स्वामी विवेकानंद कहा करते थे कि जीवन में कोई एक लक्ष्य बनाओ और दिन-रात उसी लक्ष्य पर ध्यान लगाओ, तभी वह लक्ष्य हासिल हो सकता है। बिना लक्ष्य के काम करने से कोई लाभ नहीं है। लक्ष्य के बिना जीवन दिशाहीन हो जाता है। जब हम किसी लक्ष्य को तय करके काम करते हैं तो जीवन में उत्साह बना रहता है। संभव है कि पहले प्रयास में लक्ष्य पूरा न हो, लेकिन असफल होने के बाद भी सकारात्मक सोच के साथ लक्ष्य की ओर बढ़ते रहना चाहिए। लक्ष्य तय करना एक ऐसा काम है, जिसे सतर्कता के साथ करना चाहिए। लक्ष्य तय करते समय ग्रंथों की कुछ बातों का ध्यान रखेंगे तो सफलता मिलने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी… लक्ष्य स्पष्ट और अपनी क्षमता के अनुसार होना चाहिए हनुमान की सीख हनुमान जी ने हमें सीख दी है कि हमारा लक्ष्य स्पष्ट होना चाहिए और जब तक लक्ष्य पूरा नहीं हो जाता है, तब तक हमें कहीं रुकना नहीं चाहिए। लक्ष्य तय करते समय हमें ये भी ध्यान रखना चाहिए कि हम वह लक्ष्य क्यों पाना चाहते हैं। हनुमान ने सीता की खोज को लक्ष्य बनाया ताकि श्रीराम के साथ ही सभी वानर और अयोध्या का कल्याण हो सके, रावण का वध हो और धर्म की स्थापना हो सके। अगर पहले प्रयास में असफलता मिलती है, तब हमें निराश हुए बिना फिर से कोशिश करनी चाहिए। लक्ष्य जब तक पूरा नहीं हो जाता, तब तक प्रयास करना चाहिए।