केंद्रीय वस्तु एवं सेवाकर (सीजीएसटी) आयुक्तालय की ओर से जिले के 106 एक्सपोर्ट्स और ट्रेडर्स को रिस्क मैंनेजमेंट फैक्टर के तहत संदिग्ध की श्रेणी में रखा गया है। जल्द ही इनकी व्यापक स्तर पर जांच की जाएगी। विभाग की ओर से जांच के लिए 6 टीमें गठित की गई हैं। जो अलग-अलग जाकर मौके पर कंपनियों की जांच करेंगी। इस दौरान देखा जाएगा कि जो कंपनियां एक्सपोर्ट या ट्रेडिंग कर रही हैं वे सीजीएसटी नियमों के तहत कार्य कर रही हैं या नहीं। टीमों को 20 अगस्त तक जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को देनी है।
केंद्रीय वस्तु एंव सेवाकर विभाग ने इनालेटिक एवं रिस्क मैंनेजमेंट (एआरएम) सेल की स्थापना की है। जो एक साल से ज्यादा समय से कार्य कर रही है। इसका मुख्य कार्य डाटा का मूल्यांकन करना है। वर्तमान में जीएसटी व सीजीएसटी से संबंधित सभी कार्यों को ऑनलाइन कर दिया गया है। इसके तहत व्यापारियों को सीजीएसटी में पंजीकरण कराना होगा। ई-वे बिल तैयार करना होगा। रिटर्न और रिफंड संबंधी सभी चीजें ऑनलाइन हैं।
कई बार देखने को मिलाता है कि नए व्यापारियों के कारोबार में अचानक से बढ़ोतरी हो जाती है। एक-दो महीने में ही करोड़ों का व्यापार (एक्सपोर्ट) करने लगते हैं। करोड़ों की इनवायस उसके पास पहुंचने लगती है या वह खुद जनरेट करने लगता है। इसे रिस्क फैक्टर की श्रेणी में रखा जाता है। रिस्क फैक्टर में आने के बाद व्यापारी की जांच जरूरी हो जाती है।
फरीदाबाद में 106 कंपनियों की लिस्ट आयुक्तालय को प्राप्त हुई है। इनकी जांच के लिए छह टीमें बनाई गई हैं। जांच से व्यापारियों का ही फायदा होता है। एक बार वैरिफाई हो जाने पर रिस्क मैंनेजमेंट सिस्टम में एंट्री हो जाती है। इससे जब भी वह एक्सपोर्ट करेंगे, उन्हें काफी सहूलियत होगी। रिफंड जल्दी मिल जाएगा। अगर जांच नहीं कराएंगे तो एक्सपोर्ट्स और ट्रेडर्स को बिजनेस करने में दिक्कत हो सकती है। इनका रिफंड रोका जा सकता है।
-क्षितेंद्र वर्मा, संयुक्त आयुक्त, केंद्रीय वस्तु एवं सेवाकर आयुक्तालय, फरीदाबाद