अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात के लिए यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की व्हाइट हाउस पहुंच गए हैं। दोनों के बीच रेयर अर्थ मटेरियल को लेकर डील होगी। दरअसल यूक्रेन, अमेरिका को रेयर अर्थ मटेरियल (दुर्लभ खनिज) देने पर राजी हो गया है। दोनों देशों के अधिकारियों ने मंगलवार को इसकी घोषणा की थी। इस मुलाकात से पहले ट्रम्प से जेलेंस्की को ‘तानाशाह’ बताने वाले अपने बयान से पलट गए। व्हाइट हाउस में पत्रकारों ने उनसे इस टिप्पणी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा “क्या मैंने ऐसा कहा? मुझे यकीन नहीं है कि मैंने ऐसा कहा।” इतना ही नहीं, ट्रम्प ने जेलेंस्की से मुलाकात को लेकर कहा कि जेलेंस्की को लेकर उनके मन में बहुत इज्जत है। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि कल हमारी बहुत अच्छी मुलाकात होने वाली है। हम बहुत अच्छे से मिलजुलकर काम करेंगे। हम एक-दूसरे का बहुत सम्मान करते हैं। उन्होंने बहुत बहादुरी से लड़ाई लड़ी है। ट्रम्प ने जेलेंस्की को बिना चुनाव का तानाशाह कहा था ट्रम्प ने पिछले सप्ताह कहा था कि जेलेंस्की बिना चुनाव वाले तानाशाह हैं। उन्होंने सिर्फ अपनी जिद में देश को लड़ाई में झोंक दिया और लाखों जानें ले लीं। इसके बाद रूस-यूक्रेन जंग के तीन साल पूरे होने पर पर यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा था कि वे शांति की खातिर कुछ भी करने को तैयार हैं। अगर इस्तीफा देने से शांति आती है या यूक्रेन को NATO की सदस्यता मिलती है, तो वे इस्तीफा देने को तैयार हैं। एक महीने से यूक्रेन सरकार पर दबाव बना रहे थे ट्रम्प ट्रम्प करीब एक महीने से यूक्रेन सरकार पर अमेरिका को दुर्लभ खनिज देने को लेकर दबाव बना रहे थे। उनका कहना था कि अगर यूक्रेन को अमेरिकी मदद चाहिए तो उसे 500 बिलियन डॉलर के दुर्लभ खनिज अमेरिका को देने होंगे।उन्होंने जेलेंस्की को धमकी दी थी कि यदि उन्होंने ऐसा नहीं किया तो अमेरिका यूक्रेन को और मदद देना बंद कर देगा। शुरुआत में जेलेंस्की अमेरिका की इस मांग को खारिज करते रहे। हालांकि बाद में वे डील करने को राजी हो गए। एक दिन पहले उन्होंने खुलासा किया कि ट्रम्प युद्ध में अमेरिका से अब तक मदद के नाम पर मिले लगभग 500 अरब डॉलर वापस मांग रहे हैं। अगर हम उन्हें यूक्रेन के खनिजों पर अधिकार नहीं देते तो यूक्रेन की 10 पीढ़ियां 500 अरब डॉलर को चुकाने में खप जातीं। हालांकि व्हाइट हाउस ने बताया है कि इस समझौते में यूक्रेन के लिए कोई सहायता गारंटी नहीं होगी, न ही अमेरिका की कोई जिम्मेदारी तय की जाएगी। दुर्लभ खनिजों से अमेरिका को क्या फायदा? ट्रम्प यूक्रेन के जिन दुर्लभ खनिजों को लेना चाहते हैं, उनका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक कार, हथियार और सैन्य उपकरण बनाने में होता है। दुर्लभ खनिजों की ग्लोबल सप्लाई चेन में फिलहाल चीन सबसे बड़ा प्लेयर है। माइनिंग टेक्नोलॉजी की रिपोर्ट के मुताबिक चीन दुनिया के 69% दुर्लभ खनिजों का उत्पादन करता है, जबकि 90% दुर्लभ खनिज चीन में ही प्रोसेस होते हैं। BBC की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रम्प दुर्लभ खनिजों की सप्लाई में अमेरिका का हिस्सा बढ़ाना चाहते हैं। फिलहाल अमेरिका इन खनिजों के लिए चीन पर निर्भर है। अमेरिका को दोबारा महान बनाने की बात करने वाले ट्रम्प के लिए ये चिंता की बात है। इससे अमेरिका का आर्थिक और सैन्य मोर्चे पर दांव कमजोर पड़ सकता है। यूक्रेन के लुहांस्क, डोनेत्सक, जपोरेजिया और खेरसॉन पर रूस ने कब्जा कर लिया है। इन प्रांतों में यूक्रेन के कुल खनिज भंडार का 53% हिस्सा है, जिसकी कीमत 6 ट्रिलियन पाउंड यानी 660 लाख करोड़ रुपए हैं। इस पर पुतिन का सितंबर 2022 से कब्जा है। यूक्रेन के पास दुनिया का 5% कच्चा माल यूक्रेन के पास रेयर अर्थ मटेरियल के दुनिया के कुल कच्चे माल का लगभग 5% है। इसमें ग्रेफाइट का लगभग 19 मिलियन टन भंडार शामिल हैं। इसके अलावा यूरोप के कुल लीथियम भंडार का 33% हिस्सा यूक्रेन के पास है। जंग की शुरुआत से पहले ग्लोबल टाइटेनियम उत्पादन में 7% हिस्सा यूक्रेन का था। यूक्रेन के पास रेयर अर्थ मटेरियल के कई अहम भंडार हैं। हालांकि, जंग के बाद इनमें से कई रूस के कब्जे में पहुंच गए हैं। यूक्रेनी मंत्री यूलिया स्विरीडेन्को के मुताबिक रूस के कब्जे वाले यूक्रेनी हिस्से में 350 अरब डॉलर के संसाधन मौजूद हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स से IT तक में रेयर अर्थ मटेरियल का इस्तेमाल रेयर अर्थ मटेरियल 17 एलिमेंट्स का एक ग्रुप है, जो कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर मिलिट्री इक्विपमेंट तक में इस्तेमाल होता है। इसका उपयोग IT इंडस्ट्रीज, सौर ऊर्जा, केमिकल इंडस्ट्रीज के अलावा आधुनिक तकनीकी ऑयल रिफाइनरी में और कई अन्य इंडस्ट्रीज में होता है। ————————— ये खबर भी पढ़ें… पुतिन का अमेरिका को बिजनेस डील का ऑफर:कहा- हमारे पास यूक्रेन से ज्यादा दुर्लभ खनिज; जेलेंस्की इस हफ्ते US जाएंगे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिकी कंपनियों को रूस के साथ बिजनेस डील का ऑफर दिया है। पुतिन ने 25 फरवरी को एक इंटरव्यू में कहा कि अमेरिकी कंपनियां चाहें तो रूस के कब्जे वाले यूक्रेनी इलाके में खनिज संसाधनों के खनन में मदद कर सकती हैं। इसके साथ ही उन्होंने रूस के साइबेरिया वाले इलाके में भी खनन का ऑफर दिया। पूरी खबर यहां पढ़ें…