तेल, टूथपेस्ट से लेकर च्यवनप्राश और कफ सिरप बनाने वाली कंपनी डाबर इंडिया का जनवरी-मार्च तिमाही में नेट प्रॉफिट यानी शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 8.2% गिरकर ₹313 करोड़ रहा। पिछले साल की समान तिमाही में यह ₹341 करोड़ रहा था। ऑपरेशंस से चौथी तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू सालाना आधार पर 0.53% बढ़कर 2,830 करोड़ रुपए रहा। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में ये 2,815 करोड़ रुपए रही थी। डाबर इंडिया ने बुधवार (7 मई) को वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही (Q4FY25) के नतीजे जारी किए हैं। तिमाही नतीजों में निवेशकों के लिए क्या? चौथी तिमाही में नतीजों के साथ डाबर इंडिया ने अपने हर शेयरहोल्डर्स को प्रति शेयर 5.25 रुपए का डिविडेंड यानी लाभांश देने का ऐलान किया है। कंपनियां अपने मुनाफे का कुछ हिस्सा अपने शेयरहोल्डर्स को भी देती हैं, जिसे लाभांश कहा जाता है। क्या कंपनी के नतीजे उम्मीद से अच्छे हैं? वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में डाबर इंडिया का मुनाफा मार्केट विश्लेषकों की उम्मीद से बेहतर रहा है, यानी कंपनी ने इस बार बेहतर काम किया है। एक साल में 14% गिरा डाबर इंडिया का शेयर डाबर इंडिया का शेयर आज 0.12% की गिरावट के साथ 480 रुपए के स्तर पर बंद हुआ। कंपनी का शेयर पिछले एक महीने में 6% चढ़ा है। एक साल में 14% गिरा है। जबकि 6 महीने में 10% गिरा है। कंपनी का मार्केट कैप 85.22 हजार करोड़ रुपए है। 140 साल पहले एक कमरे में दवा बनाने से शुरू हुई थी कंपनी डाबर इंडिया लिमिटेड की शुरुआत 140 साल पहले 1884 में डॉक्टर एस. के. बर्मन ने की थी। शुरुआत में डॉ. बर्मन एक छोटे से घर में दवाएं बनाते थे और उसे उन लोगों तक पहुंचाते थे, जिन तक हेस्थ फैसिलिटिज की पहुंच नहीं थी। समय के साथ इनकी दवाओं पर लोगों का भरोसा लगातार बढ़ता गया। डाबर च्यवनप्राश, डाबर हनी, डाबर पुदीन हारा और डाबर लाल तेल सहित पर्सनल केयर कैटेगरी में डाबर आंवला और डाबर रेड पेस्ट कंपनी के कुछ लोकप्रिय प्रोडक्ट हैं।