झारखंड के रांची मेंअव्यवस्था केवल रिम्स में ही नहीं सदर अस्पताल में भी है। यहां भी हर दिन मरीज और परिजनको कर्मचारी तो कभी डॉक्टर नहोने की वजह से परेशान होना पड़ता है। शनिवार को इसकी बानगी देखने को मिली, जब दर्द से छटपटाती एक गर्भवती महिला को स्ट्रेचर नहीं मिलने के कारण उसके पति ने उसे गोद में उठाकर एंंबुलेंस तक पहुंचाया।वहीं दूसरी ओर कर्मचारी स्ट्रेचर पर कुर्सी ढोने में व्यस्त रहे।महिला के पति ने बताया कि डॉक्टरों ने पत्नी को रिम्स रेफर कर दिया,लेकिन देर तक इंतजार के बाद भी जब कोई ट्रॉलीमैन नहीं आया तो खुद ही पत्नी को गोद में उठाकर एंबुलेंस में पहुंचाया। वहीं, सदर अस्पताल के डिप्टी सुपरिंटेंडेंटडॉ. सव्यसाची मंडल कहते हैं कि हमारे यहां कर्मचारियों की कमी नहीं है।
टूल रूम के इंजीनियरों ने बढ़ाई राजभवन की शोभा
रांची में राजभवन की शोभा बढ़ाने के लिए स्टेनलेस स्टील का चार सौ किलो वजन का चरखा तैयार किया है। टूल रूम के प्रमुखमहेश गुप्ता ने बताया कि इस तरह का भव्य चरखा दिल्ली के कनाॅट प्लेस के बादझारखंड के राजभवन में स्थापित किया गया है। लागत करीब15 लाख रुपए है।
इन्हें रोक सको तो रोक लो
फोटो दुर्ग केशिवनाथ नदी के महमरा एनीकट की है। बारिश की वजह से एनीकट का जलस्तर बढ़गया है। इसकी वजह से तीन से चार गेट खोलने भी पड़े। यहां 4 साल में डूबने की वजह से 25 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। ऐसे स्पॉट पर सुरक्षा के उपाय नहीं हैं। बच्चे अब भी मस्ती के साथ डुबकी लगा रहे हैं। यहांपुलिस भी मौजूद नहीं है।
राजस्थान के चूरू मेंकेरल जैसी क्रूरता
पिछले दिनाें केरल में विस्फाेटक खिलाकर हथिनी के साथ की गई क्रूरता जैसा मामला शनिवार कोराजस्थान के चूरूके साजनसर गांव में सामने आया। यहां एक खेत में एक चार साल की ऊंटनी के घुसने पर तीन लाेगाें ने बर्बरतापूर्वक कुल्हाड़ी से वार करउसकेपैर काट दिए।
हिप्पो ने शावक जन्मा
जयपुर केनाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क से एक के बाद एक जानवरों की मौत की खबर आ रही थी, अब यहां सेअरसे बाद ‘गुड-न्यूज’ मिली है। पिछले साल अगस्त में लाए गए दुर्लभतम हिप्पो के जोड़े से एक शावक जन्मा है। प्रदेश में पहली बार ही पिछले साल अगस्त में डीएफओ सुदर्शन शर्मा के प्रयास से हिप्पो (मेल-राजा और फीमेल-रानी) लाने में सफलता मिली थी।
रबी के बाद खरीफ चट करने के तैयारी में टिड्डी
राजस्थान के बाड़मेरजिले में टिड्डी हमले से किसान परेशानियों का सामना कर रहे हैं। पिछले साल से लगातार हो रहे टिड्डी हमले ने फसलों को तबाह कर दिया। रबी की फसलों को चट करने के बाद अब खरीफ की फसलखराब होनेकी आशंका बढ़ रही है। पाकिस्तान की तरफ से आ रहे टिडि्डयों के दल बाड़मेर सहित देश के कई राज्यों में पहुंच चुके हैं। प्रशासनिक स्तर पर टिड्डी नियंत्रण के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके बावजूद उनके हमले लगातार जारी हैं।
जुलाई में थमा बारिश का दौर
फाेटोमध्यप्रदेश केरायसेन जिले की है।जून में लगातार बारिश हो रही थी जिससे बारिश का आंकड़ा बढ़ गया था,लेकिन जुलाई माह में बारिश का दौर थमा हुआ है।कभी-कभार ही बारिश हो रही है जिससे लोगों को गर्मी और उमस से निजात नहीं मिल पा रही है। पिछले साल18 जुलाई तक 330.9 मिमीबारिश हुई थी, जबकि इस साल जुलाई माह में अब तक 385.5 मिमी बारिश हो चुकी है।
शहर और जंगली क्षेत्र में बारिश से नदियां लबालब
फोटो मध्यप्रदेश केश्योपुर जिले की है।पिछले दिनों शहर और जंगली क्षेत्रों में हुई बारिश से शहर के आसपास की नदियां लबालब हैं। शहर कीपुलिस लाइन के पीछे से गुजर रही अमराल नदी में भी इन दिनों भरी है। अमराल नदी के पिकनिक स्पॉट हाथी टीला के पास जगह-जगह बह रहे येदूधियाझरने लोगों को लुभा रहे हैं। यहां पिकनिक मनाने के लिए कई लोग पहुंच रहेहैं।
सारनी के सतपुड़ा डैम के ऊपर दिखा इंद्रधनुष
मध्यप्रदेश केबैतूल जिले के सारनी के सतपुड़ा डैम के पास शनिवार शामइंद्रधनुष का मनमाेहक नजारा बना। इस तस्वीर को वन्य जीवों संरक्षण के लिए कामकरने वाले आदिल खान ने छठ घाट (स्किमर वाल) से कैमरे में कैद किया।