डब्ल्यूएचओ दुनिया के कम और मध्यम कमाई वाले देशों में 12 करोड़ कोरोना टेस्ट पहुंचाएगा। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ट्रेडेास गेब्रेएसिस ने सोमवार को बताया कि इसके लिए दो कंपनियों के साथ करार किया गया है। इन टेस्टिंग किट से 15 से 30 मिनट में नतीजे मिल जाएंगे।
इनकी कीमत 5 डॉलर (करीब 370 रु.) या उससे भी कम होगी। यह प्रेगनेंसी किट की तरह नजर आएंगे। पॉजिटिव रिजल्ट बताने के लिए इसमें दो ब्लू लाइन्स होंगीं। मौजूदा वक्त में टेस्ट के नतीजे आने में एक से दो दिन का समय लगता है।
उधर, अमेरिका में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के मुताबिक, देश के 50 में से 21 राज्यों में पिछले हफ्ते के मुकाबले संक्रमण के मामले बढ़े हैं।19 राज्यों में इसका स्तर ठहरा हुआ है। वहीं, 10 राज्य ऐसे भी हैं जहां संक्रमण के मामले कम हो रहे हैं। अमेरिका में अब तक 73 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित मिले हैं और 2 लाख से ज्यादा संक्रमितों की जान गई है।
दुनिया में संक्रमितों का आंकड़ा 3.34 करोड़ से ज्यादा हो गया है। वहीं, ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 2 करोड़ 47 लाख 79 हजार 651 से ज्यादा हो चुकी है। इस बीच, संक्रमण से मरने वालों का आंकड़ा 10 लाख के पार हो चुका है। ये आंकड़े www.worldometers.info/coronavirus के मुताबिक हैं।

इन 10 देशों में कोरोना का असर सबसे ज्यादा
देश |
संक्रमित | मौतें | ठीक हुए |
अमेरिका | 73,37,689 | 2,09,601 | 45,90,472 |
भारत | 61,37,941 | 96,275 | 50,87,812 |
ब्राजील | 47,36,831 | 1,41,877 | 40,60,088 |
रूस | 11,59,573 | 20,385 | 9,45,920 |
पेरू | 8,13,056 | 25,488 | 7,11,472 |
स्पेन | 7,48,266 | 31,411 | उपलब्ध नहीं |
मैक्सिको | 7,30,317 | 76,430 | 5,23,831 |
अर्जेंटीना | 7,11,325 | 15,749 | 5,65,935 |
साउथ अफ्रीका | 6,70,766 | 16,398 | 6,03,721 |
फ्रांस | 5,38,569 | 31,727 | 94,891 |
कुल आबादी और संक्रमितों की संख्या का अनुपात
दुनिया की आबादी 780 करोड़ से ज्यादा है। वहीं, अब दुनिया का हर 234वां शख्स संक्रमित है। भारत में हर 227 वां व्यक्ति संक्रमण की चपेट में है। दुनिया को कोरोना देने वाले चीन में हालात काबू में हैं। वहां की आबादी में हर 16,859वां शख्स संक्रमित है। अमेरिका-ब्राजील में हालात ज्यादा खराब हैं। वहां हर 45वां शख्स संक्रमित हो रहा है। पाकिस्तान में भी हालात बेहतर नहीं हैं।
रूस: मॉस्को में 16 की मौत
रूस में संक्रमण की दूसरी लहर घातक साबित होने लगी है। मॉस्को में रविवार को 16 लोगों की मौत हो गई। अब यहां मरने वालों का आंकड़ा 5180 हो गया है। हेल्थ मिनिस्ट्री ने कहा- हमने नए मामलों पर काबू पाने में काफी हद तक सफलता हासिल की है। लेकिन, गंभीर मरीजों की मौत हुई। शनिवार को 18 और रविवार को 16 मरीजों की मौत हुई। इनमें से ज्यादातर उम्रदराज थे और पहले से बीमारियों से जूझ रहे थे।

चीन: गंभीर आरोप
दुनिया के कई देशों में कोरोना वैक्सीन पर रिसर्च और ट्रायल जारी है, लेकिन चीन ने अपने नागरिकों को असुरक्षित वैक्सीन लगाना शुरू कर दिया है। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ये वैक्सीन असुरक्षित इसलिए हैं क्योंकि इनके सफल ट्रायल के सबूत नहीं मिले हैं। यह वैक्सीन एक सरकारी कंपनी की है। इसे सरकारी अफसर, कंपनी के स्टाफ, टीचर्स और विदेश जाने वाले लोगों को लगाया जा रहा है।

पेरू : सावधानी बरतें लोग
संक्रमण की दूसरी लहर को लेकर लैटिन अमेरिकी देश पेरू ने सख्त रवैया अपनाया है। यहां राष्ट्रीय आपातकाल 31 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया गया है। प्रेसिडेंट मार्टिन विजकारा ने कहा- इस बात की संभावना है कि यह इमरजेंसी साल के आखिर तक बनी रहे। फिलहाल, हम इसे 31 अक्टूबर तक बढ़ा रहे हैं।
पेरू की हेल्थ मिनिस्ट्री ने एक बयान में कहा- हम जानते हैं कि लोगों को कुछ प्रतिबंधों से काफी परेशान होना पड़ रहा है। लेकिन, कोविड-19 से बचने का फिलहाल यही उपाय है कि हम हर सावधानी बरतें। मास्क और सैनिटाइजेशन का खास ध्यान रखें।
फ्रांस: 11 शहरों में कोरोना से जुड़ी नई पाबंदियां लागू
फ्रांस में सोमवार से कोरोना से जुड़ी नई पाबंदियां लागू कर दी गईं। सरकार ने राजधानी पेरिस समेत देश के 11 शहरों में ये पाबंदियां लागू की हैं, जो अगले 15 दिन तक जारी रहेंगी। इन शहरों में रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच सभी बार बंद रहेंगे। किसी भी किराए के जगह पर शादी समारोह, उत्सव मनाने और स्टूडेंट पार्टी पर भी रोक होगी। हालांकि, खुले जगहों जैसे कि पार्क में 10 लोगों को एक साथ जुटने की छूट दी गई है।
ब्रिटेन: लंदन में लगेगा लॉकडाउन
बोरिस जॉनसन सरकार नॉर्दर्न ब्रिटेन और लंदन में फिर सख्त लॉकडाउन लगाने पर विचार कर रही है। द टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम ने पिछले दिनों साफ कर दिया था कि देश में संक्रमण की दूसरी लहर तेज हो रही है और इससे वही हालात पैदा होने का खतरा है जो मई और जून में सामने आए थे।
ब्रिटेन ने नवम्बर से चार महीने के लिए जरूरी मेडिकल आइटम्स स्टॉक करने का फैसला किया है। इनमें फेस मास्क, वाइजर्स और गाउन जैसे सामान शामिल हैं। यह जानकारी डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड सोशल केयर ने सोमवार को दी। जरूरत पड़ने पर हेल्थ और सोशल केयर वर्कर्स इनका इस्तेमाल कर सकेंगे। अब तक यहां 4 लाख 39 हजार 13 संक्रमित मिले हैं और 42 हजार से ज्यादा संक्रमितों की मौत हो चुकी है।
