आमतौर पर मंदिरों में भक्त अपनी श्रद्धा से रुपए, सोना और चांदी का दान करते हैं, लेकिन मध्यप्रदेश में एक ऐसा मंदिर भी है, जहां मनोकामना पूरी होने पर सेनेटरी पैड और मेंस्ट्रुअल कप दान किए जाते हैं। यह मंदिर भोपाल की अरेरा कॉलोनी ई-7 में है। इसे अन्नपूर्णा देवी मंदिर के नाम से जाना जाता है। मां अन्नपूर्णा के दरबार में 20 जून 2023 से भक्त तीन प्रकार के दान करते आ रहे हैं। पहला- मोटा अनाज, दूसरा- विद्या दान (कॉपी-किताबें, पेंसिल) और तीसरा आरोग्य दान (सेनेटरी पैड, मेंस्ट्रुअल कप)। बाद में दान में मिली इन चीजों को जरूरतमंदों में बांट दिया जाता है। कैसे हुई इसकी शुरुआत?
भोपाल के हेशेल फाउंडेशन के डायरेक्टर दीपांजन मुखर्जी दैनिक भास्कर से बातचीत में बताते हैं, ‘इसकी शुरुआत 1 साल पहले 20 जून 2023 से की। आइडिया कैसे आया?
दीपांजन ने बताया, सोशल फेस्टिवल को हम सोशल इश्यू से जोड़ते हैं। हम लोग मां के दरबार में चढ़ावे के लिए 100-200 रुपए की फूल – माला खरीदते हैं। अगले दिन हमें फूल-मालाओं को कचरे में डालना पड़ता है। मुझे इसमें कुछ बेनिफिशियल नहीं लगा। लोगों की आस्था का सम्मान करता हूं, लेकिन हमें कुछ ऐसा करना चाहिए, जिससे पैसे का सही जगह यूज हो। एक साल में 15 हजार से ज्यादा सेनेटरी पैड दान में आए
दीपांजन ने बताया कि दुर्गा बाड़ी में दान में मिलने वाले सेनेटरी पैड, मेंस्ट्रुअल कप, मोटा अनाज के अलावा कॉपी-किताब, पेन-पेंसिल भोपाल के फैमिली प्लानिंग एसोसिएशन की मदद से स्लम एरिया और सरकारी स्कूलों के बच्चों में बांट दिए जाते हैं। पिछले एक साल में 15 हजार से ज्यादा सेनेटरी पैड लोग दान कर चुके हैं। अनाज के लिए दान पात्र लगा रखा है। इसकी खिचड़ी बनाकर हम बॉक्स में पैक कर स्लम एरिया और फुटपाथ पर रहने वाले लोगों में बांटते हैं। 1 साल में ऐसे 25 हजार से ज्यादा बॉक्स बांट चुके हैं। महिलाओं – बच्चियों के लिए काम, अच्छी बात है
वैशाखी बताती हैं कि वे 3 साल से मंदिर से जुड़ी हुई हैं। खुद हर महीने सेनेटरी पैड, अनाज, तो कभी कॉपी-किताबें दान करती हैं। कई महिलाएं पीरियड के दौरान गंदे कपड़े इस्तेमाल करती हैं। इस वजह से उन्हें इंफेक्शन होता है। हेशेल फाउंडेशन ऐसी महिलाओं – बच्चियों के लिए काम कर रही है, यह बहुत अच्छी बात है। पीरियड आम घटना, बच्चियों को बताना जरूरी
संयुक्ता बनर्जी भी फाउंडेशन से जुड़ी हुई हैं। मंदिर में दान भी करती हैं। उन्होंने कहा, ‘हमारे समाज में पीरियड पर बात करना बहुत बड़ा टैबू है। ऐसे में बच्चियों तक यह संदेश पहुंचाना कि यह आम घटना है, सब के साथ होती है, बहुत जरूरी है। जब हम महिलाओं और बच्चियों के साथ सेमिनार करते हैं तो शुरुआत में वे झिझकती हैं, लेकिन अंत में सब सही हो जाता है। ये भी पढ़ें… मंदिर खुलने के पहले ही मां का श्रृंगार:मैहर में त्रिकूट पर्वत पर विराजी मां शारदा; रात में पुजारी भी नहीं रुक सकते मां शक्ति की आराधना के पर्व नवरात्रि का आज यानी मंगलवार को छठवां दिन है। ‘मध्यप्रदेश के देवी मंदिरों के दर्शन’ सीरीज में आज आपको लेकर चलते हैं विंध्य की खूबसूरत वादियों में विराजित मां शारदा के धाम मैहर। यहां त्रिकूट पर्वत पर 600 फीट की ऊंचाई पर स्थित है मां शारदा का प्रसिद्ध मंदिर। पूरी खबर पढ़ें…
भोपाल के हेशेल फाउंडेशन के डायरेक्टर दीपांजन मुखर्जी दैनिक भास्कर से बातचीत में बताते हैं, ‘इसकी शुरुआत 1 साल पहले 20 जून 2023 से की। आइडिया कैसे आया?
