दिल्ली में AAP के 15 पार्षदों ने इस्तीफा दिया:MCD में अलग गुट बनाने की घोषणा; मुकेश गोयल तीसरे मोर्चे का नेतृत्व करेंगे

दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) को एक बार फिर से बड़ा झटका लगा है। दिल्ली नगर निगम (MCD) में AAP के 15 नगर पार्षदों ने इस्तीफा दे दिया है। इन्होंने इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी नाम से तीसरा मोर्चा बनाने की घोषणा भी कर दी है। मुकेश गोयल नए मोर्चे का नेतृत्व करेंगे। इस्तीफा देने वाले अन्य पार्षदों में हेमचंद गोयल, हिमानी जैन, रुनाक्षी शर्मा, उषा शर्मा, अशोक पांडेय, राखी यादव, साहिब कुमार, राजेश कुमार लाडी, मनीषा, सुमन अनिल राणा, देविंदर कुमार और दिनेश भारद्वाज शामिल हैं। दिल्ली नगर निगम में नंवबर, 2022 से अप्रैल, 2025 तक AAP सत्ता में थी। इस साल 25 अप्रैल को MCD के चुनाव हुए थे, लेकिन AAP ने चुनाव बहिष्कार कर दिया। भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला हुआ, जिसमें भाजपा उम्मीदवार राजा इकबाल सिंह ने 133 वोटों के साथ जीत हासिल की। कांग्रेस को महज 8 वोट ही मिले थे। पार्षदों ने कहा- जनता से किए वादे पूरा नहीं कर पाए AAP के पार्षदों ने एक प्रेस रिलीज के जरिए इस्तीफा देने की जानकारी थी। इसमें 13 पार्षदों के सिग्नेचर हैं और लिखा है, ‘हम सभी पार्षद MCD में साल 2022 में AAP की टिकट से चुने गए थे। हालांकि, 2022 में चुनाव जीतने के बावजूद पार्टी का शीर्ष नेतृत्व MCD को ठीक से नहीं चला पाया।’ ‘बड़े नेताओं का पार्षदों से आपस में समन्वय न के बराबर रहा, जिसके कारण पार्टी विपक्ष में आ गई। जनता से किए गए वादे को पूरा न कर पाने के कारण हम पार्षद पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं।’ 2022 के चुनाव में 3 वोट से जीती थी AAP
नंवबर 2022 के मेयर चुनाव में AAP कैंडिडेट महेश खिंची भाजपा के किशन लाल को सिर्फ तीन वोट से हराकर मेयर बने थे। खिंची को 133, जबकि किशन लाल को 130 वोट मिले थे। दो वोट अवैध घोषित किए गए थे। तब भाजपा के 104 और AAP के 134 पार्षद थे। दरअसल, AAP के 10 पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग की थी। AAP और भाजपा दोनों के पक्ष में बराबर 132-132 वोट पड़े, लेकिन भाजपा के दो वोट अमान्य घोषित कर दिए गए। वोटिंग के दौरान एक कांग्रेस पार्षद सबीला बेगम ने AAP को वोट कर दिया। इस तरह AAP को एक और वोट मिल गया और उसका आंकड़ा 133 पहुंच गया जबकि भाजपा 130 पर अटक गई। दिल्ली में 26 साल बाद भाजपा सरकार, AAP 22 सीटों पर सिमटी
इस साल 8 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के रिजल्ट आए थे। इसमें भाजपा ने 70 में से 48 सीटें जीतकर 26 साल बाद सत्ता में वापसी की थी। AAP को 22 सीटें मिली, जबकि 2020 के चुनाव में पार्टी ने 62 सीटों पर जीत दर्ज की थी। पिछले दो विधानसभा चुनावों की तरह कांग्रेस को इस बार भी एक भी सीट जीत नहीं पाई। 71% स्ट्राइक रेट के साथ भाजपा की 40 सीटें बढ़ीं। वहीं, AAP को 40 सीटों का नुकसान हुआ। AAP का स्ट्राइक रेट 31% रहा। पूरी खबर पढ़ें…