सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ते प्रदूषण और पटाखों पर बैन से जुड़े केस में सोमवार को सुनवाई की। कोर्ट ने दिवाली के दौरान आदेश का उल्लंघन होने पर दिल्ली पुलिस को एक बार फिर फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा- पटाखों पर बैन को लेकर पुलिस ने जो किया है वह महज दिखावा है, सिर्फ कच्चा माल जब्त किया गया है। प्रतिबंध को गंभीरता से लागू नहीं किया गया। जस्टिस अभय ओक और जस्टिस अगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को पटाखों पर बैन लगाने के लिए स्पेशल सेल बनाने का निर्देश दिया है। साथ ही दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह हितधारकों से परामर्श के बाद 25 नवंबर से पहले पटाखों पर स्थायी प्रतिबंध लगाने का फैसला करे। SC बोला- कोई भी धर्म प्रदूषण फैलाने वाले काम को बढ़ावा नहीं देता
सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा कि कोई भी धर्म ऐसी किसी गतिविधि को प्रोत्साहित नहीं करता है जिससे प्रदूषण फैलता हो। अगर इस तरह से पटाखे जलाए जाते हैं, तो इससे नागरिकों के स्वास्थ्य के मौलिक अधिकार पर भी असर पड़ता है। संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहने का अधिकार मिला है। कोर्ट ने कहा- पुलिस ने सरकार के आदेश को गंभीरता से नहीं लिया
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पटाखों पर बैन को लागू करने के तरीके पर असंतोष जताया। बेंच ने कहा कि दिल्ली सरकार के 14 अक्टूबर को लगाए गए प्रतिबंध आदेश को दिल्ली पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया। दिल्ली पुलिस को सभी लाइसेंस धारकों को सूचित करना चाहिए था कि वे पटाखों की बिक्री तुरंत बंद कर दें। कोर्ट ने कहा दिल्ली पुलिस तुरंत उन संस्थाओं को भी जानकारी दे जो ऑनलाइन पटाखे बेचते हैं। ताकि वेराजधानी दिल्ली की सीमाओं के भीतर पटाखों को बेचना बंद कर दें। साथ ही कहा- पुलिस कमिश्नर यह सुनिश्चित करें कि पटाखों पर बैन पूरे साल लागू करने के लिए सभी लोकल पुलिस स्टेशनों के थाना प्रभारी जिम्मेदार होंगे।
सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा कि कोई भी धर्म ऐसी किसी गतिविधि को प्रोत्साहित नहीं करता है जिससे प्रदूषण फैलता हो। अगर इस तरह से पटाखे जलाए जाते हैं, तो इससे नागरिकों के स्वास्थ्य के मौलिक अधिकार पर भी असर पड़ता है। संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहने का अधिकार मिला है। कोर्ट ने कहा- पुलिस ने सरकार के आदेश को गंभीरता से नहीं लिया
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पटाखों पर बैन को लागू करने के तरीके पर असंतोष जताया। बेंच ने कहा कि दिल्ली सरकार के 14 अक्टूबर को लगाए गए प्रतिबंध आदेश को दिल्ली पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया। दिल्ली पुलिस को सभी लाइसेंस धारकों को सूचित करना चाहिए था कि वे पटाखों की बिक्री तुरंत बंद कर दें। कोर्ट ने कहा दिल्ली पुलिस तुरंत उन संस्थाओं को भी जानकारी दे जो ऑनलाइन पटाखे बेचते हैं। ताकि वेराजधानी दिल्ली की सीमाओं के भीतर पटाखों को बेचना बंद कर दें। साथ ही कहा- पुलिस कमिश्नर यह सुनिश्चित करें कि पटाखों पर बैन पूरे साल लागू करने के लिए सभी लोकल पुलिस स्टेशनों के थाना प्रभारी जिम्मेदार होंगे।