दिल्ली के पूर्व CM अरविंद केजरीवाल के 6, फ्लैगशिप रोड स्थित बंगले की जांच होगी। सेंट्रल विजिलेंस कमीशन (CVC) ने 13 फरवरी को आदेश जारी किया। CVC ने जांच का आदेश सेंट्रल पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (CPWD) की रिपोर्ट सामने आने के बाद दिया। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि 40,000 वर्ग गज (8 एकड़) में बनी भव्य हवेली के निर्माण में कई नियमों को तोड़ा गया। यह वही बंगला है जिसे बीजेपी ने शीशमहल कहा था
बीजेपी ने दिल्ली में 6, फ्लैग रोड पर बने सीएम हाउस को शीशमहल कहा है। ये दिल्ली के मुख्यमंत्री का सरकारी आवास है, जहां 2015 से 2024 तक दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल रहते थे। बीजेपी ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल ने सीएम रहते हुए मुख्यमंत्री आवास में रेनोवेशन के लिए 45 करोड़ रुपए खर्च कर दिए। सवाल-3: 45 करोड़ रुपए लगाकर जिसे आलीशान बनाया, क्या है वो ‘शीशमहल’? जवाब: 9 दिसंबर 2024 को बीजेपी ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें दिल्ली के सीएम हाउस का आलीशान इंटीरियर दिखाया गया। बीजेपी ने केजरीवाल पर तंज कसा, ‘वे कहते थे कि सरकारी घर नहीं लूंगा, लेकिन रहने के लिए 7 स्टार रिसॉर्ट बना डाला।’ दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने मांग की है कि केजरीवाल को दिल्ली के लोगों को बताना चाहिए कि उन्होंने किस अधिकार से अपने बंगले की सजावट पर करीब 45 करोड़ रुपए खर्च कर दिए। ये वो समय था जब कोविड में जनता के विकास कार्य बंद थे। सवाल-4: ‘शीशमहल’ पर खर्च करने के लिए 45 करोड़ रुपए कहां से आए? जवाब: मई 2023 में पहली बार ‘शीशमहल’ का मामला सामने आया। जब दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने CBI डायरेक्टर प्रवीण सूद को चिट्ठी लिखकर सीएम हाउस रेनोवेशन मामले की जांच का काम सौंपा। सितंबर 2023 में CBI ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज की। इसमें आरोप लगाया गया था कि दिल्ली के पूर्व सीएम केजरीवाल ने कोविड काल के दौरान सीएम आवास पर लगभग 45 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। यह पैसा सरकारी खजाने से लिया गया। इससे पहले दिल्ली बीजेपी ने सरकारी रिपोर्ट के हवाले से दावा किया था कि दिल्ली के सीएम हाउस के रेनोवेशन के लिए कुल 44.78 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। असल में इसके लिए 43.70 करोड़ रुपए जारी किए गए थे। इसमें इंटीरियर डिजाइन और डेकोरेशन पर ही 11.30 करोड़ रुपए खर्च किए गए। तब केजरीवाल के बंगले के लिए सितंबर 2020 से जून 2022 के बीच 6 किस्तों में पैसा जारी किया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगस्त 2024 में केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) ने सीएम हाउस पर फिजूलखर्ची करने के लिए तीन इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया था। इस पर AAP ने CPWD को ‘विच-हंट’ कहा था। सवाल-5: ‘शीशमहल’ के विवाद पर केजरीवाल ने क्या कहा? जवाब: 3 जनवरी को अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी के शीशमहल वाले बयान पर पलटवार करते हुए कहा, ‘जो व्यक्ति अपने लिए 2,700 करोड़ रुपए का घर बनवाता है, जो 8,400 करोड़ रुपए के हवाई जहाज में यात्रा करता है, जो 10 लाख रुपए का सूट पहनता है, उसके मुंह से शीशमहल की बात शोभा नहीं देती। मैं व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप या गाली-गलौज की राजनीति नहीं करता।’ केजरीवाल ने कहा कि देशभर में 4 लाख से ज्यादा झुग्गियां और 15 लाख लोग बेघर हैं। पीएम मोदी का इन मुद्दों पर ध्यान क्यों नहीं जाता। उन्होंने 5 साल में सिर्फ 1,700 घर बनाए हैं। केजरीवाल ने बीजेपी के संकल्प पत्र की आलोचना करते हुए दावा किया कि पीएम मोदी का नया 5 साल का कार्यकाल विकास के कामों को 200 साल धीमा कर देगा। सवाल-6: क्या ‘शीशमहल’ दिल्ली चुनाव में बड़ा मुद्दा बन सकता है? जवाब: पॉलिटिकल एक्सपर्ट रशीद किदवई मानते हैं कि दिल्ली चुनाव में ‘शीशमहल’ बहुत बड़ा मुद्दा बन सकता है। वे कहते हैं, ‘दिल्ली चुनाव में शीशमहल के बड़ा मुद्दा बनने की सबसे बड़ी वजह है अरविंद केजरीवाल की इमेज। दरअसल, 2013 में जब वे राजनीति में आए तो उन्होंने सरकारी कार या बंगला न लेने की शपथ ली थी। एक नई तरह की राजनीति शुरू करने का वादा किया था। इसके बाद उन पर शराब घोटाला और शीशमहल बनवाने के आरोप लगने लगे। यह सब उनकी राजनीतिक छवि को खासा नुकसान पहुंचा सकते हैं।’ रशीद किदवई बताते हैं, ‘किसी भी राजनेता की लाइफस्टाइल उसके समर्थकों के बीच बहुत महत्व रखती है। जनता के बीच केजरीवाल की इमेज सादगी वाली है। जनता ने गले में मफलर और सादे कपड़े पहने हुए केजरीवाल को दिल्ली का मुख्यमंत्री चुना था। अब उनके घर में ‘सोने की टॉयलेट सीट’ बने होने के आरोप लगने लगे। फिर भी केजरीवाल ने इन आरोपों को झूठा साबित करने की कोशिश नहीं की।’ इलेक्शन एनालिस्ट अमिताभ तिवारी बताते हैं, दिल्ली में विधानसभा चुनाव में 30% वोटर्स आम आदमी पार्टी को वोट करते हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव में यह वोटर्स 15% भाजपा के पास और 15% वोटर्स कांग्रेस के पास चले जाते हैं। ऐसे वोटर्स को फ्लोटिंग वोटर्स कहा जाता है। फ्लोटिंग वोटर्स ही AAP का सबसे बड़ा वोट बैंक है। यह वोटर्स अपने राजनेता से भावनात्मक रूप से जुड़े होते हैं। केजरीवाल पर लगातार लग रहे आरोपों की वजह से ऐसे वोटर्स का रुख बदल सकता है, क्योंकि बीजेपी हर तरफ से AAP को घेरने की फिराक में है। इस बार के चुनाव में AAP के पास विकास के मुद्दों की भी कमी है। सवाल-7: इन दिनों ‘शीशमहल’ में कौन रहता है और केजरीवाल कहां रह रहे हैं? जवाब: अब 6, फ्लैगशिप रोड स्थित बंगले में दिल्ली की सीएम आतिशी रह रही हैं। दरअसल, मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद केजरीवाल ने 4 अक्टूबर 2024 को दिल्ली सीएम आवास छोड़ दिया था। अब केजरीवाल AAP के राज्यसभा सांसद अशोक कुमार मित्तल के सरकारी आवास पर रह रहे हैं, जो 5, फिरोजशाह रोड पर है। दरअसल, दिल्ली विधानसभा में अन्य राज्यों की तरह विधायकों को रहने के लिए बंगले नहीं दिए जाते हैं। न ही केजरीवाल को पूर्व CM के तौर पर कोई बंगला दिया गया। इस्तीफे के बाद केजरीवाल के पास अपने पुश्तैनी, निजी या किराए के कोई मकान में रहने के ऑप्शन्स थे। इसके लिए उन्हें अलग से कोई भत्ता नहीं दिया गया, क्योंकि आवास भत्ता कुल प्रतिमाह दी जाने वाली राशि में शामिल होता है। दिल्ली में केजरीवाल का कोई घर नहीं है। दिसंबर 2013 में पहली बार दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने से पहले केजरीवाल गाजियाबाद के कौशांबी इलाके में रहते थे। मुख्यमंत्री के तौर पर वे मध्य दिल्ली के तिलक लेन स्थित घर में रहे। फरवरी 2015 में आम आदमी पार्टी को बहुमत मिला तो वे उत्तरी दिल्ली के सिविल लाइंस इलाके में 6, फ्लैगस्टाफ रोड स्थित आवास में रहने चले गए। सवाल-8: क्या कोई मुख्यमंत्री अपनी मर्जी से सीएम हाउस में बदलाव कर सकता है? जवाब: संविधान विशेषज्ञ और मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व प्रमुख सचिव भगवानदेव इसरानी के मुताबिक, मुख्यमंत्री निवास के रेनोवेशन के लिए मुख्य जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग (PWD) के पास होती है। यह विभाग राज्य सरकार के अधीन आता है। दिल्ली को स्पेशल स्टेट का दर्जा मिला है, इसलिए वहां CPWD विभाग है। PWD के पास सरकारी भवनों की देखभाल, मरम्मत, रेनोवेशन और निर्माण की जिम्मेदारी होती है। सीएम हाउस के रेनोवेशन के लिए वित्त विभाग की ओर से बजट जारी किया जाता है। इसके लिए सरकारी खजाने से खर्च की इजाजत ली जाती है। वित्त विभाग ही रेनोवेशन के सभी खर्चों का ब्योरा रखता है। रशीद किदवई बताते हैं कि देश में मुख्यमंत्री आवास के रेनोवेशन के लिए कोई भी कानून या नियम नहीं है। सभी राज्य के मुख्यमंत्रियों को अपनी लाइफस्टाइल के तहत घर में रेनोवेशन कराने की आजादी है। कुछ लोग बहुत सादगी से रहते हैं, तो कुछ लोगों को लग्जरी पसंद है। इस कारण किसी भी राज्य में जब कोई नया मुख्यमंत्री बनता है, तो वो सरकारी आवास को अपनी पसंद के मुताबिक रेनोवेट और डेकोरेट करवा सकता है। सवाल-9: क्या भारत में वाकई कोई ‘शीशमहल’ बना हुआ है? जवाब: शीशमहल का मतलब शीशे से बना महल। यानी ऐसा महल, जिसकी दीवारों पर शीशा लगा हुआ हो। भारत में दो मशहूर शीशमहल हैं, जो जयपुर और दिल्ली में स्थित हैं। **** रिसर्च सहयोग- आयुष अग्रवाल ——- केजरीवाल से जुड़ी ये भी खबर पढ़िए… आज का एक्सप्लेनर: केजरीवाल का महिलाओं को ₹2100 देने का वादा, अफसरों ने अखबारों में छपवाया- ये फ्रॉड; वो सब कुछ जो जानना जरूरी है दिल्ली में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अरविंद केजरीवाल ने महिलाओं के लिए 2100 रुपए महीने और बुजुर्गों के मुफ्त इलाज वाली स्कीम्स का वादा किया। 23 दिसंबर से इसके लिए रजिस्ट्रेशन भी शुरू कर दिए गए, लेकिन 25 दिसंबर को दिल्ली सरकार के ही दो विभागों के अफसरों ने अखबारों में विज्ञापन देकर इसे फ्रॉड बता दिया। पूरी खबर पढ़ें…
बीजेपी ने दिल्ली में 6, फ्लैग रोड पर बने सीएम हाउस को शीशमहल कहा है। ये दिल्ली के मुख्यमंत्री का सरकारी आवास है, जहां 2015 से 2024 तक दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल रहते थे। बीजेपी ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल ने सीएम रहते हुए मुख्यमंत्री आवास में रेनोवेशन के लिए 45 करोड़ रुपए खर्च कर दिए। सवाल-3: 45 करोड़ रुपए लगाकर जिसे आलीशान बनाया, क्या है वो ‘शीशमहल’? जवाब: 9 दिसंबर 2024 को बीजेपी ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें दिल्ली के सीएम हाउस का आलीशान इंटीरियर दिखाया गया। बीजेपी ने केजरीवाल पर तंज कसा, ‘वे कहते थे कि सरकारी घर नहीं लूंगा, लेकिन रहने के लिए 7 स्टार रिसॉर्ट बना डाला।’ दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने मांग की है कि केजरीवाल को दिल्ली के लोगों को बताना चाहिए कि उन्होंने किस अधिकार से अपने बंगले की सजावट पर करीब 45 करोड़ रुपए खर्च कर दिए। ये वो समय था जब कोविड में जनता के विकास कार्य बंद थे। सवाल-4: ‘शीशमहल’ पर खर्च करने के लिए 45 करोड़ रुपए कहां से आए? जवाब: मई 2023 में पहली बार ‘शीशमहल’ का मामला सामने आया। जब दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने CBI डायरेक्टर प्रवीण सूद को चिट्ठी लिखकर सीएम हाउस रेनोवेशन मामले की जांच का काम सौंपा। सितंबर 2023 में CBI ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज की। इसमें आरोप लगाया