दिल्ली का अपना शिक्षा बोर्ड अगले साल से काम करना शुरू कर सकता है। इस संबंध में रविवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली के अपने स्कूल शिक्षा बोर्ड के अगले साल से क्रियाशील होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि यह बोर्ड अन्य राज्यों की तरह सरकारी स्कूलों के ऊपर नहीं थोपा जाएगा। राज्य शिक्षा बोर्ड गठित करने की योजना के बारे में सिसोदिया ने बताया कि यह बोर्ड नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रस्तावित सुधारों के अनुरूप होगा और ध्यान लगातार आकलन पर होगा, न कि वर्ष के अंत में होने वाली परीक्षाओं पर।
सिसोदिया ने कहा, हमने प्रस्तावित बोर्ड के साथ ही पाठ्यक्रम सुधारों पर काम करने के लिए हाल ही में दो समितियां गठित की है। शुरुआत में करीब 40 स्कूलों को बोर्ड से संबद्ध किया जाएगा जो या तो सरकारी होंगे या निजी स्कूल। उन्होंने कहा कि अन्य राज्य बोर्डों में यह होता है कि निजी स्कूलों के पास सीबीएसई, आईसीएसई या राज्य बोर्ड में से किसी को चुनने का विकल्प होता है जबकि सरकारी स्कूलों में राज्य बोर्ड का पाठ्यक्रम लागू होता है।
लेकिन यहां यह सरकारी और निजी दोनों ही तरह के स्कूलों के लिए वैकल्पिक होगा हम बोर्ड को उपयोगी एवं समृद्ध बनाना चाहते हैं।” दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने मार्च के अपने वार्षिक बजट में अलग शिक्षा बोर्ड के गठन की योजना की घोषणा की थी।