दो दिन पहले गुड़गांव में सीएम फ्लाईंग ने छापेमारी कर एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया था। वहीं तीसरे दिन मंगलवार को डीएलएफ क्षेत्र में एक और ऐसे ही कॉल सेंटर का खुलासा हुआ है। पुलिस ने इस कॉल सेंटर में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। साइबर क्राइम थाना पुलिस ने यह कार्रवाई की है। आरोपी कॉल सेंटर संचालक अमेरिका के लोगों को कम्प्यूटर व इन्टरनेट के माध्यम से तकनीकी सहायता देने के नाम पर धोखाधड़ी कर ठगी करते थे। आरोपियों द्वारा वारदात में प्रयोग किए जा रहे कुल तीन कम्प्यूटर सीपीयू व धोखाधड़ी से बटोरी गई एक लाख 45 हजार रुपए की नगदी पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से बरामद की है।
पुलिस कमिशनर केके राव को सूचना मिली थी कि गुड़गांव के डीएलएफ फेस-2 में एक मकान में कॉल सेंटर चलाया जा रहा है, जो अमेरिका के लोगों को टेक्नीकल स्पोर्ट देने के नाम पर धोखाधड़ी कर रहे हैं। इस सूचना के बाद एसीपी करण गोयल, के नेतृत्व में थाना साइबर क्राइम की पुलिस टीम के साथ छापेमारी की। टीम ने छापेमारी कर पाया कि मकान के ग्राउंड फ्लोर पर बने दो कमरों में 12 लड़के अंग्रेजी भाषा (अमेरिकी लहजे) में हेडफोन लगाकर बात कर कर रहे थे और सभी के सामने कम्प्युटर सिस्टम डेक्सटोप रखे हुए मिले। पुलिस टीम ने आगामी कार्यवाही करने के लिए वहां पर काम कर रहे सभी कर्मचारियों को इक्कट्ठा किया और उनसे कॉल सेंटर के संचालन से सम्बन्धित कागजात जिनमें लाईसैन्स, सोर्स ऑफ कस्टमर आदि की जानकारी मांगी तो कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला और ना ही कोई कागजात पेश किए।
कॉल सेंटर का मालिक अमित ढांन्ढा व सौरभ चौधरी कॉल सेंटर के संचालन को देखते हैं
पुलिस टीम द्वारा की गई पूछताछ में पाया कि इस कॉल सेंटर पर काम करने वाले कर्मचारी बेस्ट ब्वाय कंपनी के कर्मचारी बनकर टेक्नीकल स्पोर्ट के देने के नाम पर अमेरिका के लोगों के साथ ठगी करते हैं। इस कॉल सेंटर का मालिक अमित ढांन्ढा व सौरभ चौधरी इस कॉल सेंटर के संचालन को देखते हैं। दोनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया जिनकी पहचान अमित ढान्ढा निवासी नरवाना जिला जींद व सौरभ चौधरी निवासी पूर्वान्चल अपार्टमेंट, पूर्वान्चल पोली भदेश्वर स्टेशन रोड हुगली पश्चिम बंगाल के रूप में हुई। दोनों आरोपी यहां गुड़गांव में किराए पर रहते हैं। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उन्होंने तीन महीने पहले यह कॉल सेंटर शुरू किया था और यहां से टेक्नीकल स्पोर्ट देने के नाम पर अमेरीकी नागरिकों के साथ ठगी करते थे। अमेरिका के लोगों से ये गिफ्ट कार्ड के माध्यम से पैसे लेते थे।