लद्दाख की गलवान घाटी में सीमा विवाद के बाद देश में चीन विरोधी सेंटिमेंट बना हुआ है। इसको देखते हुए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने आईपीएल 2020 के टाइटल स्पॉन्सरशिप के लिए चीनी स्मार्टफोन कंपनी वीवो के साथ नाता तोड़ दिया है। अब खबर आ रही है कि योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद आईपीएल 2020 के स्पॉन्सरशिप टाइटल के लिए बोली लगा सकती है।
ग्लोबल मार्केटिंग प्लेटफॉर्म पर पहुंचना चाहती है पतंजलि
पतंजलि के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने पीटीआई से बातचीत में कहा कि हम पतंजलि ब्रांड को ग्लोबल मार्केटिंग प्लेटफॉर्म पर ले जाना चाहते हैं। इसके लिए हम इस साल आईपीएल के टाइटल स्पॉन्सरशिप के लिए विचार कर रहे हैं। तिजारावाला का कहना है कि पतंजलि बीसीसीआई के लिए एक प्रस्ताव पर विचार कर रही है।
आईपीएल के लिए नया टाइटल स्पॉन्सर ढूंढ़ रही है बीसीसीआई
देश में चीन विरोधी सेंटिमेंट के बाद बीसीसीआई ने 6 अगस्त को आईपीएल 2020 के टाइटल स्पॉन्सरशिप से वीवो को हटा दिया था। इसके बाद से बीसीसीआई इस साल के लिए नया आईपीएल टाइटल स्पॉन्सर ढूंढ़ रहा है। बीसीसीआई इस साल आईपीएल टाइटल स्पॉन्सरशिप के लिए 50% की छूट दे सकता है।
टाइटल स्पॉन्सरशिप से बीसीसीआई को इस साल 300 करोड़ रुपए की कमाई की उम्मीद है। तिजारावाला के मुताबिक, बीसीसीआई टाइटल स्पॉन्सरशिप के लिए सोमवार को एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) ला सकती है। पतंजलि आयुर्वेद 14 अगस्त को ईओआई जमा करेगी।
बीसीसीआई को हर साल 440 करोड़ देती थी वीवो
आईपीएल की टाइटल स्पॉन्सरशिप को लेकर वीवो और बीसीसीआई के बीच 2018 में 5 साल का करार हुआ था। इसके तहत आईपीएल टाइटल स्पॉन्सरशिप के लिए वीवो ने हर वर्ष बीसीसीआई को 440 करोड़ रुपए देने की हामी भरी थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, वीवो आईपीएल 2021 में टाइटल स्पॉन्सरशिप के तौर पर लौट सकती है।
यूएई में होना है आईपीएल 2020
कोरोनावायरस संक्रमण के कारण पूरी दुनिया में खेल समेत तमाम एक्टिविटीज ठप हैं। भारत भी इससे अछूता नहीं है। भारत में खेल के लिए मौजूदा हालात सही नहीं हैं। ऐसे में आईपीएल 2020 यूएई में खेला जाएगा। इस साल आईपीएल 19 सितंबर से 10 नवंबर तक खेला जाएगा।
10 हजार 500 करोड़ रुपए है पतंजलि का टर्नओवर
पतंजलि ग्रुप का टर्नओवर करीब 10 हजार 500 करोड़ रुपए है। वित्त वर्ष 2018-19 में पतंजलि आयुर्वेद का कुल रेवेन्यू 8 हजार 329 करोड़ रुपए रहा था। पिछले साल ही पतंजलि आयुर्वेद ने कॉरपोरेट इंसॉल्वेंसी रेजोल्यूशन प्रोसेस के जरिए 4 हजार 350 करोड़ रुपए में रुचि सोया कंपनी को खरीदा था।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें