हरियाणा के नारनौल में एयर फोर्स से रिटायर्ड व्यक्ति के साथ 74 लाख रुपए की ठगी के मामले में साइबर थाना की पुलिस टीम ने कार्रवाई करते हुए दो ओर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों की पहचान राजुदीन आजादपुर दिल्ली हाल आबाद समता विहार मुकन्दपुरा दिल्ली और महेन्द्र निवासी सादीनगर आजादपुर दिल्ली के रूप में हुई है। जांच में पुलिस ने पता लगाया कि ठगी के मामले में संलिप्त फर्म का बैंक खाता आरोपियों के नाम पर खुला हुआ था। ठगी की राशि आरोपियों के बैंक खाते में गई थी। दोनों को न्यायालय में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया गया है। इन्वेस्टमेंट के नाम पर की ठगी आरोपियों ने टेलीग्राम टास्क और इन्वेस्टमेंट के नाम पर करीब 74 लाख रुपए ठग लिए थे। मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने फ्रॉड की सारी राशि को फ्रीज करा दिया था। पुलिस ने मामले में संबंधित कंपनियों से पत्राचार कर आरोपी का पता लगाया। प्रारंभिक जांच में पुलिस ने पता लगाया कि फर्म के खाते के खिलाफ देशभर में करीब 236 शिकायतें हैं। इस मामले में पुलिस द्वारा मुख्य आरोपी अक्षय निवासी पटेल मोहल्ला कस्बा और थाना बाबई जिला होशंगाबाद मध्य प्रदेश को पहले गिरफ्तार किया था। आरोपी की फर्म का साइबर ठगी की वारदात में प्रयोग हुआ था। यूट्यूब पर आया था विज्ञापन शिकायतकर्ता ने साइबर थाना में शिकायत दर्ज कराई कि वह वायु सेवा से सेवानिवृत है। जनवरी 2024 में उसने यूट्यूब पर एक विज्ञापन (ऐड) देखा, जो शेयर मार्केट में निवेश के संबंध में जानकारी, ट्रेनिंग और सलाह देने के बारे में था। जिसमें एक वेब लिंक दिया हुआ था। जो विज्ञापन देखकर उसने लिंक पर क्लिक किया तो वह एक ग्रुप से जुड़ गया। वहां पर एक व्यक्ति ने अपना परिचय शेयर मार्केट ट्रेडिंग इंस्टीट्यूट के डीन के रूप में दिया। जिनकी बातों से प्रभावित होकर उसने ग्रुप की क्लासों को अटेंड करना आरंभ कर दिया। उक्त ग्रुप के लोगों ने बातों से उसे प्रभावित कर लिया और अप्रैल 2024 में क्रिप्टो करेंसी के बारे में बताकर निवेश के बारे में सुझाव दिया गया। क्रिप्टो करेंसी में जमा कराए 50 लाख इसके बाद डीन ने सलाह दी की एक्सचेंज 120 डॉलर का बोनस नए सदस्यों को दे रहा है। इसलिए बोनस राशि से ग्रुप में मौजूद नए सदस्य स्वयं की कोई धनराशि निवेश में लगाए बिना शिकायतकर्ता ने एक्सचेंज में खुद को रजिस्टर्ड कर दिया और बोनस की राशि 120 डॉलर हासिल करके क्रिप्टो करेंसी में व्यापार करना आरंभ कर दिया। जून 2024 में उसने लगभग 50 लाख रुपए जमा करवा दिए। जब क्रिप्टोकरेंसी का ड्रा घोषित हुआ तो उसे 48 हजार 645 कॉइंस प्राप्त हुए। जिनकी कीमत उस दिन के भाव के अनुसार 26 करोड़ रुपए से भी अधिक थी। दोबारा वेरिफिकेशन के नाम पर जमा कराए जब उसने रुपए विड्राल करने चाहे तो एक्सचेंज के अकाउंट मैनेजर ने कहा कि यूके एजेंसी एफसीए और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी द्वारा भारत के खातों की वित्तीय लेनदेन की जांच के निर्देशानुसार सभी भारतीय खाता धारकों को यह सिद्ध करना होगा कि वह मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल नहीं हैं। इसके लिए उन्हें अपने अकाउंट के द्वारा उनके अकाउंट में मौजूद धन राशि का एक परसेंट अकाउंट वेरिफिकेशन के लिए जमा करवाना होगा। इस पर शिकायतकर्ता को शक हुआ, उसने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ क्रिप्टो करेंसी में निवेश के नाम पर ठगी करने की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी।