तीसरे चरण का ट्रायल बांग्लादेश में घनी आबादी वाले हॉटस्पॉट में करने की तैयारी, 40 हजार लोगों पर होगा चीनी वैक्सीन का परीक्षण

चीन में कोरोना के हॉटस्पॉट न होने के कारण वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल करना मुश्किल हो रहा है। दुनियाभर के कई देशों के मना करने के बाद संयुक्त अरब अमीरात, कनाडा, ब्राजील, इंडोनेशिया, मेक्सिको ने अपने यहां ट्रायल के लिए रजामंदी दी है। अब चीन घनी आबादी वाले बांग्लादेश में तीसरे चरण के ट्रायल की तैयारी कर रही है। चीनी फार्मा कम्पनी सिनोफार्म और नेशनल बायोटेक, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की मदद से 40 हजार लोगों पर ट्रायल करने की तैयारी कर रही है।

अब व्यापार बढ़ाने के लिए कमजोर अर्थव्यवस्था वाले देश पर नजर
फार्मा के क्षेत्र में अपना व्यापार बढ़ाने के लिए अब चीन कमजोर अर्थव्यवस्था और घनी आबादी वाले देश को निशाना बना रहा है। वैक्सीन को जल्द से जल्द तैयार करके व्यापार बढ़ाने की रणनीति बना रहा है। फार्मा कम्पनी सिनोफार्म ने हाल ही में वुहान में बड़े स्तर पर वैक्सीन तैयार करने के लिए प्लांट तैयार करावाया है।

दुनियाभर में 8 बड़ी वैक्सीन के ट्रायल में 7 चीन की
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, दुनियाभर में सम्भावित प्रभावी वैक्सीन के 8 ट्रायल चल रहे हैं उनमें 7 चीन फार्मा कम्पनी की हैं। चीन ने पहली वैक्सीन फार्मा कम्पनी सीनोवेक बायोटेक के साथ मिलकर तैयार की है। यह देश की दूसरी और दुनिया की तीसरी ऐसी वैक्सीन है, कुछ देशों में इसके तीसरे चरण के ट्रायल शुरू हो गए हैं। दूसरी वैक्सीन चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) मेडिकल रिसर्च यूनिट ने प्राइवेट कम्पनी केनसिनो के साथ मिलकर वैक्सीन तैयार की है। ट्रायल के लिए इसका इस्तेमाल सीमित आम लोगों पर करने की अनुमति दे दी गई है।

पहले और दूसरे चरण के ट्रायल एक साथ करने को मंजूरी मिली
वैक्सीन की तैयारी युद्ध स्तर पर लाने के लिए चीन ने फार्मा कम्पनी सिनोवेक और सीनोफार्म को एक साथ पहले और दूसरे चरण का ट्रायल करने की अनुमति दी थी। चीन में वैक्सीन को लोगों तक पहुंचने की सम्भावना दूसरे देशों से अधिक है क्योंकि वैक्सीन तैयार करने में पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी का रोल सबसे अहम है और यहीं दवाओं को अप्रूव करता है, इसलिए अप्रूवल में समय नहीं लगेगा। पिछले महीने ही आर्मी ने कैनसीनो के साथ मिलकर वैक्सीन तैयार की।

वैज्ञानिक खुद पर प्रयोग के लिए तैयार
चीनी मीडिया के मुताबिक, पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी के मुख्य वैज्ञानिक चेन वी ने वैक्सीन का पहला डोज लिया था। कई सालों पहले सार्स के इलाज में होने वाला प्रयोग भी इन पर किया गया था। चीन का अब अगला लक्ष्य ट्रायल के लिए दूसरे देशों की ओर रुख करना है। संयुक्त अरब अमीरात, कनाडा, ब्राजील, इंडोनेशिया, मेक्सिको ने अपने यहां ट्रायल के लिए रजामंदी दी है।

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