इमोजी यानी ऐसा आइकन जो आपके जज्बात को बयां करता है। आज 17 जुलाईका दिन इसी इमोजी के नाम है जिसके कई रिकॉर्ड बनाए हैं। इमोजी को जापान के डिजाइनर शिगेताका कुरीता ने 25 साल की उम्र में तैयार किया था। उन्होंने 1999 में इमोजी के 176 सेट तैयार किए थे जो छोटे-छोटे डॉट के रूप में थे। ये इतने पॉपुलर हुए कि इसे न्यूयॉर्क के म्यूजियम ऑफ मॉडर्न ऑर्ट में परमानेंट कलेक्शन के रूप में रखेगए।
पिछले साल ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी में इमोजी को कोर्स में शामिल किया गया है। किंग्स कॉलेज, एडिनबर्ग और कार्डिफ समेत सभी यूनिवर्सिटी के भाषा, मार्केटिंग, मनोविज्ञान और राजनीति के पाठ्यक्रम में इमोजी भी अब कोर्स का हिस्सा होगी। इमोजी की उपलब्धियों को दुनिया तक पहुंचाने के लिए इमोजीपीडिया के फाउंडर जेरेमी बर्ग ने 17 जुलाई को वर्ल्ड इमोजी डे घोषित किया। पहला इमोजी डे 2014 में मनाया गया था। आज वर्ल्ड इमोजी डे है इस मौके पर जानिए इसके सफर की कहानी…
ईमेल में शब्दों की जगह इमोजी इस्तेमाल किया
फादर ऑफ इमोजी कहे जाने वाले शिगेताका कुरीता ने न तो इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी और न ही डिजाइनर थे। अर्थशास्त्री की पढ़ाई करने वाले शिगेताका ने इमोजी को एक मोबाइल इंटरनेट सर्विस कम्पनी के लिए तैयार किया था। तब मोबाइल इंटरनेट से ईमेल भेजने के लिए कैरेक्टर की संख्या सिर्फ 250 थी। इस दौरान कुरीता को लगा कि कम शब्दों में अपनी बात कहने के लिए इमोजी सबसे अच्छा तरीका हो सकते हैं। इसलिए ईमेल में शब्दों की जगह इमोजी का इस्तेमाल किया गया।
इमोजी के पहले सेट में हंसी, दुख और सरप्राइज जैसे भाव थे
शिगेताका ने मौसम के चित्र, कॉमिक बुक से लाइट बल्ब और टिकलिंग बॉम्ब आदि से आइडिया लेकर पहला इमोजी सेट बनाया, जिसमें हंसी, दुख, क्रोध, सरप्राइज और कन्फ्यूजन का भाव दर्शाने वाले इमोजी भी शामिल थे। जापान में इमोजी की बढ़ती लोकप्रियता को देखकर आईफोन ने अपने मोबाइल फोन में इमोजी-कीबोर्ड दिया। धीरे-धीरे इसका प्रयोग एमएमएस और चैटिंग में होने लगा।
ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में शामिल हुआशब्द इमोजी
इमोजी किस हद तक लोगों की जुबान पर चढ़ा, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि 2013 में इस शब्द को ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी ने अपने शब्दकोश में शामिल किया। 2015 में ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी ने इसे वर्ल्ड ऑफ द ईयर घोषित किया। 2016 में न्यूयॉर्क के म्यूजियम ऑफ मॉडर्न आर्ट ने अपने परमानेंट कलेक्शन में शिगेताका कुरीता के 176 इमोजी के पहले सेट को शामिल किया।
इमोजी बननी चाहिए या नहीं, ऐसे तय होता है
यूनिकोड स्टेंडर्ड लिस्ट के मुताबिक, अब तक 3,304 इमोजी बनाए जा चुके हैं। यूनिकोड कमेटी के मुताबिक, हर साल सैकड़ों में नए इमोजी के आवेदन मिलते हैं। इमोजी बननी चाहिए या नहीं, यह यूनिकोड कंसोर्टियम इमोजी तय करता है लेकिन एप्पल और गूगल जैसी बड़ी कंपनियां अपने निजी इमोजी बनाने के लिए स्वतंत्र हैं। वर्ल्ड इमोजी डे की शुरुआत करने वाले जेरेमी बर्ग, खुद यूनिकोड कमेटी के सदस्य हैं। उनके मुताबिक हर साल सैकड़ों की तादाद में नई इमोजी के लिए आवेदन पत्र मिलते हैं।
ब्रिटेन की यूनिवर्सिटीज में कोर्स का हिस्सा बने इमोजी
ब्रिटेन में यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों को कोर्स में अब इमोजी भी पढ़ाया जाएगा। किंग्स कॉलेज, एडिनबर्ग और कार्डिफ समेत सभी यूनिवर्सिटी के भाषा, मार्केटिंग, मनोविज्ञान और राजनीति के पाठ्यक्रम में इमोजी और कार्टून को शामिल किया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इमोजी अब भविष्य की भाषा बनने जा रही है। लोग अब शब्दों का चयन कम कर रहे हैं और इमोजी के माध्यम से भावनाओं का इजहार ज्यादा कर रहे हैं।