प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। वे संसद के सेंट्रल हॉल में स्कूल स्टूडेंट्स से मिले और उनसे बातचीत की। मोदी ने बच्चों से पूछा कि खाने का डिब्बा लेकर आए हो या नहीं। बच्चों के मना करने पर PM हंसकर बोले- बताओ तो मैं खाऊंगा नहीं। इसके अलावा PM ने बच्चों को सूर्योदय योजना के बारे में समझाया और बताया कि ये कैसे क्लाइमेट चेंज के खिलाफ है। उन्होंने बच्चों से 2047 तक का लक्ष्य पूछा। बच्चों ने बताया कि 2047 तक देश को विकसित बनाना है। पीएम ने बच्चों के साथ जय हिंद के नारे भी लगाए। PM मोदी ने बच्चों से 3:27 मिनट की बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर शेयर किया। PM ने बच्चों से बोस, देश के विजन को लेकर सवाल किए। प्रधानमंत्री और बच्चों की बातचीत… PM- 2047 तक का क्या लक्ष्य है। बच्चे- विकसित बनाना है अपने देश को, पक्का। जब तक हमारी पीढ़ी है वो तैयार हो जाएगी, दूसरा आजादी के 100 साल हो जाएंगे। PM- नॉर्मली कितने बजे घर से निकलते हैं। बच्चे- 7 बजे PM- खाने का डिब्बा साथ रखते हैं…(हंसकर) अरे मैं खाऊंगा नहीं बताओ तो सही… अच्छा खाके आए, लेके नहीं आए…बच्चों ने हामी भरी। PM- आज क्या दिवस है। बच्चे- आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्मदिन है। PM- उनका जन्म कहां हुआ था। बच्चे- ओडिशा के कटक मे। PM- आज कटक में बहुत बड़ा समारोह है। नेताजी का कौन सा नारा है जो आपको मोटिवेट करता है। बच्चे- सर नेताजी हमें सिखाते हैं कि वे कैसे लीडर थे और उनकी प्रायरिटी में देश था इससे हमें प्रेरणा मिलती है। PM- क्या क्या प्रेरणा मिलती है। बच्चे- सर जो एसडीजी गोल हैं हमारे, हम उनके माध्यम से जो कार्बन फुटप्रिंट हैं उन्हें रिड्यूस करना चाहते हैं। PM- भारत में कार्बन से क्या क्या हो रहा है। बच्चे- सर इलेक्ट्रिक व्हीकल तो आ ही गया, इलेक्ट्रिक बस आ रही है PM- आपको मालूम है दिल्ली में भारत सरकार ने कितनी इलेक्ट्रिक बसें दी हैं…12 और भी देने वाले हैं। PM- अच्छा पीएम सूर्योदय योजना मालूम है…ये क्लाइमेंट चेंज के खिलाफ लड़ाई है। हर घर पर सोलर पैनल लगेंगे। और सूर्य की ताकत से घर पर बिजली पैदा होगी, उसके कारण घर पर बिजली बिल जीरो आएगा। अगर आपने चार्जर लगाया तो चार्जिंग वहीं से हो जाएगा। इलेक्ट्रिक व्हीकल भी चार्ज हो जाएंगे। पेट्रोल-डीजल का जो खर्चा है वो भी नहीं होगा। पॉल्यूशन नहीं होगा। और अगर बिजली बची तो सरकार उसे खरीदेगी और आपको उसके पैसे देगी। मतलब आप घर बिजली पैदा करके बेच सकते हैं। प्रधानमंत्री ने बच्चों के साथ जय हिंद के नारे लगाए। बोस की 128वीं जयंती के श्रद्धांजलि कार्यक्रम में सेंट्रल हॉल में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद रहे। सेंट्रल हॉल में हुए कार्यक्रम की तस्वीरें… PM ओडिशा में पराक्रम दिवस कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल हुए प्रधानमंत्री ने नेताजी की जयंती के मौके पर ओडिशा के कटक में आयोजित पराक्रम दिवस कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संबोधित भी किया। प्रधानमंत्री ने लोगों से विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए एकजुट रहने का आह्वान किया। मोदी ने कहा- नेताजी सुभाष चंद्र बोस कंफर्ट जोन के बंधन में नहीं बंधे। उन्होंने आराम की जगह देश की आजादी के लिए संघर्ष करना पसंद किया। इसी तरह हम सभी को विकसित भारत के निर्माण के लिए अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलना है। इससे पहले सोशल मीडिया पोस्ट में पीएम ने लिखा- भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में उनका योगदान अद्वितीय है। वे साहस और धैर्य के प्रतीक थे। उनका विजन हमें प्रेरित करता रहता है क्योंकि हम उनके सपनों के भारत के निर्माण की दिशा में काम करते हैं। 