इजराइल-जॉर्डन सीमा पर एक भारतीय नागरिक को जॉर्डन के सैनिकों ने गोली मार दी। मृतक केरल के थुंबा का रहने वाला एनी थॉमस गेब्रियल (47) है। घटना 10 फरवरी की है। जॉर्डन स्थित भारतीय दूतावास ने इस घटना की पुष्टि की और गेब्रियल के परिवार को जानकारी दे दी है। दूतावास ने कहा कि वे गेब्रियल का शव लाने की कोशिश में जुटे हैं। गेब्रियल के परिवार ने बताया कि उन्हें 1 मार्च को दूतावास का ईमेल मिला था। गेब्रियल अपने रिश्तेदार समेत 4 लोगों के साथ 5 फरवरी को जॉर्डन गया था। उसके रिश्तेदार ने मीडिया से इस घटना पर बातचीत की। रिश्तेदार ने बताया- गेब्रियल को इजराइल सीमा पार करते वक्त जॉर्डन के सैनिकों ने पकड़ा। जब भाषा नहीं समझ आई तो सैनिकों ने फायरिंग कर दी। रिश्तेदार ने बताई फायरिंग की कहानी गेब्रियल के साथ उसके रिश्तेदार एडिसन भी जॉर्डन गए थे। एडिसन ने बताया, “गेब्रियल पांच साल कुवैत में काम करने के बाद केरल लौटा था। मैं और गेब्रियल 5 फरवरी को जॉर्डन जाने के लिए निकले थे। हमारा एजेंट दोस्त बिजु जलास जॉर्डन लेकर गया था। जॉर्डन पहुंचकर हमने इजराइल का वीजा पाने की कोशिश की, लेकिन टूरिस्ट वीजा के लिए 10 लोगों का ग्रुप चाहिए था, लेकिन एक ब्रिटिश नागरिक को मिलाकर हम सिर्फ चार लोग थे। चारों लोग 3 महीने के टूरिस्ट वीजा पर जॉर्डन पहुंचे थे। जब हमें इजराइल का टूरिस्ट वीजा नहीं मिला तो ब्रिटिश नागरिक वापस लौट गया। उसने वादा किया कि वो अपने साथ और लोगों को लेकर आएगा। 9 फरवरी को गेब्रियल ने घर पर फोन करके कहा था कि हम इजराइल जा रहे हैं, प्रार्थना करना। मैंने गेब्रियल, और बिजु ने एक गाइड की मदद से बॉर्डर पार करने की कोशिश की। बॉर्डर पार करने की कोशिश के दौरान उन्हें जॉर्डन की सेना ने पकड़ लिया। मैंने उन सैनिकों से रिक्वेस्ट कर रहा था कि हमें घर पर फोन करने दें, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। जॉर्डन के सैनिकों को हमारी भाषा समझ नहीं आई, तो उन्होंने गोलियां चला दीं।” 3 लाख सैलरी के लिए 3 लाख खर्च किए कुवैत से लौैटने के बाद गेब्रियल ने जॉर्डन जाने के लिए एक एजेंट से संपर्क किया था। उन्होंने लगभग 3 लाख रुपए भी चुकाए। उनके पासपोर्ट नंबर में एक अतिरिक्त अंक मिला जिसके बाद उन्हें वापस भेज दिया गया। एजेंट ने भरोसा दिलाया कि अगली बार गेब्रियल को अन्य लोगों के साथ जॉर्डन भेजा जाएगा। गेब्रियल और एडिसन से बिजु ने वीजा और हवाई टिकट के लिए 3.10 लाख रुपए लिए। वादा किया था कि उन्हें इजराइल में नौकरी मिलेगी, जिसमें महीने के तीन लाख रुपए मिलेंगे। दोनों ने नौकरी पक्की होने के शुरुआती 8 महीने में एजेंट को हर महीने 50,000 रुपए हर महीने देने का समझौता किया था। 10 फरवरी को जब उन्हें इजराइल के लिए निकलना था, तो उनका एजेंट बिजु पीछे हट गया। बिजु ने किसी और को ग्रुप को गेब्रियल को इजराइल ले जाने की जिम्मेदारी दे दी। उनके साथ दो श्रीलंकाई युवक भी थे।