ट्रम्प ने न्यूक्लियर डील पर ईरान को धमकी दी:समझौता करो, नहीं तो ऐसी बमबारी करेंगे, जो पहले कभी नहीं देखी होगी

ट्रम्प ने आगे कहा- उनके पास एक मौका है, अगर वे ऐसा नहीं करते तो मैं उनपर 4 साल पहले की तरह सेकेंडरी टैरिफ लगाऊंगा। उन्होंने कहा कि न्यूक्लियर प्रोग्राम पर अमेरिकी और ईरानी अधिकारी बातचीत कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया। इससे पहले ट्रम्प ने न्यूक्लियर प्रोग्राम को लेकर ईरान को सीधी बातचीत करने के लिए एक चिट्ठी लिखी थी, लेकिन ईरानी राष्ट्रपति ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। ईरानी राष्ट्रपति मसूद पजशकियान ने रविवार को कहा कि वह अमेरिका के साथ सीधे तौर पर कोई समझौता नहीं करेगा। ईरान ने अमेरिका के साथ सीधा समझौता करने से इनकार किया
पजशकियान ने कहा कि दोनों देशों के बीच सीधी बातचीत की संभावना को हमने खारिज कर दिया गया है, लेकिन साफ नहीं है कि ट्रम्प अप्रत्यक्ष बातचीत करने के लिए राजी होंगे या नहीं। 2018 में जब ट्रम्प ने ईरान के परमाणु समझौते से अमेरिका को बाहर निकाला था, तब से अब तक की गई अप्रत्यक्ष बातचीत असफल रही हैं। इस बीच ईरान की सेना ने किसी भी अमेरिकी हमले का जवाब देने के लिए अपनी मिसाइलों को तैनात कर दिया है। तेहरान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान की मिसाइलें सभी अंडरग्राउंड मिसाइल सिटी में लॉन्चरों पर लोड कर दी गई हैं और लॉन्च के लिए तैयार हैं। तेहरान टाइम्स ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, ‘पैंडोरा बॉक्स खोलने से अमेरिकी सरकार और उसके सहयोगियों को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।’ आसान शब्दों में “पैंडोरा बॉक्स खोलना” का मतलब है किसी ऐसी चीज को शुरू करना, जिसके बाद बहुत सारी परेशानियां पैदा हो जाएं, और उन्हें रोकना मुश्किल हो। ईरान ने अंडरग्राउंड मिसाइल सिटी का वीडियो जारी किया इससे पहले ईरान ने 26 मार्च को अपनी तीसरी अंडरग्राउंड मिसाइल सिटी का वीडियो जारी किया था। 85 सेकेंड के इस वीडियो में सुरंगों के भीतर मिसाइलें और आधुनिक हथियार दिखाई दे हैं। यह वीडियो ऐसे समय जारी किया गया है, जब डोनाल्ड ट्रम्प की ईरान को परमाणु प्रोग्राम खत्म करने की चेतावनी की डेडलाइन करीब है। ईरान के सरकारी मीडिया ने यह वीडियो जारी किया है। इसमें टॉप मिलिट्री कमांडर मेजर जनरल मो. हुसैन बागरी और ईरान रेवोल्यूशनरी गार्ड (IRGC) के एयरोस्पेस फोर्स के चीफ आमिर अली हाजीजादेह नजर आ रहे हैं। इजराइल पर हमले में इस्तेमाल मिसाइलें दिखीं वीडियो में दोनों अफसर सेना के वाहन पर सुरंगों के भीतर सफर कर रहे हैं और आसपास ईरान की आधुनिक मिसाइलें और एडवांस वेपनरी दिखाई दे रही है। ईरान की सबसे खतरनाक खैबर शेकेन, कादर-H, सेजिल और पावेह लैंड अटैक क्रूज मिसाइल भी दिख रही हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक इन हथियारों का इस्तेमाल हाल ही में इजराइल पर हमले में किया गया था। पूरी खबर यहां पढ़ें… चार बड़े घटनाक्रमों से समझिए…आखिर ये दोनों देश झगड़ते क्यों रहते हैं? 1953 – तख्तापलट : यह वो साल था, जब अमेरिका-ईरान के बीच दुश्मनी की शुरुआत हुई। अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA ने ब्रिटेन के साथ मिलकर ईरान में तख्तापलट करवाया। निर्वाचित प्रधानमंत्री मोहम्मद मोसाद्दिक को हटाकर ईरान के शाह रजा पहलवी के हाथ में सत्ता दे दी गई। इसकी मुख्य वजह था-तेल। मोसाद्दिक तेल के उद्योग का राष्ट्रीयकरण करना चाहते थे। 1979 – ईरानी क्रांति : ईरान में एक नया नेता उभरा-आयतोल्लाह रुहोल्लाह खुमैनी। खुमैनी पश्चिमीकरण और अमेरिका पर ईरान की निर्भरता के सख्त खिलाफ थे। शाह पहलवी उनके निशाने पर थे। खुमैनी के नेतृत्व में ईरान में असंतोष उपजने लगा। शाह को ईरान छोड़ना पड़ा। 1 फरवरी 1979 को खुमैनी निर्वासन से लौट आए। 1979-81 – दूतावास संकट : ईरान और अमेरिका के राजनयिक संबंध खत्म हो चुके थे। तेहरान में ईरानी छात्रों ने अमेरिकी दूतावास को अपने कब्जे में ले लिया। 52 अमेरिकी नागरिकों को 444 दिनों तक बंधक बनाकर रखा गया। 2012 में इस विषय पर हॉलीवुड फिल्म-आर्गो आई। इसी बीच इराक ने अमेरिका की मदद से ईरान पर हमला कर दिया। युद्ध आठ साल चला। 2015 – परमाणु समझौता : ओबामा के अमेरिकी राष्ट्रपति रहते समय दोनों देशों के संबंध थोड़ा सुधरने शुरू हुए। ईरान के साथ परमाणु समझौता हुआ, जिसमें ईरान ने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने की बात की। इसके बदले उस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों में थोड़ी ढील दी गई थी। लेकिन ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने के बाद यह समझौता रद्द कर दिया। दुश्मनी फिर शुरू हो गई। …………………………………. ट्रम्प से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… ट्रम्प बोले- पुतिन से काफी नाराज हूं:जेलेंस्की की आलोचना करना मुझे पसंद नहीं आया; सेकेंडरी टैरिफ लगाने की धमकी दी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रविवार को NBC न्यूज को दिए टेलिफोनिक इंटरव्यू में कहा कि वो रूसी राष्ट्रपति पुतिन से काफी नाराज हैं। ट्रम्प ने कहा कि पुतिन ने यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की की लीडरशिप की आलोचना की थी, यह मुझे पंसद नहीं आई। पूरी खबर यहां पढ़ें…