ट्रम्प तीसरी बार राष्ट्रपति बनने का विचार कर रहे:कहा- मैं मजाक नहीं कर रहा, संविधान बदलने की सोच रहा हूं

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि वे तीसरे कार्यकाल के लिए विचार कर रहे हैं और इसके लिए संविधान को बदलने की सोच रहे हैं। NBC न्यूज चैनल को रविवार को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने साफ किया कि मजाक नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संविधान में तीसरी बार राष्ट्रपति बनने के तरीके मौजूद हैं। ट्रम्प का कार्यकाल 2029 में पूरा होगा। अमेरिका में दो बार राष्ट्रपति बनने का प्रावधान है। ट्रम्प नवंबर में दूसरी बार राष्ट्रपति चुने गए हैं। इससे पहले वह 2017 से 2021 तक राष्ट्रपति रह चुके हैं। अगर ट्रम्प तीसरी बार राष्ट्रपति बनने की कोशिश करते हैं तो इसके लिए उन्हें संविधान में संशोधन करना होगा। इसके लिए अमेरिकी संसद और राज्यों से समर्थन की जरूरत होगी। ट्रम्प ने कहा- तीसरी बार राष्ट्रपति बनने के कई तरीके हैं जब ट्रम्प से पूछा गया कि क्या वह एक और कार्यकाल चाहते हैं, तो राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें काम करना पसंद है। जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें तीसरा कार्यकाल लेने की योजना पेश की गई है, तो ट्रम्प ने कहा, “ऐसे तरीके हैं जिनके जरिए आप ऐसा कर सकते हैं।” इसके बाद उनसे पूछा गया कि क्या अगली बार जेडी वेंस राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ेंगे और फिर चुनाव जीतने के बाद वे ट्रम्प को राष्ट्रपति बना देंगे? इस पर ट्रम्प ने कहा कि यह एक तरीका है, लेकिन और भी कई तरीके हैं। जब उनसे पूछा गया कि और कौन सा तरीका है तो उन्होंने कुछ साफ नहीं कहा।
तीसरी बार राष्ट्रपति बनाने के लिए 2 महीने पहले बिल पेश ट्रम्प ने सबसे पहले नवंबर में चुनाव जीतने के बाद तीसरी बार राष्ट्रपति बनने को लेकर इच्छा जताई थी। तब उन्होंने कहा था- मुझे नहीं लगता कि मैं फिर से राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ूंगा लेकिन आप अगर ऐसा चाहें हैं तो मैं ऐसा सोच सकता हूं।” इसके बाद जनवरी में ट्रम्प को तीसरी बार राष्ट्रपति बनने की अनुमति देने के लिए संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में एक बिल पेश किया गया था। यह बिल ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी के सांसद एंडी ओगल्स ने पेश किया था। इस बिल में कहा गया है कि कोई भी इंसान जो लगातार दो बार राष्ट्रपति रह चुका है, वो तीसरी बार राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित नहीं होगा। चूंकि ट्रम्प 2020 में जो बाइडेन से चुनाव हार गए थे, ऐसे में वो तीसरी बार भी राष्ट्रपति चुने जाने के लिए योग्य होंगे। संसद में ट्रम्प का बहुमत, फिर भी बिल पास होना मुश्किल अमेरिकी संसद के दोनों सदन सीनेट और हाउस ऑफ रेप्रेसेंटेटिव में ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है, लेकिन फिर भी इस बिल के पास होने की संभावना बहुत कम है। क्योंकि इसे पास होने के लिए दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत की जरूरत होगी। जबकि रिपब्लिकन के पास सीनेट में 100 में से 53 सीटें और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में 435 में से 220 सीटें हैं। इसके अलावा इस बिल को 50 में से 38 राज्यों का समर्थन भी चाहिए होगा। फिलहाल 22 राज्यों में विपक्षी डेमोक्रेट पार्टी की सरकार