पुलिस ने एक ऐसे जालसाज को अरेस्ट किया है, जिसने सिर्फ डीयू के रिटायर्ड प्रोफेसर को ही नहीं बल्कि एक आईपीएस अफसर और एलजी हाउस में कार्यरत अधिकारी को भी ठगा था। एक मामले की जांच कर रही पुलिस इस जालसाज को पकड़ने के लिए इधर उधर हाथ पांव मारती रही, लेकिन वह मिला तिहाड़ जेल में बंद। आरोपी की पहचान टैगोर गार्डन निवासी विकास झा उर्फ अमित (30) के तौर पर हुई। जिस पर अठारह मुकदमे दर्ज हैं। नार्थ डिस्ट्रिक पुलिस की एक अधिकारी ने बताया डीयू के रिटायर्ड प्रोफेसर ने पिछले साल खुद के साथ हुई धोखाधडी की शिकायत रुप नगर थाने में दर्ज करायी थी।
जिसमें उन्होंने बताया उनके क्रेडिट कार्ड पाइंट्स को रिडीम करने का ऑफर दिया गया। उनके लालच के झांसे में आकर भेजे गए लिंक पर क्लिक कर कार्ड की सारी जानकारी दे दी। जिसके बाद उनके क्रेडिट कार्ड से साठ हजार रुपए निकल गए। मामले की जांच के दौरान पुलिस को पता लगा इस रकम से अमेजन का गिफ्ट कार्ड खरीदा गया था। अमेजन से गिफ्ट कार्ड की जानकारी जुटायी तो पता चला उससे शॉपिंग हुई थी। जांच मे पुलिस को हैदराबाद का पता मिल गया। पुलिस ने आशु को ट्रैक किया, जिसने बताया उसके भाई इमरान ने शॉपिंग की है। इमरान ने पुलिस को पूछताछ में बताया उसने तो ये गिफ्ट कार्ड एक वेबसाइट से खरीदा था।
यानी जालसाज पकड़े जाने के डर से पहले ही इन गिफ्ट कार्ड को बेच चुका था। पुलिस ने इमरान से जालसाज का नंबर हासिल कर लिया। वह विकास झा का था। विकास के बारे में जानकारी जुटायी गई तो पता चला वह तो पहले से ही तिहाड़ जेल के अंदर बंद है। इसके बाद पुलिस ने अधिकारिक तौर पर गुरुवार को उसकी गिरफ्तारी डाल दी। पुलिस की जांच में यह बात सामने आई कि आरोपी पिछले साल दिल्ली पुलिस के एक ज्वाइंट सीपी और एलजी हाउस में कार्यरत एक दानिक्स अधिकारी को भी चपत लगा चुका है।