्स हैं, जो आपको नोटिस से बचने में मदद करेंगी। सवाल- क्या इनकम टैक्स विभाग मेरा बैंक अकाउंट फ्रीज कर सकता है? जवाब- अगर आप टैक्स नहीं भरते या नोटिस का जवाब नहीं देते हैं तो इनकम टैक्स विभाग ऐसा कर सकता है। यह तब होता है जब विभाग को लगता है कि आप टैक्स देने से बच रहे हैं या कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं कर रहे हैं। इससे बचने के लिए यह जरूरी है कि आप समय पर टैक्स भरें और किसी भी नोटिस का उचित और समय पर जवाब दें। सवाल- अगर मेरी इनकम टैक्सेबल नहीं है, फिर भी नोटिस आया तो क्या करें? जवाब- फाइनेंशियल एक्सपर्ट जितेंद्र सोलंकी बताते हैं कि ऐसी स्थिति में घबराने की जरूरत नहीं है। सही प्रक्रिया अपनाकर आप इस मामले को आसानी से सुलझा सकते हैं। सबसे पहले नोटिस को ध्यान से पढ़ें। नोटिस का उद्देश्य समझें। इसके बाद नोटिस में जो समय सीमा दी गई है, उसका पालन करें और समय पर जवाब देने की कोशिश करें। अगर आपकी आय टैक्सेबल नहीं है तो आपको अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स और डिटेल देने होंगे। अगर आपको समझने में कोई कठिनाई हो तो टैक्स एक्सपर्ट या चार्टर्ड अकाउंटेंट से सलाह लें। ……………. ये खबर भी पढ़े… जरूरत की खबर- पैन कार्ड के नाम पर ठगे लाखों:गूगल पर कभी न ढूंढें हेल्पलाइन नंबर्स, ऑथेंटिक सोर्स से बनवाएं ID कार्ड देश में PAN कार्ड से जुड़े साइबर फ्रॉड के मामले बढ़ रहे हैं। इसलिए इसे लेकर बेहद सावधान और सतर्क रहने की जरूरत है। किसी भी वेबसाइट पर विजिट करने से पहले यह जानना जरूरी है कि वह सिक्योर है या नहीं। पूरी खबर पढ़ें…