तिल चतुर्थी 17 जनवरी को:शनिदेव के लिए काले तिल दान करने की परंपरा, पिंडदान में भी किया जाता है तिल का इस्तेमाल

शुक्रवार, 17 जनवरी को माघ कृष्ण पक्ष की चतुर्थी है, इसका नाम तिल चतुर्थी है। इस दिन तिल से जुड़े धर्म-कर्म करने की परंपरा है। तिल पूजा-पाठ के नजरिए से बहुत ही पवित्र माना जाता है। इसी वजह तिल के बिना पिंडदान नहीं किए जाते हैं। तिल से हवन किए जाते हैं, पूजा-पाठ में देवी-देवताओं को तिल और तिल से बने व्यंजन चढ़ाए जाते हैं। जानिए तिल से जुड़ी खास बातें… उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, तिल पवित्रता और शुद्धि का प्रतीक है। इसी वजह से पूजा-पाठ में खासतौर पर इसका इस्तेमाल होता है। तिल पितरों को भी विशेष प्रिय हैं, इसीलिए श्राद्ध कर्म, पिंडदान और पितरों के तर्पण कर्म तिल के बिना अधूरे माने जाते हैं। पितरों के लिए तिल का दान भी किया जाता है।