अब डॉक्टर, वकील और चार्टर्ड अकाउंटेंट जैसे पेशेवर भी एमएसएमई ऋण गारंटी योजना का लाभ ले सकेंगे। केंद्र ने शनिवार को तीन लाख करोड़ रुपये की एमएसएमई ऋण गारंटी योजना का दायरा बढ़ाते हुए 50 करोड़ रु. तक के बकाया कर्ज वाली इकाइयों को इसका पात्र बना दिया है।
अब तक अधिकतम 25 करोड़ रु. तक के बकाया कर्ज वाली इकाइयों को ही नए कर्ज पर सरकारी गारंटी देने की योजना थी। इसके साथ ही योजना के दायरे में व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए डॉक्टरों, वकीलों और चार्टर्ड अकाउंटेंट को दिए गए व्यक्तिगत कर्ज को शामिल किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि ईसीएलजीएस योजना में अब व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए दिए गए व्यक्तिगत ऋण भी शामिल होंगे। वित्तीय सेवा सचिव देवाशीष पांडा ने कहा कि योजना का लाभ अधिक से अधिक कंपनियां ले सकें, इसके लिए योजना के तहत पात्रता के लिए 29 फरवरी को बकाया ऋण की ऊपरी सीमा को 25 करोड़ से बढ़ाकर 50 करोड़ रु. करने का फैसला किया है। पांडा ने बताया कि इस योजना के तहत गारंटीकृत आपातकालीन क्रेडिट लाइन की अधिकतम राशि भी मौजूदा पांच करोड़ से बढ़कर 10 करोड़ रु. हो जाएगी। योजना के तहत छोटी कंपनियों को पर्याप्त संख्या में शामिल किया जा चुका है, इसलिए अब बड़ी कंपनियों को भी शामिल करने की तैयारी है।