है। पुतिन की स्ट्रेटजी अपना सकते हैं ट्रम्प ट्रम्प खुद भी कई बार कह चुके हैं कि वो दो कार्यकाल के बाद भी सत्ता में बने रहना चाहते हैं। हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर ट्रम्प को तीसरा कार्यकाल नहीं मिलता है तो वे सत्ता में बने रहने के लिए दूसरे तरीके अपना सकते हैं। हैमिल्टन कॉलेज के प्रोफेसर फिलिप क्लिंकनर ने मुताबिक ट्रम्प 2028 में उपराष्ट्रपति बन सकते हैं और जेडी वेंस या किसी और को नाममात्र का राष्ट्रपति बना सकते हैं। ऐसा ही कुछ पुतिन ने रूस में किया था।इसके अलावा वो अपने परिवार के किसी सदस्य को राष्ट्रपति बना सकते हैं, ताकि पर्दे के पीछे से सरकार पर उनका कंट्रोल बना रहे। पुतिन 2000 से 2008 तक लगातार 2 बार रूस के राष्ट्रपति रह चुके थे। रूस के संविधान के मुताबिक वे लगातार तीसरी बार राष्ट्रपति नहीं बन सकते थे। ऐसे में उन्होंने अपने खास दिमित्री मेदवेदेव को राष्ट्रपति बना दिया था। इस दौरान पुतिन उपराष्ट्रपति के पद पर रहे थे। 73 साल पहले 2 बार राष्ट्रपति बनने का नियम बना अमेरिका में पहले किसी व्यक्ति के सिर्फ 2 ही बार राष्ट्रपति बनने को लेकर कोई प्रावधान नहीं था। 1951 में संविधान में 22 संशोधन किया गया। इसके तहत ये नियम बनाया गया कि अमेरिका में कोई शख्स सिर्फ 2 बार ही राष्ट्रपति बन सकता है। दरअसल, अमेरिका के पहले राष्ट्रपति जॉर्ज वॉशिंगटन ने दो टर्म के बाद रिटायरमेंट ले लिया था। उसके बाद से राष्ट्रपति के दो टर्म से ज्यादा सेवाएं न देने का अनौपचारिक नियम ही बन गया। इसके बाद अमेरिका में यह प्रथा बन गई। 31 अमेरिकी राष्ट्रपतियों में से किसी भी राष्ट्रपति ने इस प्रथा को नहीं तोड़ा, लेकिन फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट के दौर में यह नियम टूट गया। वे 1933 से 1945 चार बार राष्ट्रपति चुनकर आए। इसके बाद 1946 के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी की वापसी हुई। 1947 में केंद्रीय सरकार में प्रशासनिक परिवर्तन के लिए हूवर कमीशन का गठन हुआ। इसी कमीशन की सिफारिश के बाद 22वें संशोधन के जरिए दो टर्म से ज्यादा राष्ट्रपति नहीं बनने का कानून बना दिया गया। क्या ट्रम्प संविधान बदल सकते हैं? ट्रम्प को तीसरी बार अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव के लिए उतरना है तो उन्हें अमेरिकी संविधान में बदलाव करना होगा जोकि इतना आसान नहीं है। ट्रम्प को इसके लिए अमेरिकी सीनेट और हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव दोनों में दो-तिहाई बहुमत से एक बिल पास कराना होगा। ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी के पास दोनों सदनों में इतने सदस्य नहीं हैं। सीनेट में ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी के पास 100 में से 52 सीनेटर है। वहीं हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में 435 में से 220 सदस्य हैं। ये संविधान संशोधन के लिए आवश्यक दो तिहाई यानी 67% बहुमत से काफी कम है। अगर ट्रम्प ये बहुमत हासिल कर लेते हैं तब भी उनके लि​​​​​​ए संविधान में संशोधन करना इतना आसान नहीं होगा। अमेरिकी कांग्रेस के दोनों सदनों से बिल पास होने के बाद इस संशोधन के लिए राज्यों से मंजूरी लेनी होती है। इसके लिए तीन चौथाई राज्यों का बहुमत मिलन के बाद ही संविधान में संशोधन हो सकता है। यानी 50 अमेरिकी राज्यों में से अगर 38 संविधान में बदलाव के लिए राजी हो जाए तो ही नियम बदल सकते हैं।