टाटा कैपिटल ने आज यानी 25 फरवरी को अपने इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO प्लान को मंजूरी दे दी है। टाटा ग्रुप की फाइनेंस कंपनी के इस IPO में 23 करोड़ नए शेयर जारी किए जाएंगे, साथ ही मौजूदा शेयरधारकों द्वारा ऑफर फॉर सेल (OFS) भी होगा। बोर्ड ने कंपनी के मौजूदा शेयरधारकों को राइट्स बेसिस पर 1,504 करोड़ रुपए तक के शेयर जारी करने का फैसला किया है। 2023 में टाटा टेक्नोलॉजीज की लिस्टिंग के बाद यह टाटा ग्रुप की किसी कंपनी का पहला IPO होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार टाटा कैपिटल इस IPO के जरिए करीब 15,000 करोड़ रुपए जुटाने की योजना बना रही है। सितंबर तक बाजार में होनी है लिस्टिंग
दरअसल RBI के एक नियम के चलते टाटा कैपिटल को अपना IPO लाना पड़ रहा है। RBI ने टाटा कैपिटल को अपनी ‘अपर लेयर’ वाली NBFC कंपनियों की लिस्ट में शामिल किया है। इसमें शामिल होने वाली कंपनियों को शामिल होने की तारीख से 3 साल के अंदर खुद को शेयर बाजार में लिस्ट कराना होता है। इस नियम के तहत, टाटा कैपिटल के पास खुद को शेयर बाजार में लिस्ट कराने के लिए सितंबर 2025 तक का समय है। टाटा कैपिटल में टाटा सन्स की 92.83% हिस्सेदारी
टाटा कैपिटल एक नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी यानी NBFC है, जो टाटा सन्स की सब्सिडियरी है। कंपनी का AUM 1.58 लाख करोड़ रुपए (31 मार्च 2024 तक) था। पर्सनल लोन, होम लोन, गाड़ी के लिए लोन, कॉमर्शियल वाहनों के लिए लोन और बिजनेस लोन देती है। इसके अलावा क्रेडिट कार्ड और डिजिटल लोन भी उपलब्ध कराती है। टाटा सन्स की 92.83% हिस्सेदारी टाटा कैपिटल में है, बाकी हिस्सेदारी टाटा ग्रुप की अन्य कंपनियों और ट्रस्टों के पास है।
दरअसल RBI के एक नियम के चलते टाटा कैपिटल को अपना IPO लाना पड़ रहा है। RBI ने टाटा कैपिटल को अपनी ‘अपर लेयर’ वाली NBFC कंपनियों की लिस्ट में शामिल किया है। इसमें शामिल होने वाली कंपनियों को शामिल होने की तारीख से 3 साल के अंदर खुद को शेयर बाजार में लिस्ट कराना होता है। इस नियम के तहत, टाटा कैपिटल के पास खुद को शेयर बाजार में लिस्ट कराने के लिए सितंबर 2025 तक का समय है। टाटा कैपिटल में टाटा सन्स की 92.83% हिस्सेदारी
टाटा कैपिटल एक नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी यानी NBFC है, जो टाटा सन्स की सब्सिडियरी है। कंपनी का AUM 1.58 लाख करोड़ रुपए (31 मार्च 2024 तक) था। पर्सनल लोन, होम लोन, गाड़ी के लिए लोन, कॉमर्शियल वाहनों के लिए लोन और बिजनेस लोन देती है। इसके अलावा क्रेडिट कार्ड और डिजिटल लोन भी उपलब्ध कराती है। टाटा सन्स की 92.83% हिस्सेदारी टाटा कैपिटल में है, बाकी हिस्सेदारी टाटा ग्रुप की अन्य कंपनियों और ट्रस्टों के पास है।