ज्ञानेश कुमार आज नए मुख्य चुनाव आयुक्त का पद संभालेंगे:जनवरी 2029 तक रहेगा कार्यकाल; इस दौरान 20 राज्य और 1 केंद्र शासित प्रदेश में इलेक्शन

1988 बैच के IAS अधिकारी और मौजूदा चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार देश के 26वें मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किए गए हैं। वे बुधवार को यह पद संभालेंगे। नए कानून के तहत नियुक्त होने वाले वे पहले CEC हैं। उनका कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक रहेगा। मौजूदा CEC राजीव कुमार 18 फरवरी को रिटायर हुए हैं। ज्ञानेश कुमार के 4 साल के कार्यकाल के दौरान 20 राज्य और 1 एक केंद्रशासित प्रदेश (पुडुचेरी) में चुनाव होंगे। शुरुआत बिहार से होगी और अंतिम चुनाव मिजोरम में होगा। ज्ञानेश कुमार के अलावा विवेक जोशी को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है। वे हरियाणा के मुख्य सचिव और 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वहीं, चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू अपने पद पर बने रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में 17 फरवरी को हुई बैठक में इन नियुक्तियों पर मुहर लगी थी। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी भी शामिल हुए थे। राहुल ने नामों पर विचार करने से इनकार किया था मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नए CEC के लिए 5 नामों की सूची दी गई थी, लेकिन राहुल ने नामों पर विचार करने से इनकार कर दिया था। ठक के बाद राहुल गांधी ने डिसेंट नोट जारी किया था। इसमें उन्होंने कहा था कि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है इसलिए यह बैठक नहीं होनी चाहिए थी। वहीं, कांग्रेस ने कहा था- हम अहंकार में काम नहीं कर सकते। बैठक स्थगित करनी थी, ताकि सुप्रीम कोर्ट जल्द फैसला कर सके। राहुल ने लिखा- आधी रात को नियुक्ति का फैसला असम्मानजनक राहुल गांधी ने X पर लिखा था- अगले मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) की नियुक्ति को लेकर बैठक थी। इसमें मैंने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को डिसेंट (असहमति) नोट दिया था। इसमें लिखा था- मूलभूत बात यह है कि चुनाव आयोग स्वतंत्र होता है। मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया में कार्यपालिका का कोई दखल नहीं होता। लोकसभा में विपक्ष का नेता होने के नाते मेरी जिम्मेदारी है कि बाबा साहेब अंबेडकर और देश का निर्माण करने वाले नेताओं के आदर्श कायम रहें। आधी रात में पीएम और गृह मंत्री का CEC की नियुक्ति का फैसला असम्मानजनक है। CEC की नियुक्ति का फैसला तब लिया गया, जब मामला सुप्रीम कोर्ट में है और इस पर 48 घंटे के अंदर सुनवाई होनी है। जो कमेटी CEC की नियुक्ति करती है, उससे चीफ जस्टिस को हटा दिया गया। यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है। मोदी सरकार ने हमारी चुनावी प्रक्रिया की ईमानदारी पर करोड़ों मतदाताओं की चिंताएं बढ़ा दी हैं। सिंघवी ने कहा- सरकार सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई तक इंतजार करे
कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि CEC चयन समिति सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन है। CEC के चयन के लिए गठित समिति से CJI को हटाकर सरकार ने साफ कर दिया है कि वह चुनाव आयोग की विश्वसनीयता नहीं, बल्कि नियंत्रण चाहती है। सिंघवी ने कहा कि CEC और अन्य EC की नियुक्ति के लिए बने नए कानून पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका पेडिंग है। इस मामले में 19 फरवरी को सुनवाई है। यह सिर्फ 48 घंटे का मामला था। सरकार को याचिका की शीघ्र सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए था। चुनाव आयोग में कितने आयुक्त हो सकते हैं
चुनाव आयुक्त कितने हो सकते हैं, इसे लेकर संविधान में कोई संख्या फिक्स नहीं की गई है। संविधान का अनुच्छेद 324 (2) कहता है कि चुनाव आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त हो सकते हैं। यह राष्ट्रपति पर निर्भर करता है कि इनकी संख्या कितनी होगी। आजादी के बाद देश में चुनाव आयोग में सिर्फ मुख्य चुनाव आयुक्त होते थे। 16 अक्टूबर 1989 को प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सरकार ने दो और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की। इससे चुनाव आयोग एक मल्टी-मेंबर बॉडी बन गई। ये नियुक्तियां 9वें आम चुनाव से पहली की गई थीं। उस वक्त कहा गया कि यह मुख्य चुनाव आयुक्त आरवीएस पेरी शास्त्री के पर कतरने के लिए की गई थीं। 2 जनवरी 1990 को वीपी सिंह सरकार ने नियमों में संशोधन किया और चुनाव आयोग को फिर से एक सदस्यीय निकाय बना दिया। एक अक्टूबर 1993 को पीवी नरसिम्हा राव सरकार ने फिर अध्यादेश के जरिए दो और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को मंजूरी दी। तब से चुनाव आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त के साथ दो चुनाव आयुक्त होते हैं। ———————————————- चुनाव आयोग से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… चुनाव आयोग बोला- शक का इलाज नहीं, हमें लापता जेंटलमेन कहा गया लेकिन वोटिंग का वर्ल्ड रिकॉर्ड बना मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने कहा, ‘हम पर झूठे आरोप लगाए गए। हमें लापता जेंटलमेन कहा गया, लेकिन इसी दौरान देश में वोटिंग का वर्ल्ड रिकॉर्ड बन गया। यह हमारे लोकतंत्र की ताकत है।’ लोकसभा चुनाव की काउंटिंग से एक दिन पहले CEC ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बात कही थी। पूरी खबर पढ़ें…