जनकपुरी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल से निकाले गए 40 नर्सिंग स्टाफ ने सोमवार को फिर से अस्पताल के बाहर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का पुतला दहन करने की कोशिश की। नर्सिंग स्टाफ का कहना है कि सरकार बड़ी बड़ी-बातें करती थी और जब कोरोना संकट में जान जोखिम में डाल कोरोना मरीजों के बीच ड्यूटी की तो हमें उसका ये इनाम मिला है।
अस्पताल के गेट पर धरने पर बैठे नर्सिंग स्टाफ का कहना है कि 4 दिन पहले उन्हें बिना सूचना दिए नौकरी से निकाल दिया। जब इन्होंने इस बारे में अस्पताल प्रशासन से मिलने की कोशिश की तो साफ मना कर दिया। ऐसे में नर्सिंग स्टाफ सड़क पर आ गए। कोरोना संकट के समय हम सभी लोगों ने कोरोना मरीजों की सेवा की है। यहां तक कि कई स्टाफ हमारे पॉजिटिव भी हो गए।
तब हमें कोरोना वॉरियर्स कहा गया, लेकिन इसका इनाम हमारी नौकरी छीनकर दिया गया। प्रदर्शनकारियों का कहना है जब तक कोई समाधान नहीं निकलेगा तब तक धरना प्रदर्शन करते रहेंगे।अस्पताल गेट पर धरने पर बैठे इन लोगों को हटाने के लिए पुलिस भी बुलाई गई। हालांकि इन लोगों ने मुख्यमंत्री का पुतला भी बनाया था, लेकिन उसे फूंकने नहीं दिया गया।