दिल्ली हाईकोर्ट जज के घर कैश की तस्वीरें सामने आईं:₹500 के बंडल दिखे, 4-5 अधजली बोरियां मिलीं; इंटरनल इन्क्वायरी रिपोर्ट सार्वजनिक

दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से मिले कैश की तस्वीरें सार्वजनिक हो गई हैं। दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय ने इंटरनल इन्क्वायरी के बाद सुप्रीम कोर्ट को 21 मार्च को रिपोर्ट सौंपी थी। 22 मार्च की देर रात सुप्रीम कोर्ट ने रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी है। इसके साथ ही तीन तस्वीरें भी जारी की गई हैं। इसमें 500 रुपए के जले हुए नोटों के बंडल दिखाई दे रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि, 14 मार्च को जस्टिस के घर आग लगने के बाद फायर की टीम वहां पहुंची थीं। आग पर काबू पाने के बाद 4-5 अधजली बोरियां मिलीं, उनके अंदर नोट भरे हुए थे। सबसे पहले देखिए 3 तस्वीरें… जस्टिस वर्मा को कोई भी काम न सौंपने का आदेश
22 मार्च को CJI संजीव खन्ना ने जस्टिस वर्मा पर लगे आरोपों की इंटरनल जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाई थी। उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट चीफ जस्टिस से जस्टिस वर्मा को कोई भी काम न सौंपने को कहा है। 21 मार्च को कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि जस्टिस वर्मा के लुटियंस दिल्ली के बंगले पर 14 मार्च की रात आग लगने के बाद कैश बरामद हुआ था। घटना के दौरान जस्टिस वर्मा शहर से बाहर थे। इसके बाद देर शाम फायर सर्विस चीफ अतुल गर्ग का बयान सामने आया, जिसमें उनके हवाले से बताया गया था कि जस्टिस वर्मा के घर आग बुझाने के दौरान उनकी टीम को कोई कैश नहीं मिला था। 2018 में भी 97.85 करोड़ रुपए के घोटाले में नाम जुड़ चुका इससे पहले 2018 में गाजियाबाद की सिम्भावली शुगर मिल में गड़बड़ी के मामले में जस्टिस वर्मा के खिलाफ CBI ने FIR दर्ज की थी। NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स ने मिल में गड़बड़ी की शिकायत की थी। शिकायत में कहा था कि शुगर मिल ने किसानों के लिए जारी किए गए 97.85 करोड़ रुपए के लोन का गलत इस्तेमाल किया है। जस्टिस वर्मा तब कंपनी के नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर थे। इस मामले में CBI ने जांच शुरू की थी। हालांकि जांच धीमी होती चली गई। फरवरी 2024 में एक अदालत ने CBI को बंद पड़ी जांच दोबारा शुरू करने का आदेश दिया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश को पलट दिया और CBI ने जांच बंद कर दी। होली के दिन लुटियंस दिल्ली स्थित बंगले पर आग लगी थी संसद में उठा था जज के बंगले पर भारी कैश मिलने का मामला
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने 14 मार्च को यह मामला राज्यसभा में उठाया था। उन्होंने न्यायिक जवाबदेही का मसला उठाते हुए सभापति से इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक जज के खिलाफ महाभियोग के संबंध में लंबित नोटिस का जिक्र किया था। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर लिखा, जस्टिस वर्मा 2012 से अगस्त 2013 तक यूपी के मुख्य स्थायी अधिवक्ता थे। तब अखिलेश यादव सीएम थे। क्या किसी ने यूपी के पूर्व सीएम से इस बारे में सवाल किया? जजों पर कार्रवाई से संबंधित खबरें पढ़ें… हाईकोर्ट जज के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव की तैयारी:38 विपक्षी सांसदों ने नोटिस पर साइन किया इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज शेखर यादव के खिलाफ INDIA गठबंधन संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक, अब तक राज्यसभा के 38 सांसदों ने महाभियोग प्रस्ताव की नोटिस पर साइन कर दिए हैं। बाकी 12 सांसद आज करेंगे। इसके बाद प्रस्ताव राज्यसभा में पेश किया जाएगा। पूरी खबर पढ़ें…