जार लिफ्टिंग में दो वर्ल्ड रिकाॅर्ड बनाने वाली अंजू रानी जॉय, वे मानती हैं मुश्किल हालात ही हमें आगे बढ़ने का हौसला देते हैं

केरल के एर्नाकुलम में रहने वाली अंजु रानी जॉय जार लिफ्टिंग में वर्ल्ड रिकार्ड विजेताहैं। वे एक थियेटर आर्टिस्ट, मॉडल, बिजनेसवमुन और समाज सेविका भी हैं। वे मानती हैं कि मुश्किल हालात ही हमें आगे बढ़ने का हौसला देते हैं।

अंजू कहती हैं एक लड़की होने के नाते किसी मुकाम पर पहंचने के लिए आपका संघर्ष बढ़ जाता है। ऐसे में अगर आप मेरी तरह दिव्यांग हैं तो आपका संघर्ष मेरी तरह दोगुना होगा।वे पेराप्लेजिया बीमारी से ग्रसित हैं। इस बीमारी का असर दिमाग, स्पाइनल कॉर्ड या कभी-कभीशरीर के इन दोनों हिस्सों पर होता है।

इससे ग्रसित व्यक्ति के शरीर का निचला हिस्सा काम करना बंद कर देता है।31 साल की अंजू रानी जॉय बचपन से पेराप्लेजिया से पीड़ित हैं। शरीर की इस कमी के बावजूद वे मिरर राइटिंग में एक्सपर्ट हैं। वे मिरर राइटिंगके दौरान एक साथ दोनों हाथों से समान गति से लिखने का हुनर जानती हैं।

मीडिया को इंटरव्यू देते हुए अंजू।

वे अपने हाथों से ज्वेलरी बनाती हैं और उसे ऑनलॉइन बेचतीहैं।वे एक पेराप्लेजिक सोसायटी ”थनल” का हिस्सा भी हैं जो उन्हीं की तरह के अन्य लोगों की सहायता करता है।

अंजू देश की पहली व्हीलेचयर आर्टिस्ट टीम ”छाया” की सदस्य हैं। वे अब तक कई फैशन शोज का हिस्सा भी रही हैं।उन्होंने अब तक दो साउथ इंडियन फिल्मों में एक्टिंग भीकी है।

वे पलावी प्लस टीवी की मीडिया डायरेक्टरहैं। ये एक यू ट्यूब चैनल है जो दिव्यांग लोगों के टेलैंट को सामने लाता है औरऐसे लोगों को जीवन में कुछ कर दिखाने के लिए प्रेरित करता है।
अंजू का सपना है कि वे दिव्यांग लोगों के लिए एक आश्रम की स्थापना करें। अंजू के पिता का नाम जॉय और मां का नाम जेसी है।

जब अंजू के पैदा होने पर उन्हें इस बीमारी का पता चला तो वे इस बच्ची के भविष्य को लेकर चिंतित हुए लेकिन हर हाल में उन्होंने अंजू का साथ देने का फैसला किया।

दो हाथों से मिरर इमेज वर्क करते हुए अंजू रानी जॉय।

केरल के इडुकी राज्य में उनके पिता स्पोर्ट्स टीचर थे। हर रोज अंजू के पिता उसे स्कूल छोड़ते और लेने आते थे। स्कूल में अंजू ने चौथी कक्षा तक पढ़ाई की।

इसके बाद की पढ़ाई के लिए स्कूल दूर होने की वजह से अंजू ने होम स्कूलिंग की। उसने समाजशास्त्र में स्नातक की डिग्री ली।
जार लिफ्टिंग के प्रति अंजू के शौक की शुरुआत उस समय हुई जब उसने टीवी पर एक व्यक्ति को जार लिफ्टिंग करते हुए देखा। उसने एक साथ दो जार को लिफ्ट करने की कला सीखी।

अंजू ने दाे फिल्मों में एक्टिंग भी की है।

उन्हें रिकॉर्ड सेटर और यूनिवर्सल रिकॉर्ड्स फोरम से सम्मानित किया जा चुका है। वे एककिलो के दाेजार अपनी उंगलियों से एक मिनट से ज्यादा देर तक पकड़ सकती हैं।

आजकल वे दो किलो के जार को अपनी दो उंगलियों से लिफ्ट कर लोगों तारीफ बटोर रही हैं।लिस क्वीन बुटिक के नाम से उनके ऑनलाइन बुटिक भी हैं।

इसकी वर्ल्ड वाइड शिपिंग उपलब्ध है। अंजू कहती हैं समाज में लोगों को दिव्यांगों के प्रति अपना नजरिया बदलना चाहिए। हमें ईश्वर ने उतनी ही क्षमताएं दी हैं, जितनी एक सामान्य व्यक्ति के पास हैं।

अंजू के पैरेंट्स अपनी बेटी की उपलब्धिदेखकर खुश हैं। हर हाल में उसके साथ रहने वाले जेसी और जॉय कहते हैं – अगर आपकी बेटी दिव्यांग है तो उसे ईश्वर का आशीर्वाद समझें। जिंदगी में सफल होने के लिए उसे हर हाल में प्रेरित करें।

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Anju Rani Joy, who created two world records in jar lifting, believes that difficult circumstances give us courage