हरियाणा के झज्जर में रोडवेज कर्मचारी यूनियन की ओर से बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें सर्व कर्मचारी संघ के आह्वान पर शनिवार को रोहतक में होने वाले कन्वेंशन में भाग लेंगे और परिवहन कानूनों के खिलाफ आंदोलन की तैयारी की जाएगी। बैठक के बाद महाप्रबंधक को समस्याओं के बारे में बताया। रोडवेज कर्मचारी यूनियन कर्मचारी जंतर मंतर पर होने वाले प्रदर्शन में शामिल होंगे। झज्जर के रोडवेज बस स्टैंड में आज कर्मचारी यूनियन की ओर से बैठक का आयोजन कर समस्याओं के बारे में चर्चा की गई। कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ आंदोलन करने की तैयारी की है। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार द्वारा बनाए गए नए परिवहन कानून ड्राइवरों के लिए सही नहीं हैं। उनका कहना है कि सरकार इन कानूनों को वापिस लें। 24 मार्च को दिल्ली में करेंगे प्रदर्शन
महिपाल दुबलधन ने बताया कि 8 मार्च को हरियाणा रोडवेज सांझा मोर्चा के आह्वान पर रोहतक में होने वाली कन्वेंशन में हरियाणा से हजारों की संख्या में रोडवेज कर्मचारी भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि 24 मार्च को आल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन के आह्वान पर नई दिल्ली जंतर मंतर पर भी भारी संख्या में भागीदारी करेंगे। प्रधान ने बताया कि जंतर मंतर पर मांगों को लेकर प्रदर्शन किया जाएगा। प्रदर्शन कर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नाम मांगों को लेकर ज्ञापन पत्र भी सौंपा जाएगा। कर्मचारियों ने बताया कि लंबे सफर के बाद रात्रि ठहराव के लिए उन्हें जगह नहीं मिलती है, जिसके कारण काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। वहीं रोडवेज कर्मचारियों ने इलेक्ट्रिक बसें ठेके पर चलाने के निर्णय को रद्द करने की मांग रखी है। सभी प्रकार की प्राइवेट बसों को बंद कर रोडवेज में 10 हजार सरकारी नई बसें शामिल करने की मांग भी उठाई गई है।
महिपाल दुबलधन ने बताया कि 8 मार्च को हरियाणा रोडवेज सांझा मोर्चा के आह्वान पर रोहतक में होने वाली कन्वेंशन में हरियाणा से हजारों की संख्या में रोडवेज कर्मचारी भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि 24 मार्च को आल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन के आह्वान पर नई दिल्ली जंतर मंतर पर भी भारी संख्या में भागीदारी करेंगे। प्रधान ने बताया कि जंतर मंतर पर मांगों को लेकर प्रदर्शन किया जाएगा। प्रदर्शन कर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नाम मांगों को लेकर ज्ञापन पत्र भी सौंपा जाएगा। कर्मचारियों ने बताया कि लंबे सफर के बाद रात्रि ठहराव के लिए उन्हें जगह नहीं मिलती है, जिसके कारण काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। वहीं रोडवेज कर्मचारियों ने इलेक्ट्रिक बसें ठेके पर चलाने के निर्णय को रद्द करने की मांग रखी है। सभी प्रकार की प्राइवेट बसों को बंद कर रोडवेज में 10 हजार सरकारी नई बसें शामिल करने की मांग भी उठाई गई है।