नार्थवर्ड फाइनेंशियल प्लानर्स और उसके 3 पार्टनर्स ने 21.67 लाख रुपए भरकर पूंजी बाजार रेगुलेटर सेबी के साथ मामले का सेटलमेंट किया है। यह सेटलमेंट चार्ज इन्वेस्टमेंट एडवाइजरी शुरू करने के एवज में था। इस कंपनी ने सेबी की मंजूरी के बिना ही एडवाइजरी का कारोबार शुरू किया था। जिस पर सेबी ने उसे नोटिस भेजा था।
वित्त वर्ष 2013-14 में किया था कारोबार
सेबी ने कहा कि नार्थवर्ड फाइनेंशियल प्लानर्स 2013-14 के दौरान इन्वेस्टमेंट एडवाइजरी की गतिविधियों में शामिल थी। हालांकि यह गतिविधियां उसने सेबी के पास रजिस्ट्रेशन की मंजूरी के लिए आवेदन फाइल करने से पहले ही शुरू कर दी थी। इसके जरिए इस कंपनी ने 15.46 लाख रुपए का रेवेन्यू हासिल किया। इसके पास कुल 73 ग्राहक थे। जिन लोगों ने सेटलमेंट किया उसमें नार्थवर्ड फाइनेंशियल प्लानर्स, तेजस पलथिंगल, दिव्या थामी और विद्या कृष्णमूर्ति शामिल रही हैं।
27 जून 2017 को किया था आवेदन
सेबी ने कहा कि नार्थवर्ड फाइनेंशियल और इसके पार्टनर ने 27 जून 2017 को आवेदन फाइल किया। जबकि इसके पहले से ही ये लोग इन्वेस्टमेंट एडवाइजरी का कारोबार कर रहे थे। इसी के बाद सेबी ने इन लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी किया। सेबी के मुताबिक किसी भी तरह की इन्वेस्टमेंट एडवाइजरी शुरू करने से पहले सेबी में रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। सेबी ने गुरुवार को दिए आदेश में कहा कि उसकी एक हाईपावर कमिटी ने इस मामले में फैसलाकिया और इसके बाद यह मामला सेटलमेंट हुआ।
बुधवार को मनापुरम ने 5.5 करोड़ के साथ किया था सेटलमेंट
बता दें कि इससे पहले बुधवार को भी मनापुरम के एमडी, डेप्यूटी सीईओ के साथ कुल 6 लोगों ने 5.5 करोड़ रुपए भरकर मामला सेटलमेंट किया था। ये लोग मनापुरम फाइनेंस की सूचनाओं को एंबिट कैपिटल के साथ साझा करने के आरोप में सेटलमेंट चार्ज का पेमेंट किए।