उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को हरी नगर और तिलक नगर स्थित आईटीआई का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने दोनों संस्थानों की शैक्षणिक गतिविधियों और कार्यप्रणाली के साथ ही इनकी आवश्यकताओं की भी जानकारी ली। सिसोदिया ने बतौर शिक्षा मंत्री के अपने दूसरे कार्यकाल में स्किल एजुकेशन को अपना प्रमुख एजेंडा बनाने का ऐलान किया।
उन्होंने कहा कि दिल्ली ने स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में देश और दुनिया के सामने एक मॉडल पेश किया है। अब कौशल विकास और उद्यमिता को बढ़ावा देते हुए दिल्ली और देश को आर्थिक मंदी से निकालने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्किल युनिवर्सिटी से दिल्ली की अर्थव्यवस्था सुधरेगी। सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार ने स्कूली शिक्षा की तरह स्किल सेक्टर में भी बड़े कदमों की तैयारी कर ली है। जल्द की इसका परिणाम दिखने लगेगा।
दिल्ली स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी सिर्फ हमारे देश के लिए ही नहीं बल्कि दुनिया के लिए एक मिसाल बनेगी। हमारी कोशिश है कि हर बच्चे को उसकी आकांक्षा और क्षमता के अनुसार वोकेशनल एजुकेशन मिले ताकि उन्हें अपने कैरियर की ऊंचाइयों तक जाने का अवसर मिल सके। उपमुख्यमंत्री के अनुसार उद्योग जगत की आवश्यकता के अनुरूप आधुनिक तकनीक की पर्याप्त समझ और व्यावहारिक प्रशिक्षण के जरिए हर स्टूडेंट को पूर्णतया योग्य बनाया जाएगा।
कौशल प्रशिक्षण के साथ ही अप्रेंटिसशिप के अवसर
सिसोदिया ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण आर्थिक संकट के आलोक में देश को विकास की दिशा में ले जाने के जिस कौशल और उद्यमिता की जरूरत है, उसे पूरा करने के लिए दिल्ली संकल्पबद्ध है। इसके तहत कौशल प्रशिक्षण के साथ ही अप्रेंटिसशिप के भी अवसर दिए जाएंगे। साथ ही, औद्योगिक संस्थाओं का भरोसा जीतते हुए सभी प्रशिक्षुओं के लिए बेहतर प्लेसमेंट और आकर्षक सैलरी भी लक्ष्य है। जिन स्टूडेंट्स को जरूरत होगी, उनकी वोकेशनल एजुकेशन के लिए वित्तीय सहायता और स्कॉलरशिप का भी उपाय किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री सिसोदिया के अनुसार डीएसईयू द्वारा देश विदेश की विभिन्न संस्थाओं के साथ विभिन्न कोर्स और नॉलेज शेयरिंग के लिए तालमेल भी किया जाएगा। बता दें कि वर्ष 2019 में दिल्ली स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी (डीएसईयू) विधेयक पारित किया गया था।