धोनी के साथ बेटी जीवा नजर नहीं आएगी; परिवार से 2 महीने तक नहीं मिल सकेंगे खिलाड़ी, होटल के रूम में ही रहना होगा

कोरोनावायरस के बीच आईपीएल इस बार बायो-सिक्योर माहौल में हो सकता है। बीसीसीआई इसके लिए एक स्टैंडिंग ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) यानि गाइडलाइंस तैयार करेगी। इसके लिए सभी फ्रेंचाइजी अपनी-अपनी स्पेशल टीम को कुछ समय पहले यूएई भेजेंगी, ताकि इस माहौल को ठीक से समझा जा सके। बायो-सिक्योर का मतलब होगा कि खिलाड़ी टूर्नामेंट के दौरान अपने परिवार से भी नहीं मिल सकेंगे। सभी को होटल के कमरे से बाहर निकलने की भी अनुमति नहीं होगी।

इस बार आईपीएल यूएई में 19 सितंबर से शुरू होगा। लीग का फाइनल 8 नवंबर को खेला जाएगा। 51 दिन में 8 टीमों के बीच 60 मैच खेले जाएंगे। सभी मुकाबले यूएई के तीन स्टेडियम दुबई, अबु धाबी और शारजाह में होंगे। अभी बीसीसीआई को सिर्फ भारत सरकार की अनुमति मिलने का इंतजार है।

जीवा के साथ नजर नहीं आएंगे धोनी
हालांकि, बीसीसीआई अपने खिलाड़ियों को इस नियम में थोड़ी छूट देने को लेकर चर्चा कर रही है। बीसीसीआई अधिकारी ने कहा, ‘‘सामान्य हालात में पत्नियां या गर्लफ्रेंड खिलाड़ियों के साथ टूर्नामेंट के दौरान भी रह सकती थीं, लेकिन इस बार हालात कुछ अलग हैं। यदि परिवार साथ रहता भी है, तो उन्हें भी गाइडलाइंस का पालन करना होगा और होटल के कमरे में ही बंद रहना होगा। हालांकि, कुछ प्लेयर्स के छोटे बच्चे हैं, जिन्हें दो महीने कमरे में नहीं रखा जा सकता।’’

यदि गाइडलाइंस सख्ती से लागू होती है, तो इस बार महेंद्र सिंह धोनी बेटी जीवा और पत्नी साक्षी के साथ नजर नहीं आएंगे। इनके अलावा सुरेश रैना, रोहित शर्मा और विराट कोहली अपने परिवार के साथ नजर नहीं आएंगे।

छोटी होटल खिलाड़ियों के लिए कितनी सुरक्षित होंगी
बड़ी टीमें ज्यादातर फाइव स्टार होटल्स में ही रुकती हैं, लेकिन इतने बडे़ टूर्नामेंट में और वह भी विदेश में, इतना सब कुछ इंतजाम करना बेहद मुश्किल होगा। ऐसे में छोटी होटल्स में यदि खिलाड़ी रुकते हैं, तो उनके लिए यह कितना सुरक्षित होगा, यह भी बीसीसीआई को गाइडलाइंस में बताना होगा। बीसीसीआई अधिकारी ने कहा कि हर टीम मुंबई इंडियंस की तरह जेट प्लेन या सुपर स्पेशलिस्ट अस्पताल के डॉक्टर का इंतजाम नहीं कर सकती। ऐसे में उन्हें अपने लिए कुछ अलग देखना होगा, शायद बीच रिसॉर्ट।

बायो-सिक्योर नियम तोड़ने के लिए आर्चर पर जुर्माना और बैन लगा था।

इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच तीन टेस्ट की सीरीज भी बायो-सिक्योर माहौल में खेली जा रही है। पहले मैच के बाद इंग्लिश तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर नियम तोड़ते हुए परिवार से मिलने चले गए थे। इस कारण उन्हें दूसरे मैच में बैन कर दिया था। साथ ही उन पर 15 हजार पाउंड (करीब 14 लाख रुपए) का जुर्माना भी लगा था।

क्या होता है बायो सिक्योर माहौल?
बायो सिक्योर माहौल खतरनाक वायरस (यहां कोरोनावायरस को लेकर) की शुरुआत या उसके संक्रमण को फैलने से रोकने के तरीकों में से एक है। इसका उद्देश्य वायरस, बैक्टीरिया और सूक्ष्म जीवों के कारण लोगों या जानवरों के संक्रमित होने या जोखिम को कम करना है। इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने इसी तरह का एक सेटअप तैयार किया है।

स्टेडियम से लेकर होटल के कमरे तक सैनिटाइज करने के अलावा खिलाड़ियों, संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए कड़े नियम बनाए गए हें। वहां, खिलाड़ी जो एक्रिडिटेशन कार्ड पहनकर घूमते हैं, उसमें एक माइक्रो चिप लगी है। इससे उनके मूवमेंट पर नजर रखी जाती है।

बायो सिक्योर के तहत ये इंतजाम होते हैं

  • स्टेडियम में लंच और डिनर के दौरान खिलाड़ियों के लिए अलग-अलग व्यवस्था की जाती है।
  • खिलाड़ियों के डायनिंग एरिया के अंदर आने और बाहर जाने के रास्ते अलग-अलग रहते हैं।
  • खिलाड़ियों के रहने की व्यवस्था स्टेडियम के नजदीकी होटल में की जाती है। इंग्लैंड-वेस्टइंडीज के बीच जारी टेस्ट सीरीज में ऐसा ही इंतजाम किया गया है।
  • होटल से खिलाड़ियों के बाहर निकलने पर मनाही होती है, वे परिवार से मिल नहीं सकते हैं।
  • जिम में एक साथ खिलाड़ी ट्रेनिंग नहीं कर सकते हैं, उनके लिए अलग-अलग टाइम तय होता है। हर सेशन के बाद पूरे जिम को सैनिटाइज करना होता है।

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आईपीएल के एक मैच के बाद महेंद्र सिंह धोनी बेटी जीवा और सुरेश रैना अपनी बेटी ग्रेसिया के साथ नजर आए। यह खिलाड़ी टूर्नामेंट में अक्सर परिवार के साथ नजर आते हैं। -फाइल फोटो