देश की अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार एक-दूसरे की विपरीत दिशा में, बैड लोन का रेश्यो भी दुनिया में सबसे खराब

शेयर बाजार में उछाल और अर्थव्यवस्था में बदहाली का सबसे उल्टा नाता भारत में दिखाई देता है। भारत मार्च की गिरावट के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा उछाल दर्ज करने वाले बाजारों में एक है। वहीं भारत दुनिया में सबसे खराब आर्थिक आंकड़े वाले देशों में भी शामिल है।

इस साल 23 मार्च को सेंसेक्स ऐतिहासिक गिरावट के साथ 25,981.24 पर आ गया था। उस स्तर से सेंसेक्स करीब 45 फीसदी उछलकर बुधवार को 37,663.33 पर पहुंच गया है। इसी अवधि में देश की जीडीपी विकास दर का अनुमान करीब +6 फीसदी से गिरकर करीब -6 फीसदी पर आ गया है।

बिना फंडामेंटल के बाजार की कोई भी चाल कायम नहीं रह सकती है

23 मार्च के बाद सबसे ज्यादा उछलने वाले शेयर बाजारों में भारत 8वें नंबर पर है। इस दौरान सेंसेक्स 45 फीसदी मजबूत हो चुक है। बीएनपी पारिबा एसए की ब्रोकरेज कंपनी जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ सीजे जॉर्ज ने कहा कि बिना फंडामेंटल के बाजार की कोई भी चाल कायम नहीं रह सकती है। अभी देश की अर्थव्यवस्था का फंडामेंटल नहीं सुधरा है।

4 महीने में ही वित्तीय घाटा सालाना जीडीपी लक्ष्य के करीब

इस कारोबारी साल के पहले 4 महीने में ही वित्तीय घाटा सालाना जीडीपी लक्ष्य के लगभग पास पहुंच गया है। आरबीआई ने पिछले महीने कहा था कि देश के बैड लोन का अनुपात इस साल दो दशक से ज्यादा के ऊपरी स्तर पर पहुंच सकता है। आईएचएस मार्किट ने पिछले महीने कहा था कि देश की कंपनियों का आउटलुक दुनिया में अभी सबसे खराब है।

बैड लोन का रेश्यो दुनिया में सबसे खराब

देश

बैड लोन का

रेश्यो (% में)

भारत 13
इटली 11
चीन 10
अमेरिका 4
ब्राजील 4
फ्रांस 3
ब्रिटेन 2
जापान 2
जर्मनी 1
कनाडा 1

एशिया में भारत की जीडीपी में सबसे ज्यादा गिरावट की आशंका

देश में कोरोनावायरस के नए मामले हर दिन करीब 50,000 की दर से बढ़ रहे हैं। आर्थिक और सामाजिक पाबंदियां धीरे-धीरे खत्म हो रही हैं, इसके बावजूद अर्थव्यवस्था में तेजी नहीं आ रही है। चीन को छोड़कर अधिकतर एशियाई देशों की अर्थव्यवस्था में इस साल गिरावट आ सकती है, लेकिन भारत की जीडीपी में सबसे ज्यादा गिरावट की आशंका है।

इकॉनोमिक आउटलुक को लेकर आबीआई की टिप्पणी पर रहेगी निवेशकों की नजर

देश की आर्थिक हालत जितनी खराब होती है, लोगों की आरबीआई से राहत मिलने की उम्मीद उतनी ही ज्यादा बढ़ जाती है। इसलिए कोरोनावायरस के मामलों में बढ़ोतरी और खराब आर्थिक तस्वीर के बीच भी बाजार में तेजी दिख रही है। आरबीआई गुरुवार को मौद्रिक नीति की समीक्षा प्रस्तुत करेगा और निवेशक का ध्यान इस बात पर रहेगा कि आरबीआई देश के इकॉनोमिक आउटलुक पर क्या कहता है। बाजार में उम्मीद की जा रही है कि आरबीआई मुख्य ब्याज दर में 0.25 फीसदी की कटौती कर सकता है।

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मार्च के निचले स्तर के मुकाबले सेंसेक्स करीब 45% उछलकर बुधवार को 37,663.33 पर पहुंच गया है