ट्रेनों की लेटलतीफी को सुधारने के लिए रेलवे ने मिशन रफ्तार के तहत आगे की तैयारी शुरू कर दी है। जिसके तहत अब 24 कोच वाली ट्रेनों को भी 130 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलाया जाएगा। उत्तर रेलवे आने वाले तीन दिनों तक एक स्पेशल ट्रेन के जरिए इस योजना की ट्रायल करेगी। इसके लिए उत्तर रेलवे ने सभी तैयारी पूरी कर ली गई है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इससे यात्रियों को सफर में हर रूट पर 10 से 30 मिनट तक की बचत होगी।
उत्तर रेलवे ट्रायल के लिए नागपुर से मंगवा रहा है 24 कोच वाली ट्रेन
ट्रायल के लिए 24 कोच वाली ट्रेन नागपुर से आ रही है। इस ट्रायल के दौरान यह देखा जाएगा कि अगर 24 कोच के साथ किसी ट्रेन को 130 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलाया जाएगा तो ट्रैक में किस तरह का कंपन होगा और इससे किसी तरह की परेशानी तो नहीं आएगी। इस ट्रायल के बाद तय हो जाएगा कि 24 कोच वाली ट्रेनों को 130 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलाया जा सकेगा या नहीं।
उत्तर रेलवे के ये तीन रूट हैं अहम
उत्तर रेलवे के अनुसार दिल्ली से जुड़े तीन रूटों नई दिल्ली से अंबाला-लुधियाना,नई दिल्ली से गाजियाबाद व नई दिल्ली से पलवल के बीच 24 कोच वाली ट्रेनों के रफ्तार का ट्रायल किया जाएगा। इन तीनों की रूटों पर शताब्दी व राजधानी जैसी 12 से 18 कोच की ट्रेन 130 से 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलती हैं। लेकिन जिन ट्रेनों में 24 कोच हैं उनकी रफ्तार अभी भी 110 किलोमीटर प्रतिघंटा है। जबकि वह ट्रेन भी 130 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलने के लिए सक्षम हैं।
इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती देने पर हुआ काम
कोरोना की वजह से पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन सीमित संख्या में हो रहा है। ऐसे में रेलवे ने इस दौरान अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को काफी मजबूत किया है। इस कारण उत्तर रेलवे तेज गति से भी ट्रेन चलाने में सक्षम है। अब रेलवे 24कोचों वाली ट्रेन को 130 किलोमीटर के स्पीड से दौड़ाएगी इसका सीधा असर ट्रेनों की रफ्तार पर पड़ेगा। इतना ही नहीं अब जो टाइम टेबल तैयार हो रहा है वह भी जीरो बेस्ड सिस्टम के तहत किया जा रहा है।
ऐसे में अगर उक्त ट्रेनों पर 24 कोच वाली ट्रेनों की रफ्तार बढ़ जाती है तो नई दिल्ली लुधियाना रूट पर 30 मिनट और नई दिल्ली गाजियाबाद और नई दिल्ली पलवल रूट पर 10 से 15 मिनट की बचत हो पाएगी।