दीपांजन ने बताया, सोशल फेस्टिवल को हम सोशल इश्यू से जोड़ते हैं। हम लोग मां के दरबार में चढ़ावे के लिए 100-200 रुपए की फूल – माला खरीदते हैं। अगले दिन हमें फूल-मालाओं को कचरे में डालना पड़ता है। मुझे इसमें कुछ बेनिफिशियल नहीं लगा। लोगों की आस्था का सम्मान करता हूं, लेकिन हमें कुछ ऐसा करना चाहिए, जिससे पैसे का सही जगह यूज हो। एक साल में 15 हजार से ज्यादा सेनेटरी पैड दान में आए
दीपांजन ने बताया कि दुर्गा बाड़ी में दान में मिलने वाले सेनेटरी पैड, मेंस्ट्रुअल कप, मोटा अनाज के अलावा कॉपी-किताब, पेन-पेंसिल भोपाल के फैमिली प्लानिंग एसोसिएशन की मदद से स्लम एरिया और सरकारी स्कूलों के बच्चों में बांट दिए जाते हैं। पिछले एक साल में 15 हजार से ज्यादा सेनेटरी पैड लोग दान कर चुके हैं। अनाज के लिए दान पात्र लगा रखा है। इसकी खिचड़ी बनाकर हम बॉक्स में पैक कर स्लम एरिया और फुटपाथ पर रहने वाले लोगों में बांटते हैं। 1 साल में ऐसे 25 हजार से ज्यादा बॉक्स बांट चुके हैं। महिलाओं – बच्चियों के लिए काम, अच्छी बात है
वैशाखी बताती हैं कि वे 3 साल से मंदिर से जुड़ी हुई हैं। खुद हर महीने सेनेटरी पैड, अनाज, तो कभी कॉपी-किताबें दान करती हैं। कई महिलाएं पीरियड के दौरान गंदे कपड़े इस्तेमाल करती हैं। इस वजह से उन्हें इंफेक्शन होता है। हेशेल फाउंडेशन ऐसी महिलाओं – बच्चियों के लिए काम कर रही है, यह बहुत अच्छी बात है। पीरियड आम घटना, बच्चियों को बताना जरूरी
संयुक्ता बनर्जी भी फाउंडेशन से जुड़ी हुई हैं। मंदिर में दान भी करती हैं। उन्होंने कहा, ‘हमारे समाज में पीरियड पर बात करना बहुत बड़ा टैबू है। ऐसे में बच्चियों तक यह संदेश पहुंचाना कि यह आम घटना है, सब के साथ होती है, बहुत जरूरी है। जब हम महिलाओं और बच्चियों के साथ सेमिनार करते हैं तो शुरुआत में वे झिझकती हैं, लेकिन अंत में सब सही हो जाता है। ये भी पढ़ें… मंदिर खुलने के पहले ही मां का श्रृंगार:मैहर में त्रिकूट पर्वत पर विराजी मां शारदा; रात में पुजारी भी नहीं रुक सकते मां शक्ति की आराधना के पर्व नवरात्रि का आज यानी मंगलवार को छठवां दिन है। ‘मध्यप्रदेश के देवी मंदिरों के दर्शन’ सीरीज में आज आपको लेकर चलते हैं विंध्य की खूबसूरत वादियों में विराजित मां शारदा के धाम मैहर। यहां त्रिकूट पर्वत पर 600 फीट की ऊंचाई पर स्थित है मां शारदा का प्रसिद्ध मंदिर। पूरी खबर पढ़ें…