बिहार के चुनाव में इतिहास रचने वाली ट्रांसजेंडर मोनिका दास को विधानसभा चुनाव में पीठासीन पदाधिकारी बनाया जाएगा। ऐसा देश में पहली बार होगा जब किसी ट्रांसजेंडर को मतदान कार्य के लिए पीठासीन पदाधिकारी नियुक्त किया जाएगा। मोनिका दास एक बूथ की पूरी जिम्मेदारी संभालेंगी। उन्हें पीठासीन अधिकारी के तौर पर 8 अक्टूबर को ट्रेनिंग दी जाएगी।
मोनिका दास पटना की रहने वाली हैं और इनकी उम्र 32 साल है। मोनिका ने स्कूली शिक्षा नवोदय विद्यालय से और पटना यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया जिसमें वे गोल्ड मेडलिस्ट हैं। उन्होंने पटना लॉ कॉलेज से एलएलबी की डिग्री भी ली है।

उनके पिता भगवान ढोली सेल्स टैक्स अफसर थे जबकि मां अनीता रानी भौमिक बीएसएनएल की रिटायर्ड कर्मचारी हैं। वे देश की ऐसी पहली महिला हैं जो एक राष्ट्रीय बैंक में 2015 से कार्यरत हैं। मोनिका से पहले पश्चिम बंगाल के एक ट्रांसजेंडर महिला रिया सरकार को पोलिंग ऑफिसर नियुक्त किया गया था। फिलहाल भारत में 40,000 ट्रांसजेंडर्स हैं।
मोनिका जब तीन साल की थी तब पड़ोसियों को उनके ट्रांसजेंडर होने की जानकारी हुई। जब वे थोड़ी बड़ी हुई तो कोई उनके बोलचाल के तरीके की वजह से उनसे दोस्ती नहीं करता था। फिलहाल मोनिका को अपने पीठासीन अधिकारी बनने पर गर्व है।

मोनिका ने कहा – ”मैं इसे ट्रांसजेंडर समुदाय की जीत मानती हूं। मैं ट्रांसजेंडर्स के प्रति लोगों का नजरिया बदलना चाहती हूं। आज भी ऐसे कई ट्रांसजेंडर हैं जो समाज में नजरअंदाज किए जाने की वजह से सामने आने की हिम्मत नहीं करते। मेरे कामयाबी उन्हें प्रोत्साहित करेगी”।