जापान के डिजाइनर हारुकी नाकामुरा 17 वीं शताब्दी के आर्ट वर्क काराकुरी से जरिये बनाते हैं पेपर के खिलौने, ओरिगेमी तकनीक से बयां करते हैं अपनी क्रिएटिविटी

जापानीडिजाइनर हारुकी नाकामुरा ने अपने आर्टवर्क के जरिये पेपर क्राफ्ट को जिंदा रखने की कोशिश की है। अपने पेपर क्राफ्ट के शौक को पूरा करने के लिए उन्होंने पेपर इंजीनियरिंग की डिग्री ली। उन्होंने पेपर के माध्यम से हिलने-डुलने वाले क्रिएचर्स और डॉल्स बनाकर बच्चों को एक बार फिर पेपरक्राफ्ट की ओर आकर्षित किया है।

रंग-बिरंगे पेपर को ग्लू से चिपकाकर और अपनी क्रिएटिविटी का इस्तेमाल कर वे कभी कार्टून तो कभी कठपुतली बनाकर बच्चों को गुदगुदाते हैं। हारुकी कहते हैं जब तक आप खुद इन क्रिएशन के साथ टाइम नहीं बिताएंगे तब तक इस आर्ट को पूरी तरह समझ पाना आपके लिए मुश्किल होगा। उनका ये फन गेम बच्चों के साथ-साथ बड़ों को भी आकर्षित करता है।

समझ के जरिये खास बनाया

नाकामुरा ने तरह-तरह के पेपर क्राफ्ट को अपनी क्रिएटिविटी और समझ के जरिये खास बनाने का प्रयास किया है। वे इस आर्ट को लोगों के सामने लाने में 2000 से उस वक्त जुड़े जब उन्होंने ”पेपर क्राफ्ट टेकनिक्स इनसाइक्लोपिडिया” पढ़ी। पेपर क्राफ्ट में उनकी योग्यता को बढ़ाने में इस किताब ने खास योगदान दिया।

काराकुरी को बनाया माध्यम
हारुकी मेकेनिकल पेपर काराकुरी पर क्राफ्टिंग करना पसंद करते हैं। काराकुरी का इतिहास 17 वींशताब्दी से जुड़ा हुआ है। 17 से लेकर 19 वीं शताब्दी तक इस कला का इस्तेमाल लोगों का मनोरंजन करने के लिए किया जाता था।

काराकुरी का अर्थ होता है मेकेनिज्म या ट्रिक। काराकुरी जापानी शब्द कुराकुरु से लिया गया है। इसका मतलब होता है धागे से खींचना। हारुकी ने अपने टेक्निक में काराकुरी के साथ ओरिगेमी या पेपर फोल्डिंग तकनीक का इस्तेमाल किया।

लोगों कीइस कला के प्रति रुचि को देखकरनाकामुरा को पेपर क्राफ्ट के लिए प्रोत्साहन मिलता है।वे तरह-तरह के मजेदार किरदारों को अपनी कला के जरिये पेश करने में माहिर हैं।उनकी इस कला से लोगों को खुश होते हुए देखकर नाकामुरा को बहुत खुशी मिलती है।

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