गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) काउंसिल की आज यानी सोमवार को 42वीं बैठक होने जा रही है। इस बैठक में चालू वित्त वर्ष में जीएसटी रेवेन्यू शॉर्टफॉल पर चर्चा होगी। माना जा रहा है कि गैर-बीजेपी राज्य कंपनसेशन के मुद्दे पर हंगामा कर सकते हैं।
चालू वित्त वर्ष में 2.35 लाख करोड़ का रेवेन्यू शॉर्टफॉल
27 अगस्त को हुई काउंसिल की बैठक में चालू वित्त वर्ष में जीएसटी रेवेन्यू में 2.35 लाख करोड़ रुपए के शॉर्टफॉल का अनुमान जताया गया था। इसमें 97 हजार करोड़ रुपए जीएसटी इम्प्लीमेंटेशन और 1.38 लाख करोड़ रुपए राज्यों के रेवेन्यू के शामिल हैं। इस रेवेन्यू शॉर्टफॉल की भरपाई के लिए केंद्र ने दो विकल्प दिए थे। पहले विकल्प के तहत राज्य आरबीआई से विशेष विंडो के तहत 97 हजार करोड़ रुपए उधार ले सकते हैं। दूसरे विकल्प के तहत केंद्र 2.35 लाख करोड़ रुपए बाजार से उधार लेकर राज्यों की दे।
21 राज्य आरबीआई से 97 हजार करोड़ लेने पर सहमत
जानकारी के मुताबिक, 21 राज्यों ने 97 हजार करोड़ रुपए उधार लेने पर सहमति जता दी है। इसमें से अधिकांश राज्यों में बीजेपी या उसके सहयोगियों की सरकार है। वहीं गैर-बीजेपी राज्य इस विकल्प का विरोध कर रहे हैं। इसमें पश्चिम बंगाल, दिल्ली, केरल, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु शामिल हैं। यह राज्य चाहते हैं कि केंद्र सरकार उधार लेकर रेवेन्यू शॉर्टफॉल की भरपाई करे।
ये है एजेंडा
- राज्यों को कंपनसेशन पर रहेगा फोकस।
- राज्यों द्वारा उधार लेने पर फैसला होगा।
- कंपनसेशन सेस को 2 साल बढ़ाकर 2024 तक किया जा सकता है।
- प्रमुख बदलावों के लिए कमेटी का गठन हो सकता है।
- जीएसटी संबंधी प्रक्रिया को आसान बनाया जा सकता है।
- नॉन-अल्कोहल सैनिटाइजर की दरें समान बनाई जा सकती हैं।