राजधानी में कोरोना संक्रमितों के नए मामले आने की लगातार घटती संख्या और मरीजों के ठीक होने की बढ़ती दर को देखते हुए दिल्ली सरकार ने स्टेडियमों को अस्थायी कोविड सेंटर बनाने की योजना फिलहाल स्थगित कर दी है। फिर भी सरकार प्रतिदिन आने वाले मरीजों की संख्या पर नजर बनाए गए है। आने वाले एक सप्ताह के मामले की समीक्षा के बाद योजना का अंतिम फैसला ले लिया जाएगा। वहीं, अभी होटल और बैंक्वेट हॉल बुक ही रहेंगे।
बता दें जून में कोरोना के बढ़ते मामले के बाद जुलाई अंत तक इसकी संख्या लाखों में पहुंचने के अनुमान के बाद सरकार ने स्टेडियमों को कोविड केयर सेंटर में बदलने का निर्णय लिया था। इसमें इंदिरा गांधी स्टेडियम, ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम, जेएलएन स्टेडियम, त्यागराज स्टेडियम, तालकटोरा इनडोर स्टेडियम और प्रगति मैदान को कोविड सेंटर में तब्दील करने का निर्णय लिया था। हाल ही में दिल्ली सरकार के एक अध्ययन में सामने आया कि पिछले दो सप्ताह में प्रतिदिन होने वाली मौतों की संख्या में 50 प्रतिशत से ज्यादा की कमी आ गई है। वहीं, संक्रमित मरीजों के ठीक होने की दर में तेजी से बढ़ी है।
वहीं, दिल्ली सरकार के कोविड अस्पतालों में 10 हजार बेड खाली है। साउथ दिल्ली के छतरपुर में निर्माणाधीन 10 बेड बेड की क्षमता वाला राधा स्वामी सत्संग ब्याज कोविड सेंटर में करीब 180 मरीज भर्ती है। इसी तरह ईस्ट दिल्ली के अक्षरधाम के पास स्थित कॉमनवेल्थ कोविड केयर सेंटर में भी ज्यादा मरीज भर्ती नहीं है। ऐसे में दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि अभी स्थिति को देखा जा रहा है। फिलहाल स्टेडियम को सेंटर में तब्दील करने जरूरत नहीं है।
होटल और बैंक्वेट हॉल को अभी छूट नहीं
दिल्ली सरकार ने कोरोना के हल्के और बिना लक्ष्ण के मरीजों को होटल और बैंक्वेट हॉल में तब्दील करने के आदेश जारी किए थे। इसमें पांच होटलों को अस्पताल से संबंध किया गया है। इसमें न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित होटल सूर्या, राजेन्द्र प्लेस स्थित होटल सिद्धार्थ, पूरा रोड स्थित होटल जिवितेस, ओखला फेज-1 होटल क्राउन प्लाजा, साकेत जिला केंद्र स्थित होटल शेरेटन शामिल है। वहीं, 77 बैंक्वेट हाल को कोविड केयर सेंटर के लिए चिन्हित किया गया है। इससे करीब 11229 बेड का इंतजाम किया गया। इन होटल और बैंक्वेट हॉल को करीब डेढ़ महीने तक कोरोना की व्यवस्था के लिए रखा जाएगा। इनको किसी प्रकार की अभी छूट नहीं दी जाएगी।