गया था कि दिल्ली के पूर्व सीएम केजरीवाल ने कोविड काल के दौरान सीएम आवास पर लगभग 45 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। यह पैसा सरकारी खजाने से लिया गया। इससे पहले दिल्ली बीजेपी ने सरकारी रिपोर्ट के हवाले से दावा किया था कि दिल्ली के सीएम हाउस के रेनोवेशन के लिए कुल 44.78 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। असल में इसके लिए 43.70 करोड़ रुपए जारी किए गए थे। इसमें इंटीरियर डिजाइन और डेकोरेशन पर ही 11.30 करोड़ रुपए खर्च किए गए। तब केजरीवाल के बंगले के लिए सितंबर 2020 से जून 2022 के बीच 6 किस्तों में पैसा जारी किया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगस्त 2024 में केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) ने सीएम हाउस पर फिजूलखर्ची करने के लिए तीन इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया था। इस पर AAP ने CPWD को ‘विच-हंट’ कहा था। सवाल-5: ‘शीशमहल’ के विवाद पर केजरीवाल ने क्या कहा? जवाब: 3 जनवरी को अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी के शीशमहल वाले बयान पर पलटवार करते हुए कहा, ‘जो व्यक्ति अपने लिए 2,700 करोड़ रुपए का घर बनवाता है, जो 8,400 करोड़ रुपए के हवाई जहाज में यात्रा करता है, जो 10 लाख रुपए का सूट पहनता है, उसके मुंह से शीशमहल की बात शोभा नहीं देती। मैं व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप या गाली-गलौज की राजनीति नहीं करता।’ केजरीवाल ने कहा कि देशभर में 4 लाख से ज्यादा झुग्गियां और 15 लाख लोग बेघर हैं। पीएम मोदी का इन मुद्दों पर ध्यान क्यों नहीं जाता। उन्होंने 5 साल में सिर्फ 1,700 घर बनाए हैं। केजरीवाल ने बीजेपी के संकल्प पत्र की आलोचना करते हुए दावा किया कि पीएम मोदी का नया 5 साल का कार्यकाल विकास के कामों को 200 साल धीमा कर देगा। सवाल-6: क्या ‘शीशमहल’ दिल्ली चुनाव में बड़ा मुद्दा बन सकता है? जवाब: पॉलिटिकल एक्सपर्ट रशीद किदवई मानते हैं कि दिल्ली चुनाव में ‘शीशमहल’ बहुत बड़ा मुद्दा बन सकता है। वे कहते हैं, ‘दिल्ली चुनाव में शीशमहल के बड़ा मुद्दा बनने की सबसे बड़ी वजह है अरविंद केजरीवाल की इमेज। दरअसल, 2013 में जब वे राजनीति में आए तो उन्होंने सरकारी कार या बंगला न लेने की शपथ ली थी। एक नई तरह की राजनीति शुरू करने का वादा किया था। इसके बाद उन पर शराब घोटाला और शीशमहल बनवाने के आरोप लगने लगे। यह सब उनकी राजनीतिक छवि को खासा नुकसान पहुंचा सकते हैं।’ रशीद किदवई बताते हैं, ‘किसी भी राजनेता की लाइफस्टाइल उसके समर्थकों के बीच बहुत महत्व रखती है। जनता के बीच केजरीवाल की इमेज सादगी वाली है। जनता ने गले में मफलर और सादे कपड़े पहने हुए केजरीवाल को दिल्ली का मुख्यमंत्री चुना था। अब उनके घर में ‘सोने की टॉयलेट सीट’ बने होने के आरोप लगने लगे। फिर भी केजरीवाल ने इन आरोपों को झूठा साबित करने की कोशिश नहीं की।’ इलेक्शन एनालिस्ट अमिताभ तिवारी बताते हैं, दिल्ली में विधानसभा चुनाव में 30% वोटर्स आम आदमी पार्टी को वोट करते हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव में यह वोटर्स 15% भाजपा के पास और 15% वोटर्स कांग्रेस के पास चले जाते हैं। ऐसे वोटर्स को फ्लोटिंग वोटर्स कहा जाता है। फ्लोटिंग वोटर्स ही AAP का सबसे बड़ा वोट बैंक है। यह वोटर्स अपने राजनेता से भावनात्मक रूप से जुड़े होते हैं। केजरीवाल पर लगातार लग रहे आरोपों की वजह से ऐसे वोटर्स का रुख बदल सकता है, क्योंकि बीजेपी हर तरफ से AAP को घेरने की फिराक में है। इस बार के