राजधानी में 24 जून से 8 जुलाई के बीच कोरोना से 691 मौत हुई है। इनमें से 505 मरीज गंभीर हालत में थे। इसके अलावा 28 मरीजों की मौत अस्पताल देरी से पहुंचने के कारण हुई है। वहीं, 24 जून से 30 जून के बीच 7 कोरोना संक्रमितों की मौत होम आइसोलेशन में हुई। यह बात दिल्ली सरकार के एक अध्ययन में सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार जुलाई के प्रथम सप्ताह में होम आइसोलेशन में कोई भी मौत नहीं हुई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्वास्थ्य विभाग को पिछले 15 दिनों में होने वाली मौत के कारण और उसे रोकने के उपाय सुझाने के लिए विस्तृत रिपोर्ट बनाने के निर्देश दिए थे।
स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को इस संबंध में अपनी रिपोर्ट पेश की। स्वास्थ्य विभाग के अध्ययन के अनुसार दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से मौत के आंकड़े में कमी आई है। जून के मध्यम में सबसे अधिक 101 मौतों हुई है। जो पिछले 15 दिनों से घटकर प्रतिदिन 46 पर आ गई है। वहीं, रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में मृत्यु दर 3.64 प्रतिशत से घटकर 3.02 प्रतिशत हो गई है। साथ ही एक दिन का औसत लगभग 2.5 तक कम हो गया है। इसी के साथ प्रतिदिन मौतों की संख्या औसतन 50 से कम हो गई है। वहीं, पिछले पखवाड़े में प्रतिदिन करीब 2 हजार नए केस आए है।
691 मौतों में से 505 गंभीर हालत में थे
दिल्ली सरकार की रिपोर्ट के अनुसार 691 मौतों में से 505 मरीज गंभीर हालत में थे, जब उन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया था। इनकी पॉजिटिव रिपोर्ट आई तो इनमें से 2291 मरीज पहले से ही अस्पताल में थे। बाकी को समय पर अस्पताल में भर्ती हो गया। अध्ययन में केवल 28 मरीजों के मामले में अस्पताल में भर्ती होने में दरी पाई गई।
अस्पतालों के अच्छी प्रथाओं का होगा अध्ययन
मृत्यु दर को और कम करने के लिए क्या उपाय किए जाने की जरूरत है, इस पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को एक समीक्षा बैठक ली। इसमें अब अस्पताल के सिस्टम की विस्तृत जांच करने की बात कही गई। केजरीवाल ने प्रत्येक अस्पताल में छुट्टी पाने वाले मरीजों की कुल संख्या में मृत्यु का अनुपात पूछा है। कम अनुपात वाले अस्पतालों मतलब बेहतर प्रबंधन होगा। इन अस्पतालों में अच्छी प्रथाओं का अध्ययन किया जाएगा और उन अस्पतालों में सुधार किया जाएगा, जहां अधिक मौतें हो रही हैं।
मौतों और नए केस में कमी को बताया उपलब्धि
कोरोना मरीजों के इलाज के लिए उठाए 6 कदमों के अच्छे परिणाम आमने आने का दावा किया और इसे दिल्ली सरकार की उपलब्धी बताया है। इसमें पहला जांच में वृद्धि, दूसरा अस्पतालों में बेड बढ़ाने के लिए हल्के और बिना लक्षण के मरीज को होम आइसोलेशन पर बल देना, तीसरा एंबुलेंस का रिस्पॉंस टाइम बढ़ाना। जिसे 55 मिनट से घटाकर 30.5 मिनट किया गया। चौथा त्वरित भर्ती प्रक्रिया। इसमें अलग-अलग अस्पताल में सीएम के प्रतिनिधि नियुक्त कर मरीजों की भर्ती प्रक्रिया को सुनिश्चित किया गया। पांचवां अस्पताल में बेड की आसान उपलब्धता और छठवां आईसीयू क्षमता में वृद्धि करना शामिल है।