सरकार ने भारत में ट्र्रस्ट के जरिये निवेश करने वाले विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की डिविडेंड कमाई पर अधिकतम 15 फीसदी ही सरचार्ज लगाने का प्रस्ताव रखा है। अभी यह सरचार्ज 25-37 फीसदी तक लग रहा है। पिछले साल तथाकथित सुपररिच टैक्स लगाए जाने के बाद निराश चल रहे विदेशी निवेशकों को इस बदलाव से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। इससे देश के शेयर बाजार में विदेशी निवेश बढ़ने की भी उम्मीद है।
2019-20 के बजट के बाद से ट्रस्ट के जरिये निवेश करने वाले एफपीआई की 5 करोड़ रुपए से ज्यादा की डिविडेंड कमाई पर 37 फीसदी सरचार्ज लगता है। 2-5 करोड़ रुपए तक की डिविडेंड कमाई पर उन्हें 25 फीसदी सरचार्ज देना होता है। सरचार्ज की इस दर को लेकर सरकार को आलोचना का सामना करना पड़ रहा था कि इससे विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में पैसे लगाने से कतरा सकते हैं।
देश में करीब 45% एफपीआई ने ट्रस्ट बनाकर निवेश किया है
सरकार ने इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर (आईएफएससी) में कैटेगरी-3 अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स (एआईएफ) की मसाला बांड्स, डेरिवेटिव्स या विदेशी निवेश से होने वाली कमाई को टैक्स छूट देने का भी प्रस्ताव रखा है। देश में करीब 45 फीसदी एफपीआई ने ट्रस्ट बनाकर निवेश किया है। वे रिफंड का दावा कर सकेंगे, क्योंकि नए प्रावधान 1 अप्रैल 2020 से लागू होंगे।
वित्त मंत्री ने लोकसभा में संशोधन विधेयक पेश किया
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को लोकसभा में टैक्सेसन एंड अदर लॉज (रिलेक्सेशन एंड अमेंडमेंट ऑफ सर्टेन प्रोविजंस) बिल, 2020 पेश किया। यह कोरोनावायरस महामारी के कारण करदाताओं को राहत देने के लिए लाए गए अध्यादेश की जगह लेगा। इस विधेयक में एफपीआई और एआईएफ को राहत देने का भी प्रावधान किया गया है।
इस साल 1 अप्रैल से डिविडेंड पाने वाले पर टैक्स और सरचार्ज लग रहा था
वित्त विधेयक 2003 में शेयरधारकों को मिलने वाले डिविडेंड पर से टैक्स खत्म कर दिया गया था। इसकी जगह डिविडेंड देने वाली कंपनियों और म्यूचुअल फंड पर डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (डीडीटी) लगा दिया गया था। इस साल 1 अप्रैल से डीडीटी खत्म कर दिया गया। इसकी जगह डिविडेंड पाने वाले पर (एप्लिकेबल रेट से) टैक्स लगाने की व्यवस्था बना दी गई। साथ ही डिविडेंड कमाई पर 37 फीसदी तक का सरचार्ज भी लगाया गया। अब संशोधन के बाद एफपीआई के लिए सरचार्ज की अधिकतम दर 15 फीसदी रह जाएगी।