चुनाव में AAP के पास विकास के मुद्दों की भी कमी है। सवाल-7: इन दिनों ‘शीशमहल’ में कौन रहता है और केजरीवाल कहां रह रहे हैं? जवाब: अब 6, फ्लैगशिप रोड स्थित बंगले में दिल्ली की सीएम आतिशी रह रही हैं। दरअसल, मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद केजरीवाल ने 4 अक्टूबर 2024 को दिल्ली सीएम आवास छोड़ दिया था। अब केजरीवाल AAP के राज्यसभा सांसद अशोक कुमार मित्तल के सरकारी आवास पर रह रहे हैं, जो 5, फिरोजशाह रोड पर है। दरअसल, दिल्ली विधानसभा में अन्य राज्यों की तरह विधायकों को रहने के लिए बंगले नहीं दिए जाते हैं। न ही केजरीवाल को पूर्व CM के तौर पर कोई बंगला दिया गया। इस्तीफे के बाद केजरीवाल के पास अपने पुश्तैनी, निजी या किराए के कोई मकान में रहने के ऑप्शन्स थे। इसके लिए उन्हें अलग से कोई भत्ता नहीं दिया गया, क्योंकि आवास भत्ता कुल प्रतिमाह दी जाने वाली राशि में शामिल होता है। दिल्ली में केजरीवाल का कोई घर नहीं है। दिसंबर 2013 में पहली बार दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने से पहले केजरीवाल गाजियाबाद के कौशांबी इलाके में रहते थे। मुख्यमंत्री के तौर पर वे मध्य दिल्ली के तिलक लेन स्थित घर में रहे। फरवरी 2015 में आम आदमी पार्टी को बहुमत मिला तो वे उत्तरी दिल्ली के सिविल लाइंस इलाके में 6, फ्लैगस्टाफ रोड स्थित आवास में रहने चले गए। सवाल-8: क्या कोई मुख्यमंत्री अपनी मर्जी से सीएम हाउस में बदलाव कर सकता है? जवाब: संविधान विशेषज्ञ और मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व प्रमुख सचिव भगवानदेव इसरानी के मुताबिक, मुख्यमंत्री निवास के रेनोवेशन के लिए मुख्य जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग (PWD) के पास होती है। यह विभाग राज्य सरकार के अधीन आता है। दिल्ली को स्पेशल स्टेट का दर्जा मिला है, इसलिए वहां CPWD विभाग है। PWD के पास सरकारी भवनों की देखभाल, मरम्मत, रेनोवेशन और निर्माण की जिम्मेदारी होती है। सीएम हाउस के रेनोवेशन के लिए वित्त विभाग की ओर से बजट जारी किया जाता है। इसके लिए सरकारी खजाने से खर्च की इजाजत ली जाती है। वित्त विभाग ही रेनोवेशन के सभी खर्चों का ब्योरा रखता है। रशीद किदवई बताते हैं कि देश में मुख्यमंत्री आवास के रेनोवेशन के लिए कोई भी कानून या नियम नहीं है। सभी राज्य के मुख्यमंत्रियों को अपनी लाइफस्टाइल के तहत घर में रेनोवेशन कराने की आजादी है। कुछ लोग बहुत सादगी से रहते हैं, तो कुछ लोगों को लग्जरी पसंद है। इस कारण किसी भी राज्य में जब कोई नया मुख्यमंत्री बनता है, तो वो सरकारी आवास को अपनी पसंद के मुताबिक रेनोवेट और डेकोरेट करवा सकता है। सवाल-9: क्या भारत में वाकई कोई ‘शीशमहल’ बना हुआ है? जवाब: शीशमहल का मतलब शीशे से बना महल। यानी ऐसा महल, जिसकी दीवारों पर शीशा लगा हुआ हो। भारत में दो मशहूर शीशमहल हैं, जो जयपुर और दिल्ली में स्थित हैं। **** रिसर्च सहयोग- आयुष अग्रवाल ——- केजरीवाल से जुड़ी ये भी खबर पढ़िए… आज का एक्सप्लेनर: केजरीवाल का महिलाओं को ₹2100 देने का वादा, अफसरों ने अखबारों में छपवाया- ये फ्रॉड; वो सब कुछ जो जानना जरूरी है दिल्ली में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अरविंद केजरीवाल ने महिलाओं के लिए 2100 रुपए महीने और बुजुर्गों के मुफ्त इलाज वाली स्कीम्स का वादा किया। 23 दिसंबर से इसके लिए रजिस्ट्रेशन भी शुरू कर दिए गए, लेकिन 25 दिसंबर को दिल्ली सरकार के ही दो विभागों के अफसरों ने अखबारों में विज्ञापन देकर इसे फ्रॉड बता दिया। पूरी खबर पढ़ें…