अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रविवार को अमेरिका और दुनियाभर के बाजारों में आई गिरावट पर कहा कि ‘कभी-कभी किसी चीज को ठीक करने के लिए दवा लेनी पड़ती है।’ उन्होंने यह बात एयर फोर्स वन विमान में पत्रकारों से कही। वे फ्लोरिडा में गोल्फ खेलकर वॉशिंगटन लौट रहे थे। इस बातचीत में उन्होंने अपनी टैरिफ योजना से पीछे हटने के कोई संकेत नहीं दिए। रॉयटर्स के मुताबिक, ट्रम्प ने कहा कि दूसरे देशों ने हमारे साथ बहुत बुरा बर्ताव किया क्योंकि हमारा नेतृत्व मूर्खतापूर्ण था, जिसने ऐसा होने दिया। वहीं, अमेरिका और दुनिया भर में ट्रेड मार्केट्स में मची उथल-पुथल पर ट्रम्प ने कहा, ‘बाजारों के साथ आगे क्या होगा, मैं नहीं कह सकता। लेकिन हमारा देश अब कहीं ज्यादा मजबूत है।’ आज ‘ब्लैक मंडे’ होने की आशंका ट्रम्प के लगाए टैरिफ के चलते दुनियाभर के बाजारों में गिरावट देखने को मिल रही है। 6 अप्रैल को अमेरिकी टीवी प्रेजेंटर और मार्केट एनालिस्ट जिम क्रैमर ने चेतावनी दी थी कि सोमवार 7 अप्रैल को बाजारों में फिर से एक बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है। इसे उन्होंने ब्लड-बाथ कहा। इसे 1987 के ब्लैक मंडे से जोड़कर देखा जा रहा है, क्योंकि 19 अक्टूबर 1987 को दुनियाभर के स्टॉक मार्केट्स में एक ही दिन में सबसे भारी गिरावट देखने को मिली थी। अमेरिका के डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल ऐवरेज (DJIA) में 22.6% की गिरावट आई थी, जो इतिहास में आज तक की सबसे बड़ी एक दिन की गिरावट है। यह गिरावट अमेरिका से शुरू हुई, लेकिन जल्दी ही ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा और एशियाई बाजारों तक फैल गई। अमेरिका में प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए ट्रम्प ने रेसिप्रोकल टैक्स लगाया अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 2 अप्रैल को दूसरे देशों पर लगाया जाने वाला रेसिप्रोकल टैक्स का ऐलान किया था। इसमें भारत पर 26% टैरिफ लगाए जाने की घोषणा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत बहुत सख्त है। मोदी मेरे अच्छे दोस्त हैं, लेकिन हमारे साथ सही व्यवहार नहीं कर रहे हैं। भारत के अलावा चीन पर 34%, यूरोपीय यूनियन पर 20%, साउथ कोरिया पर 25%, जापान पर 24%, वियतनाम पर 46% और ताइवान पर 32% टैरिफ लगेगा। अमेरिका ने करीब 60 देशों पर उनके टैरिफ की तुलना में आधा टैरिफ लगाने का फैसला किया है।