केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ने कहा कि आने वाले समय में शिक्षा के 32 चैनल चलाए जाएंगे। जो सातों दिन 24 घंटे कार्य करेंगे! इससे छात्रों को टीवी के माध्यम से शिक्षा मिल सकेगी। इसके अलावा जहां टीवी और इंटरनेट की सुविधा नहीं होगी, वहां कम्युनिटी रेडियो की मदद ली जाएगी। डॉ. रमेश पोखरियाल एसोचैम के राष्ट्रीय शिक्षा परिषद की ओर से एमआर शिक्षण संस्थान के ऑनलाइन शिक्षा संवाद कार्यक्रम को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे।
एसोचैम के महासचिव भी हुए शामिल
इस दौरान कोविड-19 के खतरे को शिक्षा के नए मॉडल में कैसे बदला जाए इस पर भी चर्चा की गई। एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा कि कोरोना के कारण देश की अर्थव्यवस्था पर काफी असर पड़ा है। शिक्षण संस्थान भी इससे अछूते नहीं हैं। आज 1.5 बिलियन छात्र घर पर हैं। उन्होंने इस दौरान फिजिटल, यानि की फिजिकल और डिजिटल मॉडल की बात सबके समक्ष रखी। घर में पढ़ाई करने के लिए छात्रों को कनेक्टिविटी चाहिए। लेकिन हर छात्र के पास यह सुविधा नहीं है। उन्होंने गांव में रहने वाले छात्रों की शिक्षा के प्रति चिंता जताई।
स्टडी इन इंडिया पर दिया जोर
एसोचैम राष्ट्रीय शिक्षा परिषद के चेयरमैन और मानव रचना शैक्षणिक संस्थान के अध्यक्ष डॉ. प्रशांत भल्ला ने कहा कि इस विपदा के समय में सरकार ने साथ दिया है और सभी शिक्षण संस्थानों ने आपदा को अवसर में बदला है। शिक्षण संस्थानों ने ऑनलाइन क्लासेस देकर एक भी दिन छात्रों को शिक्षा से वंचित नहीं रखा। डॉ. भल्ला ने स्टडी इन इंडिया पर भी जोर दिया। एसोचैम राष्ट्रीय शिक्षा परिषद के को-चेयमैन विनीत गुप्ता ने कहा 21वीं सदी ज्ञान की सदी है और भारत ज्ञान का भंडार है। हम भारत को शिक्षा में एक महाशक्ति बनाने के लिए सरकार के साथ काम करना चाहेंगे। दूसरे देशों के छात्रों को अध्ययन के लिए यहां आने दें।