कोरोना वायरस के चलते कई लाखों लोग बेरोजगार हो गए। सरकार उनकी मदद करने और ना जाने कितने योजनाएं चलाने के दावे कर रही है। लेकिन सरकार के नुमाइंदे दो वक्त की रोटी का बंदोबस्त करने में जुटे गरीबों पर डंडे चला रही है। यानी उन्हीं गरीबों को परेशान कर रहे है। ऐसा ही कुछ मंगलवार को सेक्टर 20 में देखने को मिला। जहां नोएडा अथॉरिटी के अफसर कार में बैठे रहे और उनके कर्मचारी गरीबों की रेहड़ी-पटरी से सब्जियां और फल-फ्रूट सड़क पर फेंक गए।
रेहड़ी वाले लॉकडाउन और काम धंधा ना होने का हवाला देते रहे। लेकिन नोएडा अथॉरिटी के अफसरों ने उनकी एक ना सुनी। उल्टा उन्हें पीटने की धमकी देते दिखे। सेक्टर 20 के डी ब्लाक में एक घर के बाहर कोने में सब्जी-फ्रूट की दुकान लगाने वाले अभय कुमार ने बताया कि वे लॉकडाउन से पहले सेक्टर 18 में दुकान पर काम करते थे। लेकिन लॉकडाउन में उनकी नौकरी चली गई। ऐसे में वे परिवार का गुजारा करने के लिए पैसा ब्याज पर लेकर सब्जी काम शुरू किया। लेकिन मंगलवार को नोएडा अथॉरिटी के अफसर और कर्मचारियों ने उसकी सब्जी और फ्रूट सड़क पर फेंक पर पाट लेकर चले गए। उसने नोएडा अथॉरिटी के अफसर केके शर्मा के आगे हाथ जोड़े। लेकिन उनके साथ लोगों ने उसे पीटने की धमकी देकर भगा दिया।
ऐसा ही वाकया सब्जी विक्रेता कन्हैया गुप्ता के साथ हुआ। उसकी पटरी उखाड़ दी। गुप्ता ने बताया कि जो दुकानदार नोएडा अथॉरिटी के अफसरों को दलालों के जरिए मंथली देते हैं उन्हें अफसर कार्रवाई से पहले ही सूचना दे देते हैं। ऐसे में उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है। इस बारे में जब जेई केके शर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अथॉरिटी सीईओ रितु माहेश्वरी के आदेश पर कार्रवाई की जा रही है। लेकिन जब उनसे पूछा गया कि चुनिंदा दुकानदारों के खिलाफ ही कार्रवाई क्यों की गई। जिस पर वे कोई जवाब देने के बजाय वहां से चले गए। इस बारे में अथॉरिटी सीईओ रितु माहेश्वरी का पक्ष जानने के लिए फोन पर संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने व्यस्त होने का हवाला दिया।