न्यूजीलैंड में 102 दिन बाद पहला पॉजिटिव केस सामने आया; एक परिवार के चार लोग संक्रमित; तीन दिन लॉकडाउन होगा

न्यूजीलैंड में 102 दिन पहली बार कोरोना संक्रमण का मामला सामने आया। एक ही परिवार के चार लोग संक्रमित पाए गए हैं। प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने खुद मीडिया को इसकी जानकारी दी। जेसिंडा ने यह भी कहा कि देश के पास इस तरह के हालात से निपटने के लिए इमरजेंसी प्लान तैयार है। तीन दिन ऑकलैंड में लॉकडाउन रहेगा।

बता दें कि न्यूजीलैंड सरकार ने कोरोना के हालात से निपटने के लिए चार स्टेप वाला प्लान किया था। इतना ही नहीं जब देश में कोविड-19 के हालात सुधर गए तो अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए भी रणनीति तैयार की।

एक परिवार के चार लोग संक्रमित

हेल्थ मिनिस्ट्री और इन्फेक्शन डिसीज के एक्सपर्ट डॉक्टर एश्ले ब्लूमफील्ड ने कहा- एक परिवार के छह लोगों को टेस्ट कराया गया था। इनमें से चार की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इनमें एक व्यक्ति की उम्र 50 साल से कुछ ज्यादा है। हमने जो इमरजेंसी प्लान बनाया है, उसे लागू करने जा रहे हैं। इसके लिए लोकल नेटवर्क को एक्टिव कर दिया गया है। सभी मेंबर्स के दो बार टेस्ट कराए गए। दोनों ही बार रिपोर्ट पॉजिटिव आई।

ट्रेवल हिस्ट्री नहीं, इसलिए फिक्र

मामला ऑकलैंड का है। इसमें खास बात यह है कि पॉजिटिव पाए गए किसी व्यक्ति की कोई हालिया ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है। इनके संपर्क में आने वाले सभी लोगों को आईसोलेट होने के लिए कहा गया है। नियमों के मुताबिक, अब उस पूरे क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित किया जाएगा। यह भी हो सकता है कि पूरे ऑकलैंड को तीन दिन के लिए लॉकडाउन कर दिया जाए। इस दौरान सिर्फ सरकारी कर्मचारी ही कहीं आ या जा सकेंगे। जरूरी सामान की होम डिलीवरी की जाएगी।

4-लेवल अलर्ट सिस्टम बनाया

23 मार्च को न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री आर्डर्न ने देश को संबोधित किया था। उन्होंने कहा था, ‘हमारे देश में अभी कोरोना के 102 मामले हैं। लेकिन, इतने ही मामले कभी इटली में भी थे।’ ये कहने का मकसद एक ही था कि अभी नहीं संभले तो बहुत देर हो जाएगी।’ वहां की सरकार ने कोरोना से निपटने के लिए 4-लेवल अलर्ट सिस्टम बनाया। इसमें जितना ज्यादा लेवल, उतनी ज्यादा सख्ती, उतना ज्यादा खतरा। 21 मार्च को जब सरकार ने इस अलर्ट सिस्टम को इंट्रोड्यूस किया, तब वहां लेवल-2 रखा गया था। उसके बाद 23 मार्च की शाम को लेवल-3 और 25 मार्च की दोपहर को लेवल-4 यानी लॉकडाउन लगाया गया। न्यूजीलैंड में जब लॉकडाउन लगा तब वहां कोरोना के 205 मरीज थे और भारत में जब लॉकडाउन लगा, तब यहां 571 मरीज थे।

कोरोना पॉजिटिव मरीजों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की

न्यूजीलैंड में अगर कोई व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव मिलता, तो वहां की सरकार 48 घंटे के अंदर उसकी कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग भी करती है। यानी, किसी व्यक्ति के कोरोना पॉजिटिव मिलने पर उसके सभी करीबी रिश्तेदारों-दोस्तों को कॉल किया जाता था और उन्हें अलर्ट किया जाता था। ऐसा इसलिए ताकि लोग खुद ही टेस्ट करवा लें या सेल्फ-क्वारैंटाइन में चले जाएं।

महामारी से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें:

1.कितने रुपए में मिलेगी कोरोना वैक्सीन:225 रुपए में भारत में मिलेगी सबसे सस्ती वैक्सीन, अमेरिका में कीमत 1500 से 4500 रुपए के बीच होगी

2.हल्का सर्दी-जुकाम होना कोरोना में अच्छा:रिसर्च से पता चला कि सर्दी से लड़ने वाली टी-सेल्स इम्यून सिस्टम की मेमोरी बढ़ा रहीं, ताकि ये कोरोनावायरस का मुकाबला कर सकें

3.कोरोना के गढ़ वुहान में चौंकाने वाला खुलासा:कोरोना से रिकवर होने वाले 100 से 90 मरीजों के फेफड़ों में खराबी दिखी, अब इनके घरवाले साथ बैठकर खाना भी नहीं खाते

Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today

न्यूजीलैंड के वेलिंग्टन शहर में एक हाईवे पर कार सवार की जानकारी लेती हेल्थ वर्कर। यहां हर 20 किलोमीटर पर एक चेक प्वाइंट लगाया गया है। (फाइल)