लॉकडाउन में रोक के बावजूद स्कूल फीस बढ़ाने पर एक नामी स्कूल के खिलाफ दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने कहा है कि दिल्ली में किसी भी स्कूल को कोरोना वायरस महामारी के दौरान स्कूल की फीस बढ़ाने की अनुमति नहीं है। डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि चाणक्यपुरी के स्कूल संस्कृति स्कूल के लिए फीस बढ़ाने की अनुमति को रद्द कर दिया। भले ही इस स्कूल ने फीस बढ़ाने की अनुमति कोविद -19 महामारी से पहले ले ली थी। लेकिन इसके बावजूद स्कूल के इस फैसले को रद्द कर दिया गया है। दरअसल चाणक्यपुरी के इस स्कूल ने 83% फीस बढ़ा दी थी, जिसकी वजह से अभिभावकों ने दिल्ली सरकार से शिकायत की थी। इसके बाद सरकार ने कार्रवाई करते हुए बढ़ी फीस को रद्द कर दिया है।
सिसोदिया ने कहा कि आदेश नहीं मानने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है। शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरूवार को प्रेस वार्ता के दौरान इसकी घोषणा की। वहीं इस बारे में प्रेस वार्ता में दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि, हमने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया है कि कोरोना महामारी के दौरान किसी भी स्कूल को फीस बढ़ाने की अनुमति नहीं है। स्कूलों को केवल ट्यूशन फीस चार्ज करने की अनुमति है और कोई भी अतिरिक्त शुल्क तब तक नहीं लगाया जाएगा। जब तक कि स्कूल पूरी तरह से फिर से खुल नहीं जाते हैं। आदेशों का पालन नहीं करने वाले स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। सिसोदिया ने बताया कि स्कूलों में जीएएपी नामक प्रणाली के तहत एकाउंटिंग और ऑडिट की विशेष प्रणाली का पालन करना जरूरी होता है। लेकिन संस्कृति स्कूल ने इसका पालन नहीं किया। वर्ष 2017-18 में इस विद्यालय के पास सरप्लस राशि उपलब्ध होने के कारण फीस बढ़ाने की आवश्यकता नहीं थी। वर्ष 2017-18 में इस विद्यालय को फीस वृद्धि का प्रस्ताव रद्द करते हुए निर्देश दिया गया था कि शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग के तहत वेतन का भुगतान स्कूल की सरप्लस राशि से की जाए और इसका बोझ बच्चों पर न डाला जाए।