23 जनवरी को वकील जानकीनाथ के घर हुआ था जन्म 23 जनवरी 1897 को सुभाष चंद्र बोस का जन्म एक संपन्न परिवार में हुआ था। सुभाष के पिता जानकीनाथ बोस नामी वकील थे। उनका शुरुआती जीवन ओडिशा के कटक में बीता। उनके 9 भाई-बहन थे। सुभाष शुरुआती दिनों से ही मेधावी छात्र थे, इसलिए कटक से कलकत्ता आकर मशहूर प्रेसिडेंसी कॉलेज में दाखिला लिया था। सुभाष चंद्र बोस ने कलकत्ता के ही स्कॉटिश चर्च कॉलेज से BA किया। बाद में लंदन चले गए। जहां ICS की परीक्षा में उन्हें मेरिट लिस्ट में चौथा स्थान मिला। बोस जब इंग्लैंड से पढ़ाई करके भारत लौटे तो 25 साल के हो चुके थे। सिंगापुर में आजाद हिंद फौज की कमान संभाली, कहा था- चलो दिल्ली 4 जुलाई 1943 को सिंगापुर के कैथे भवन में आयोजित एक ऐतिहासिक समारोह में रास बिहारी बोस ने आजाद हिंद फौज की कमान नेताजी सुभाष चंद्र बोस को सौंप दी। नेताजी आजाद हिंद फौज के कमांडर बन गए। सुगत बोस लिखते हैं कि अगले दिन 5 जुलाई को 10.30 बजे वर्दी में परेड हुई। उस समय INA के 12 हजार सैनिक मौजूद थे। नेताजी भी सैन्य वर्दी में थे। नेताजी ने कहा, ‘आजाद हिंद फौज ने युद्ध की घोषणा कर दी है। गुलाम लोगों के लिए चलो दिल्ली…सैनिकों मैं सुख-दुख, धूप-छांव हर समय तुम्हारे साथ रहूंगा। मैं तुम्हें भूख-प्यास, अभाव और मौत के अलावा कुछ नहीं दे पाऊंगा, लेकिन आप मेरा अनुसरण करेंगे तो मैं आपको आजादी और जीत की ओर ले जाऊंगा।’ रहस्यमयी हादसे में हुआ था बोस का निधन 1845 में अंग्रेजी हुकूमत नेताजी के पीछे पड़ गई थी। इसलिए उन्होंने रूस से मदद मांगने का मन बनाया। 18 अगस्त 1945 को उन्होंने मंचूरिया की तरफ उड़ान भरी। 5 दिन बाद 23 अगस्त 1945 को टोक्यो रेडियो ने जानकारी दी कि एक Ki-21 बॉम्बर प्लेन ताइहोकू एयरपोर्ट के पास क्रैश हो गया। इसमें सवार सुभाष चंद्र बोस बुरी तरह जल गए और अस्पताल में इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। सुभाष चंद्र बोस के निधन पर दुनियाभर की 10 से ज्यादा कमेटियों ने जांच की है। आजाद भारत की सरकार ने तीन बार इस घटना की जांच के आदेश दिए। पहले दोनों बार प्लेन क्रैश को हादसे का कारण बताया गया। तीसरी जांच में कहा गया कि 1945 में कोई प्लेन क्रैश की घटना ही नहीं हुई। मोदी ने बालासाहेब ठाकरे को श्रद्धांजलि दी 23 जनवरी को शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे की भी 99वीं जयंती है। पीएम मोदी, अमित शाह ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। इधर, शिवसेना UBT के नेता संजय राउत ने कहा- शिंदे, देवेंद्र फडणवीस जैसे लोग ट्विटर पर बालासाहेब ठाकरे को श्रद्धांजलि देते हैं, तो यह सबसे बड़ा पाखंड है। संजय राउत ने कहा, बालासाहेब ठाकरे को भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जाना चाहिए। इसके लिए सरकार को 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के दौरान ऐलान करना चाहिए। ———————————- मोदी से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… मोदी बोले- हार के डर से आपदा वाले घोषणाएं कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी को दिल्ली भाजपा के कार्यकर्ताओं से कहा- दिल्ली की जनता आपदा का खेल जान गई है। उनकी पोल खुल गई है। भाजपा की जीत पक्की करने के लिए दिल्ली की जनता निकल पड़ी है। हार के डर से आपदा वाले रोज-रोज नई-नई घोषणा करते हैं। पूरी खबर पढ़ें…